हाइलाइट्स
- सरकारी अस्पताल विवाद पर शामली में डॉक्टर के डांस का वीडियो वायरल
- ड्यूटी रूम में शूट हुआ वीडियो, स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप
- CMO ने डॉक्टर को नोटिस थमाया, 24 घंटे में स्पष्टीकरण मांगा
- वीडियो में दिख रही महिला को लेकर भी चर्चाएं तेज
- मरीजों के इलाज के दौरान मनोरंजन या निजी उत्सव पर उठे बड़े सवाल
उत्तर प्रदेश के शामली जिले में एक वीडियो तेजी से फैल रहा है। यह वीडियो किसी पार्टी या घर की नहीं, बल्कि जिले के एक सरकारी अस्पताल विवाद का हिस्सा बनकर सामने आया है। वीडियो में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर अफकार सिद्दीकी डांस करते नजर आ रहे हैं और उनके साथ एक महिला भी शामिल है, जिसे डॉक्टर की मंगेतर बताया जा रहा है। यह मामला जैसे ही सोशल मीडिया पर पहुंचा, पूरे जिले में चर्चा शुरू हो गई।
कैसे शुरू हुआ सरकारी अस्पताल विवाद
वीडियो अस्पताल के ड्यूटी रूम में शूट किया गया। आमतौर पर ऐसा कम होता है कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ा कोई निजी वीडियो इस रूप में सामने आए। लेकिन यहां मामला अलग था। न सिर्फ डॉक्टर यूनिफॉर्म में नजर आ रहे थे, बल्कि यह भी दिख रहा था कि यह ड्यूटी समय के दौरान रिकॉर्ड किया गया। यही कारण है कि यह वीडियो सीधे एक गंभीर सरकारी अस्पताल विवाद में बदल गया।
सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि मरीजों के इलाज, निगरानी और इमरजेंसी सेवाओं के लिए नियुक्त सरकारी डॉक्टर ड्यूटी समय में इस तरह डांस कैसे कर सकते हैं। मरीजों की सुरक्षा और जिम्मेदारी को लेकर यह घटना विभाग की छवि को प्रभावित करती है।
यूपी –
शामली जिले के एक सरकारी अस्पताल के ड्यूटी रूम में डॉक्टर का डांस, CMO ने नोटिस देकर जवाब मांगा !!कहा जा रहा है कि डॉक्टर अफकार सिद्दीकी सगाई की खुशी में डांस कर रहे हैं और साथ में डांस करने वाली उनकी मंगेतर है। pic.twitter.com/q7FWRs7xdV
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) November 21, 2025
CMO ने भेजा नोटिस
वीडियो वायरल होते ही जिलास्तर पर हड़कंप मच गया। शामली के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) ने डॉक्टर अफकार सिद्दीकी को नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है। नोटिस में पूछा गया है कि ड्यूटी समय में और सरकारी ड्यूटी स्थल पर निजी गतिविधि क्यों हुई और इससे अस्पताल के कामकाज पर क्या असर पड़ा।
फिलहाल डॉक्टर से स्पष्टीकरण मांगा गया है, लेकिन यह सरकारी अस्पताल विवाद अब जांच समिति के पास पहुंच गया है। विभाग का कहना है कि यदि लापरवाही साबित होती है तो प्रशासनिक कार्रवाई तय है।
क्या यह निजी खुशी थी या विभागीय लापरवाही?
