हाइलाइट्स:
- India Health System Ranking को लेकर WHO की नई रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
- स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और उपलब्धता के आधार पर 194 देशों की तुलना की गई है।
- भारत की रैंकिंग में मामूली सुधार जरूर हुआ है, लेकिन कई पड़ोसी देश अब भी आगे हैं।
- रिपोर्ट में ग्रामीण भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर गंभीर चेतावनी दी गई है।
- नीति आयोग और स्वास्थ्य मंत्रालय ने WHO रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दी है।
WHO रिपोर्ट का निष्कर्ष: वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली में भारत की स्थिति
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की हालिया रिपोर्ट ने एक बार फिर वैश्विक स्तर पर देशों की India Health System Ranking की समीक्षा को सुर्खियों में ला दिया है। इस रिपोर्ट में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच, गुणवत्ता, खर्च, और परिणामों के आधार पर 194 देशों को रैंक किया गया है।
भारत की स्थिति: आशा और चिंता का मिश्रण
India Health System Ranking के अनुसार भारत इस बार 112वें स्थान पर रहा है। 2020 की पिछली रिपोर्ट में भारत 118वें स्थान पर था, जो दर्शाता है कि कुछ क्षेत्रों में सुधार जरूर हुआ है, लेकिन अभी लंबा रास्ता तय करना बाकी है।
किन मानदंडों पर आधारित है WHO की यह रिपोर्ट?
Health Access and Quality Index
WHO की रिपोर्ट में India Health System Ranking तय करने के लिए मुख्य रूप से निम्नलिखित बिंदुओं का मूल्यांकन किया गया:
- Health Access (स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच)
- Quality of Healthcare (स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता)
- Out-of-Pocket Expenditure (निजी खर्च का प्रतिशत)
- Infant and Maternal Mortality Rate (शिशु एवं मातृ मृत्यु दर)
- Preventable Diseases Control (रोकथाम योग्य बीमारियाँ)
इन सभी संकेतकों पर भारत का प्रदर्शन औसत से नीचे रहा, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
पड़ोसी देशों की तुलना में भारत कहां खड़ा है?
जब बात India Health System Ranking की आती है, तो अक्सर हम अपने पड़ोसी देशों की तुलना करते हैं। इस रिपोर्ट में:
- श्रीलंका: 75वां स्थान
- भूटान: 89वां स्थान
- नेपाल: 108वां स्थान
- पाकिस्तान: 130वां स्थान
- बांग्लादेश: 105वां स्थान
यह तुलना दर्शाती है कि भारत कई मामलों में आगे है, लेकिन श्रीलंका जैसे देश अब भी बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था प्रदान कर रहे हैं।
रिपोर्ट में क्या कहा गया ग्रामीण भारत को लेकर?
WHO ने विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर ध्यान आकर्षित किया है, जहां India Health System Ranking को प्रभावित करने वाले अनेक कारण मौजूद हैं:
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की भारी कमी
- योग्य डॉक्टरों और नर्सों की कमी
- बुनियादी सुविधाओं का अभाव
- टीकाकरण की कम दर
रिपोर्ट के अनुसार, यदि भारत को अपनी India Health System Ranking को बेहतर बनाना है, तो ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं पर अधिक निवेश करना होगा।
केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया
स्वास्थ्य मंत्रालय ने WHO की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा:
“हम भारत की India Health System Ranking को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। आयुष्मान भारत, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन और डिजिटल हेल्थ मिशन जैसे कार्यक्रमों से सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।”
नीति आयोग ने भी सुझाव दिया कि राज्य सरकारों और केंद्र को मिलकर काम करना होगा ताकि सामूहिक रूप से स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया जा सके।
विशेषज्ञों की राय: सुधार की दिशा क्या हो?
प्रमुख स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की India Health System Ranking को सुधारने के लिए निम्नलिखित कदम जरूरी हैं:
- स्वास्थ्य बजट में वृद्धि
- ग्रामीण इलाकों में डॉक्टरों की तैनाती
- तकनीक आधारित समाधान जैसे टेलीमेडिसिन को बढ़ावा
- सभी राज्यों के लिए यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज की नीति
- मेडिकल शिक्षा में सुधार और अधिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना
भारत के लिए एक चेतावनी और अवसर
WHO की यह रिपोर्ट भारत की India Health System Ranking के माध्यम से यह दर्शाती है कि देश को स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े और स्थायी बदलाव लाने की ज़रूरत है। यह एक चेतावनी भी है और साथ ही अवसर भी – यदि नीतिगत बदलाव और ज़मीनी स्तर पर सुधार किए जाएँ तो भारत आने वाले वर्षों में वैश्विक स्वास्थ्य मानचित्र पर एक अग्रणी देश बन सकता है।