बहने आज भाई दूज के दिन भूल कर भी न करें ये 5 गलतियाँ, नहीं तो भाई को हो सकता है बड़ा नुकसान

Astrology

हाइलाइट्स

  • भाई दूज पर बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं
  • इस दिन कुछ परंपरागत नियमों का पालन न करने से शुभ प्रभाव कम हो जाता है
  • जानें कौन-सी 5 गलतियाँ हैं जो इस पावन दिन पर नहीं करनी चाहिए

भाई दूज का महत्व

दीपावली के तुरंत बाद आने वाला भाई दूज भाई-बहन के स्नेह और सुरक्षा का त्योहार है। इस दिन बहनें अपने भाई की आरती उतारती हैं, तिलक लगाती हैं और उसके दीर्घायु होने की प्रार्थना करती हैं। भाई दूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन यमराज अपनी बहन यमी (या यमुना) से मिलने आए थे। मान्यता है कि जो बहन इस दिन विधि-विधान से पूजा करती है, उसके भाई की आयु बढ़ती है और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

लेकिन कुछ छोटी-छोटी गलतियाँ इस शुभ दिन की सकारात्मकता को प्रभावित कर सकती हैं। चलिए जानते हैं वे 5 गलतियाँ जिन्हें भाई दूज के दिन बहनों को भूलकर भी नहीं करनी चाहिए।

1. भाई दूज पर भाई की आरती बिना दीपक जलाए न करें

कई बार जल्दबाजी में बहनें दीपक जलाना भूल जाती हैं, लेकिन यह भाई दूज की पूजा का अहम हिस्सा है। बिना दीपक के आरती करना अशुभ माना जाता है। दीपक को उत्तर दिशा की ओर रखकर जलाना शुभ फल देता है।

2. तिलक लगाते समय भाई का मुंह दक्षिण दिशा में न हो

भाई दूज पर तिलक के समय दिशा का खास ध्यान रखना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन भाई का मुंह पश्चिम या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। दक्षिण दिशा यम की दिशा मानी जाती है, जो अशुभ फल दे सकती है।

3. भाई दूज पर झगड़ा या कठोर वचन न कहें

इस दिन भाई-बहन के बीच प्रेम और एकता का प्रतीक मनाया जाता है। इसलिए किसी भी तरह की बहस या कटु शब्द इस पावन अवसर की पवित्रता को कम कर देते हैं। कोशिश करें कि भाई दूज के दिन आपस में मधुर व्यवहार करें और पुराने मतभेद भूल जाएँ।

4. भाई दूज के दिन बहन खाली पेट पूजा न करें

कहा जाता है कि अगर बहन भाई दूज के दिन खाली पेट पूजा करती है तो उसका असर अधूरा रह जाता है। पूजा से पहले हल्का फल या जल ग्रहण करना चाहिए। ऐसा करने से पूजा का फल संपूर्ण माना जाता है।

5. भाई को बिना तिलक और मिठाई के न छोड़ें

भाई दूज पर तिलक और मिठाई दोनों का विशेष महत्व है। मिठाई से रिश्ते में मिठास बढ़ती है और तिलक से सुरक्षा का आशीर्वाद मिलता है। इसलिए तिलक के बाद भाई को मिठाई जरूर खिलाएं और उसका आशीर्वाद लें।

भाई दूज से जुड़ी मान्यता और शुभ समय

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भाई दूज के दिन यमुना ने अपने भाई यमराज का स्वागत कर उन्हें तिलक लगाया था। इस पर यमराज ने वचन दिया कि जो भी बहन अपने भाई का इस दिन तिलक करेगी, उसे मृत्यु का भय नहीं रहेगा।

इस वर्ष भाई दूज का शुभ मुहूर्त प्रातःकाल से लेकर दोपहर तक रहेगा। इसी समय पूजा करना सबसे शुभ माना गया है।

भाई दूज सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक है। इस दिन बहनों का स्नेह और भाइयों का आशीर्वाद दोनों मिलकर जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं। इसलिए इन छोटी गलतियों से बचें और पूरे विधि-विधान के साथ भाई दूज मनाएँ ताकि भाई की उम्र लंबी हो और जीवन में सुख-शांति बनी रहे।

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