वीडियो में दिख रही महिला को डॉक्टर की मंगेतर बताया जा रहा है। कुछ लोग इसे सगाई की खुशी बताते हैं, जबकि कुछ का कहना है कि निजी समारोह को ड्यूटी रूम में मनाना अनुशासनहीनता है। विवाद इस बात पर है कि सरकारी अस्पताल केवल इलाज और आपात सेवाओं के लिए निर्धारित जगह है। वहां निजी खुशी मनाना या डांस करना स्वाभाविक रूप से सरकारी अस्पताल विवाद का कारण बनता है।
डॉक्टरों के काम में तनाव को देखते हुए कई लोग यह भी तर्क दे रहे हैं कि थोड़ी खुशी मनाना गलत नहीं। लेकिन यह तर्क अस्पताल के नियमों और जिम्मेदारी से ऊपर नहीं हो सकता।
ड्यूटी रूम में मोबाइल से रिकॉर्डिंग पर भी सवाल
अस्पताल के ड्यूटी रूम में किसी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश अनुमत नहीं होता, जब तक कि खास वजह न हो। ऐसे में वीडियो में डॉक्टर की मंगेतर का अंदर होना भी सवालों में है। यह सुरक्षा और गोपनीयता दोनों से जुड़ा पहलू है।
ड्यूटी रूम में नियम
- वहां केवल चिकित्सा टीम या प्रशासनिक स्टाफ की अनुमति होती है
- मोबाइल रिकॉर्डिंग कई जगह प्रतिबंधित
- मरीजों से जुड़े दस्तावेज़, औजार और उपकरण मौजूद होते हैं
- ड्यूटी समय में किसी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जाता
इन नियमों के चलते वीडियो ने पूरे मामले को और गंभीर बना दिया है।
सोशल मीडिया पर अलग-अलग प्रतिक्रिया
घटना पर सोशल मीडिया पर दो तरह की प्रतिक्रिया सामने आई है। एक पक्ष डॉक्टर का समर्थन कर रहा है, यह कहते हुए कि डांस एक निजी पल था। लेकिन दूसरा पक्ष इसे सीधी लापरवाही मानते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है।
समर्थन करने वाले लोग कह रहे हैं कि डॉक्टर भी इंसान हैं, उनकी भी निजी जिंदगी होती है। वहीं विरोध करने वाले लोगों का कहना है कि सरकारी सेवा में जिम्मेदारी पहले आती है और नियमों को ताक पर रखकर मज़ा नहीं लिया जा सकता।
इसी बीच कई उपयोगकर्ता यह भी कह रहे हैं कि यह वीडियो एक साधारण घटना नहीं, बल्कि एक व्यापक सरकारी अस्पताल विवाद का उदाहरण है, जहां अनुशासन और नियंत्रण की कमी साफ दिखाई देती है।
अस्पताल प्रशासन की छवि पर असर
अस्पताल प्रशासन पहले से ही कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। डॉक्टरों की कमी, दवाओं की उपलब्धता और मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच ऐसे वीडियो सरकारी अस्पतालों की विश्वसनीयता प्रभावित करते हैं। शामली का यह मामला अब दूसरे जिलों में भी बहस का विषय बन गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकारी अस्पतालों में पहले ही निगरानी कम है। यदि ऐसे मामले बढ़े तो लोग और भी सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं से दूरी बना सकते हैं।
क्या कार्रवाई हो सकती है?
यदि जांच में यह साबित होता है कि डॉक्टर ने ड्यूटी समय में गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार किया, तो विभागीय कार्रवाई तय है। इसमें चेतावनी, रोक, ट्रांसफर या निलंबन तक शामिल हो सकता है। विभाग ने साफ किया है कि अस्पताल की गरिमा से समझौता नहीं किया जाएगा।
इसके साथ ही स्थिति यह भी बनी है कि यह पूरा मामला जिले में नए सरकारी अस्पताल विवाद के रूप में दर्ज हो चुका है, जिससे विभाग पर कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है।
स्थानीय लोगों की राय
अस्पताल में आने वाले मरीजों और उनके परिजनों से जब पूछा गया, तो कई लोगों ने कहा कि उन्हें अस्पताल से जिम्मेदारी की उम्मीद है। उनका कहना है कि ऐसा वीडियो उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाता है।
एक मरीज के परिजन ने कहा, “हम यहां इलाज के लिए आते हैं, न कि डॉक्टरों के डांस का माहौल देखने।”
दूसरे ने कहा, “निजी खुशी अपनी जगह है, लेकिन अस्पताल में नहीं। यही वजह है कि यह बड़ा सरकारी अस्पताल विवाद बन गया है।”
शामली जिले का यह वीडियो केवल एक डांस वीडियो नहीं, बल्कि एक सवाल है कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में अनुशासन कितना मजबूत है। निजी खुशी और पेशेवर जिम्मेदारी के बीच संतुलन जरूरी है, लेकिन ड्यूटी के दौरान अस्पताल परिसर में मनाया गया उत्सव किसी भी तरह स्वीकार्य नहीं माना जा सकता। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, यह साफ होगा कि डॉक्टर की ओर से क्या चूक हुई और विभाग इस सरकारी अस्पताल विवाद को कैसे संभालता है।
अस्पताल की विश्वसनीयता, मरीजों का भरोसा और सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की छवि—सब कुछ इस मामले से प्रभावित हुआ है। अब यह देखना होगा कि जांच रिपोर्ट के बाद स्थिति किस दिशा में जाती है।