Mock Drill India 2025

7 मई को देशभर में गूंजेगा युद्ध सायरन: ‘Mock Drill India 2025’ सिर्फ अभ्यास है या किसी बड़े खतरे का संकेत

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 हाइलाइट्स

  • Mock Drill India 2025 के तहत 7 मई को देशभर में सायरन बजने की चेतावनी दी गई है
  • गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान से बढ़ते तनाव के मद्देनजर सभी राज्यों को अलर्ट मोड पर रखा
  • हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन, बंकर साफ-सफाई और प्रशिक्षण पर विशेष फोकस
  • नागरिकों को आपातकालीन स्थिति में सुरक्षित रहने के लिए तैयार करने की योजना
  • दिल्ली, नोएडा सहित संवेदनशील इलाकों में विशेष सुरक्षा और निगरानी प्रबंध लागू

केंद्र की सतर्कता: ‘Mock Drill India 2025’ से जंग की तैयारी का अभ्यास

नई दिल्ली – केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान के साथ हालिया तनाव और जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले के बाद पूरे देश में ‘Mock Drill India 2025’ के तहत हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। इस पहल के तहत 7 मई को पूरे देश में युद्ध जैसी स्थिति की मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी, जिसमें एयरस्ट्राइक चेतावनी सायरन, नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण, और बंकरों की जांच जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया है।

यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक बार फिर तल्खी देखने को मिल रही है और सुरक्षा एजेंसियां ‘नए और जटिल खतरों’ की आशंका जता रही हैं।

मॉक ड्रिल के पीछे का मकसद

सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने की पहल

‘Mock Drill India 2025’ का मूल उद्देश्य जनता को युद्ध या आपदा जैसी आपात स्थितियों में सुरक्षित रहने की प्रक्रिया से परिचित कराना है। गृह मंत्रालय के अनुसार, मॉक ड्रिल केवल सैन्य स्तर पर ही नहीं बल्कि आम जनता को भी मानसिक रूप से तैयार करने की प्रक्रिया है।

“जनता को सिखाना जरूरी है कि अगर वॉर्निंग सायरन बजे तो वह क्या करें, कैसे प्रतिक्रिया दें, और कहां शरण लें।”

इस अभ्यास से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर व्यक्ति आपात स्थिति में शांतिपूर्वक और तेज़ी से सुरक्षित स्थानों तक पहुंच सके।

कौन-कौन से उपाय होंगे ‘Mock Drill India 2025’ के अंतर्गत?

 सायरन टेस्टिंग और प्रशिक्षण कार्यक्रम

  • हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन
    यह सायरन आम हॉर्न से काफी अलग होता है। इसकी आवाज में कंपन होता है और यह बहुत तीव्रता से बजता है – लगभग 120-140 डेसिबल तक।
  • सुरक्षा प्रशिक्षण
    नागरिकों को यह सिखाया जाएगा कि सायरन बजते ही उन्हें कैसे प्रतिक्रिया देनी है। स्कूल, कॉलेज, कार्यालय और बाजार जैसे स्थानों में यह अभ्यास किया जाएगा।
  • बंकर और खाईयों की जांच और सफाई
    पहले से बने आपातकालीन बंकरों की सफाई और उन्हें उपयोग के लिए तैयार करने का निर्देश भी दिया गया है।
  • सामूहिक रूप से अभ्यास
    पूरे मोहल्ले या क्षेत्र स्तर पर सामूहिक अभ्यास किए जाएंगे ताकि हर स्तर पर प्रतिक्रिया को मापा जा सके।

सायरन की विशेषताएं और उसका महत्व

 युद्ध सायरन की तकनीकी विशेषताएं

विशेषता विवरण
ध्वनि तीव्रता 120-140 डेसिबल
सुनने की दूरी 2-5 किलोमीटर
ध्वनि पैटर्न साइक्लिक (धीरे-धीरे तेज और फिर कम)
उद्देश्य जनता को आपात स्थिति के प्रति आगाह करना

सायरन कहाँ लगाए जाते हैं?

  • प्रशासनिक भवन
  • पुलिस मुख्यालय
  • फायर स्टेशन
  • सैन्य ठिकाने
  • भीड़भाड़ वाले इलाके
  • संवेदनशील ज़ोन (जैसे दिल्ली, नोएडा)

इतिहास में कब-कब बजा युद्ध सायरन

भारत के युद्धकालीन अनुभव

  • 1962 – चीन युद्ध: लद्दाख और उत्तर-पूर्वी भारत में सायरन सिस्टम का प्रयोग
  • 1965 – भारत-पाक युद्ध: पंजाब और कश्मीर में व्यापक सायरन उपयोग
  • 1971 – बांग्लादेश युद्ध: दिल्ली, अमृतसर, जोधपुर में सायरन अलर्ट
  • 1999 – कारगिल युद्ध: जम्मू और कश्मीर के बॉर्डर इलाकों में सक्रिय सायरन प्रणाली

मॉक ड्रिल के दौरान नागरिकों को क्या करना चाहिए?

 जरूरी कदम:

  1. खुले स्थानों से हटकर सुरक्षित स्थानों पर जाएं
  2. पैनिक न करें और शांत रहें
  3. रेडियो, टीवी और सरकारी अलर्ट्स पर ध्यान दें
  4. अफवाहों से बचें
  5. प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें

“सायरन बजने के 5-10 मिनट के भीतर सुरक्षित स्थान पर पहुंचना अनिवार्य होगा।”

राष्ट्रीय सुरक्षा में नई रणनीति की झलक

क्यों महत्वपूर्ण है Mock Drill India 2025?

भारत में लंबे समय से नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण को नजरअंदाज किया गया है। लेकिन Mock Drill India 2025 एक प्रयास है जिसमें आम जनता, प्रशासनिक मशीनरी और सुरक्षा बलों के बीच तालमेल को परखा जाएगा।

यह मॉक ड्रिल न केवल शांति काल में युद्ध जैसी स्थिति की तैयारी है, बल्कि यह भविष्य की जटिल आपात परिस्थितियों – जैसे सायबर अटैक, ड्रोन स्ट्राइक या बायोलॉजिकल वारफेयर – के प्रति भारत की तत्परता को दर्शाती है।

Mock Drill India 2025‘ केवल एक प्रतीकात्मक अभ्यास नहीं, बल्कि एक गंभीर और दूरदर्शी योजना है जिसका उद्देश्य है – भारत को हर संभावित खतरे के लिए तैयार करना। यह पहल राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति का एक मजबूत स्तंभ बन सकती है, बशर्ते इसे निरंतरता और जागरूकता के साथ लागू किया जाए।

देशवासियों से अपेक्षा की जा रही है कि वे इस ड्रिल को गंभीरता से लें और अभ्यास में सक्रिय रूप से भाग लें। यह न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा का प्रश्न है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का एक अहम हिस्सा भी।

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