हाइलाइट्स
- मुरादाबाद फ्रिज घटना में मां ने 15 दिन के बच्चे को फ्रिज में रखा
- बच्चे की दादी ने रोने की आवाज सुनकर नवजात को बाहर निकाला
- डॉक्टर ने चेकअप कर बच्चे को पूरी तरह सुरक्षित बताया
- परिवार ने मां के व्यवहार को भूत-प्रेत का साया समझकर झाड़-फूंक कराई
- आखिरकार महिला का साइकेट्रिक इलाज शुरू किया गया
मुरादाबाद फ्रिज घटना से हड़कंप
यूपी के मुरादाबाद में मुरादाबाद फ्रिज घटना ने पूरे इलाके को हैरान कर दिया। कटघर थाना क्षेत्र की जब्बार कॉलोनी में रहने वाली 23 वर्षीय महिला ने अपने 15 दिन के दुधमुंहे बच्चे को फ्रिज में रख दिया और खुद सोने चली गई। बच्चे के रोने की आवाज सुनकर दादी मौके पर पहुंचीं और जब फ्रिज खोला तो अंदर बच्चा मिला। गनीमत रही कि समय रहते बच्चे को बाहर निकाल लिया गया और डॉक्टर के पास ले जाया गया।
बच्चे को फ्रिज से निकालने का पल
इस मुरादाबाद फ्रिज घटना की शुरुआत 5 सितंबर की रात हुई। महिला ने नवजात को फ्रिज में लिटाया और अपने कमरे में चली गई। ठंड के कारण बच्चा जोर-जोर से रोने लगा। आवाज सुनकर सास ने किचन में जाकर देखा तो फ्रिज से रोने की आवाज आ रही थी। जब दरवाजा खोला गया तो मासूम बच्चा कांपता हुआ मिला। तुरंत उसे बाहर निकाला गया और डॉक्टर के पास ले जाया गया।
डॉक्टर ने बताया बच्चा सुरक्षित
परिवार बच्चे को लेकर तुरंत डॉक्टर के पास पहुंचा। डॉक्टर ने चेकअप के बाद बताया कि बच्चा सुरक्षित है और कोई गंभीर खतरा नहीं है। इस मुरादाबाद फ्रिज घटना ने परिवार को झकझोर दिया। सवाल यह था कि आखिर मां ने ऐसा क्यों किया।
मां ने कहा- बच्चा सो नहीं रहा था
जब परिवारजन घर लौटे तो उन्होंने महिला से पूछा कि बच्चा फ्रिज में कैसे पहुंचा। इस पर महिला ने सीधा जवाब दिया कि बच्चा सो नहीं रहा था, इसलिए उसने उसे फ्रिज में रख दिया। यह सुनकर परिवार और ज्यादा परेशान हो गया। इस जवाब से मुरादाबाद फ्रिज घटना का रहस्य और गहराता चला गया।
परिवार ने माना भूत-प्रेत का असर
महिला के इस अजीब व्यवहार को परिवारजन समझ नहीं पाए। उन्हें लगा कि महिला पर भूत-प्रेत का साया है। 6 सितंबर को महिला को तांत्रिक के पास ले जाया गया और झाड़-फूंक कराई गई। लेकिन कोई असर नहीं हुआ। इस मुरादाबाद फ्रिज घटना का सच अब भी परिवार से छुपा रहा।
मानसिक बीमारी की असली वजह
डॉक्टरों के मुताबिक महिला पोस्टपार्टम डिसऑर्डर (प्रसव के बाद होने वाली मानसिक बीमारी) से जूझ रही थी। इस बीमारी के कारण कई बार महिलाएं असामान्य और खतरनाक व्यवहार कर सकती हैं। लेकिन परिवार को इस बीमारी की जानकारी नहीं थी। नतीजा यह हुआ कि मुरादाबाद फ्रिज घटना जैसे खतरनाक हालात पैदा हो गए।
मानसिक स्वास्थ्य पर समाज की अनदेखी
इस मुरादाबाद फ्रिज घटना ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि हमारे समाज में मानसिक स्वास्थ्य को क्यों अनदेखा किया जाता है। अक्सर लोग मानसिक बीमारियों को भूत-प्रेत या ऊपरी हवा का असर मानकर तांत्रिकों और झाड़-फूंक का सहारा लेते हैं। जबकि असली जरूरत डॉक्टर और काउंसिलिंग की होती है।
महिला का इलाज शुरू
परिवार के एक रिश्तेदार ने सलाह दी कि महिला को साइकेट्रिक डॉक्टर को दिखाया जाए। डॉक्टर ने काउंसिलिंग की और इलाज शुरू किया। फिलहाल महिला का उपचार जारी है। इस मुरादाबाद फ्रिज घटना के बाद परिवार ने भी समझा कि अंधविश्वास की बजाय वैज्ञानिक इलाज ही सही रास्ता है।
विशेषज्ञों की राय
मनोचिकित्सकों का कहना है कि प्रसव के बाद महिलाएं डिप्रेशन, चिंता या मानसिक भ्रम का शिकार हो सकती हैं। ऐसे मामलों में तुरंत पहचान और इलाज जरूरी है। वरना मुरादाबाद फ्रिज घटना जैसे हादसे हो सकते हैं।
समाज को सीख
मुरादाबाद फ्रिज घटना से यह साफ होता है कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बेहद जरूरी है। परिवार और समाज को यह समझना होगा कि मानसिक बीमारी कोई शर्म की बात नहीं बल्कि एक सामान्य चिकित्सकीय समस्या है। समय रहते इलाज मिलने पर हालात काबू में आ सकते हैं।
मुरादाबाद फ्रिज घटना ने एक मासूम की जान खतरे में डाल दी, लेकिन वक्त रहते बच्चे को बचा लिया गया। यह घटना अंधविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी का परिणाम है। समाज को अब यह समझना होगा कि मानसिक बीमारियों को छुपाने से या तांत्रिकों के पास जाने से समस्या हल नहीं होती। सही समय पर डॉक्टर और विशेषज्ञ की मदद लेना ही असली समाधान है।