Deepfake Scams

सिर्फ एक वीडियो और बर्बाद हो सकती है ज़िंदगी – Deepfake धोखाधड़ी का खौफनाक सच

Technology

हाइलाइट्स

  • Deepfake Scams तकनीक के जरिए साइबर अपराधी बना रहे हैं लोगों को निशाना
  • नकली वीडियो और ऑडियो से हो रही है पहचान की चोरी और धोखाधड़ी
  • सोशल मीडिया से लेकर सरकारी तंत्र तक पर मंडरा रहा खतरा
  • आम आदमी से लेकर सेलिब्रिटीज तक बन रहे हैं Deepfake Scams के शिकार
  • विशेषज्ञों ने Deepfake Scams से निपटने के लिए कड़े कानून और जागरूकता की दी सलाह

Deepfake Scams: तकनीक जो धोखा देने लगी है

Deepfake Scams तकनीक आज साइबर अपराध की दुनिया में सबसे खतरनाक हथियार बनती जा रही है। Artificial Intelligence और Machine Learning का इस्तेमाल कर ऐसे नकली वीडियो और ऑडियो तैयार किए जा रहे हैं, जिन्हें पहचानना आम लोगों के लिए लगभग असंभव है। खास बात यह है कि Deepfake Scams अब सिर्फ सेलिब्रिटी या नेताओं तक सीमित नहीं रहे, बल्कि आम लोगों को भी इसका शिकार बनाया जा रहा है।

Deepfake Scams कैसे करते हैं काम?

 AI और ML का खतरनाक प्रयोग

Deepfake Scams में उपयोग होने वाली तकनीकें मुख्य रूप से AI (Artificial Intelligence) और ML (Machine Learning) पर आधारित होती हैं। इसमें असली व्यक्ति के चेहरे, आवाज और हाव-भाव को डिजिटल रूप से कॉपी किया जाता है और किसी अन्य स्क्रिप्ट पर लगाया जाता है। इसके जरिए ऐसा वीडियो तैयार होता है जो पूरी तरह नकली होते हुए भी असली जैसा दिखता है।

ऑडियो क्लोनिंग से बढ़ा खतरा

अब Deepfake Scams में सिर्फ वीडियो नहीं, बल्कि ऑडियो भी शामिल हैं। साइबर अपराधी किसी की आवाज को रिकॉर्ड करके उसका क्लोन तैयार कर लेते हैं और फिर उससे झूठी बातें कहलवाकर लोगों को ठगते हैं।

भारत में Deepfake Scams के उदाहरण

CEO Fraud – नकली वीडियो से करोड़ों की ठगी

हाल ही में एक कंपनी के CEO का Deepfake वीडियो बनाकर अकाउंटेंट को ₹20 करोड़ ट्रांसफर करने के लिए कहा गया। वीडियो इतना असली लग रहा था कि कोई भी भ्रमित हो सकता था।

राजनीति में गलत इस्तेमाल

चुनावों के समय Deepfake Scams का प्रयोग नेताओं की छवि खराब करने और गलत बयानी फैलाने के लिए किया गया है। इससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सीधा असर पड़ सकता है।

Deepfake Scams से जुड़े खतरे

सामाजिक और मानसिक प्रभाव

Deepfake Scams के कारण लोग न केवल आर्थिक नुकसान झेलते हैं, बल्कि मानसिक तनाव और सामाजिक अपमान का भी सामना करते हैं। खासकर महिलाओं को इस तकनीक से बहुत नुकसान हो सकता है जब उनके नकली आपत्तिजनक वीडियो वायरल किए जाते हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा

Deepfake Scams के जरिए आतंकवादी संगठन फर्जी वीडियो बनाकर अफवाह फैला सकते हैं, जिससे सामाजिक अशांति और दंगे जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

कैसे करें Deepfake Scams से बचाव?

तकनीकी समाधान

  • AI-based Detection Tools: कुछ कंपनियाँ ऐसे सॉफ़्टवेयर बना रही हैं जो Deepfake Scams की पहचान करने में सक्षम हैं।
  • Reverse Video Search: किसी संदिग्ध वीडियो की सच्चाई जानने के लिए उसका रिवर्स सर्च किया जा सकता है।

कानून और निगरानी

भारत में फिलहाल Deepfake Scams पर रोक लगाने के लिए कोई स्पष्ट कानून नहीं है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि जल्द ही एक सख्त और स्पष्ट नीति की जरूरत है।

आम लोगों की जिम्मेदारी

  • सोशल मीडिया पर कुछ भी शेयर करने से पहले उसकी सच्चाई की जांच करें।
  • अगर कोई वीडियो या ऑडियो बहुत चौंकाने वाला लगे, तो उसे सच मानने से पहले पुष्टि करें।

विशेषज्ञों की राय

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ

दिल्ली स्थित साइबर विशेषज्ञ अजय अग्रवाल के अनुसार, “Deepfake Scams भविष्य में साइबर क्राइम का सबसे बड़ा हथियार बन सकते हैं। तकनीक जितनी तेज़ी से बढ़ रही है, सुरक्षा तंत्र को उससे भी तेज़ चलना होगा।”

साइकोलॉजिस्ट्स की चेतावनी

मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि Deepfake Scams का शिकार होने वाले लोग लंबे समय तक तनाव, चिंता और अवसाद में रह सकते हैं।

सावधानी ही सुरक्षा है

Deepfake Scams तकनीक का एक पहलू मनोरंजन या रचनात्मकता से जुड़ा हो सकता है, लेकिन जब इसका उपयोग अपराध के लिए किया जाए, तो यह समाज के लिए एक बड़ा खतरा बन जाता है। सरकार, टेक कंपनियों और आम नागरिकों को मिलकर इस खतरे से लड़ना होगा। जागरूकता, तकनीकी सशक्तिकरण और कानूनी व्यवस्था ही Deepfake Scams से लड़ने का सबसे प्रभावी तरीका है।

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