हाइलाइट्स
- Sexual Health को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं Smoking और Alcohol: एक्सपर्ट्स की चेतावनी
- लगातार शराब और सिगरेट की लत से महिलाओं की फर्टिलिटी पर गहराता है खतरा
- 35 की उम्र के बाद शरीर में बदलाव के कारण Sexual Health पर बढ़ता है प्रभाव
- हार्मोनल असंतुलन, अवसाद और रिश्तों में तनाव की वजह बनती हैं ये आदतें
- क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम और असुरक्षित संबंधों से बढ़ती है STD की आशंका
शराब और सिगरेट की लत: आपकी Sexual Health की चुपचाप दुश्मन
आज की तेज़-तर्रार जीवनशैली में लोग अक्सर तनाव कम करने के लिए शराब और सिगरेट जैसे साधनों का सहारा लेते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि ये आदतें आपकी Sexual Health को चुपचाप, मगर बेहद गंभीर तरीके से नुकसान पहुंचाती हैं?
मेडिकवर हॉस्पिटल्स, नवी मुंबई की सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट और आईवीएफ कंसल्टेंट डॉ. अनुरंजिता पल्लवी कहती हैं कि सेक्स सिर्फ एक शारीरिक क्रिया नहीं, बल्कि भावनात्मक और मानसिक संतुलन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। लेकिन लगातार शराब पीना और स्मोकिंग करना इस संतुलन को बुरी तरह तोड़ देता है।
महिलाओं की Sexual Desire को करता है कम
अल्कोहल और महिला शारीरिक परिवर्तन (H4)
अत्यधिक शराब पीने से मस्तिष्क और शरीर के बीच तालमेल धीमा हो जाता है। इससे Sexual Health प्रभावित होती है — विशेषकर महिलाओं में वजाइना में सूखापन, ऑर्गेज्म की परेशानी और सेक्शुअल डिजायर में कमी देखी जाती है।
स्मोकिंग से ब्लड सर्कुलेशन पर असर
सिगरेट में मौजूद निकोटिन ब्लड वेसल्स को सिकोड़ देता है। इससे जननांगों में रक्त का प्रवाह बाधित होता है और Sexual Health पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। महिलाओं में इसका सीधा असर रिलेशनशिप की गुणवत्ता पर पड़ता है।
ऊर्जा की कमी और मनोवैज्ञानिक प्रभाव
थकान और नकारात्मकता
अल्कोहल से शरीर सुस्त हो जाता है और थकान बनी रहती है। यह न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक तौर पर भी व्यक्ति को कमजोर करता है, जिससे Sexual Health और जीवन की गुणवत्ता में गिरावट आती है।
35 की उम्र के बाद स्थिति और गंभीर
हार्मोनल असंतुलन
डॉक्टरों के अनुसार, उम्र बढ़ने के साथ शरीर में हार्मोनल बदलाव आते हैं। यदि ऐसे में शराब और सिगरेट की आदत बनी रहे, तो एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे प्रजनन हार्मोनों का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे पीरियड्स अनियमित होने लगते हैं और Sexual Health कमजोर होती है।
फर्टिलिटी पर पड़ता है सीधा असर
ओव्यूलेशन पर असर और IVF की जरूरत
डॉ. पल्लवी बताती हैं कि अल्कोहल और स्मोकिंग ओव्यूलेशन को बाधित करते हैं और एग्स की गुणवत्ता को कम कर सकते हैं। ऐसे में कपल्स को गर्भधारण में परेशानी आती है और IVF जैसी तकनीकों की आवश्यकता पड़ती है।
रिश्तों पर बनता है भावनात्मक दबाव
इमोशनल दूरी और सेक्शुअल असंतोष
जब Sexual Health प्रभावित होती है, तो कपल्स के बीच इमोशनल दूरी बढ़ने लगती है। यह तनाव, निराशा और गलतफहमियों का कारण बन सकता है, जिससे संबंधों की गहराई घटने लगती है।
STD का बढ़ता खतरा
असुरक्षित संबंधों की संभावना
शराब के नशे में इंसान का निर्णय लेने की क्षमता घट जाती है। इससे वह असुरक्षित यौन संबंध बना सकता है, जिससे Sexual Health पर STD (Sexually Transmitted Diseases) का खतरा मंडराने लगता है।
क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम: छिपा हुआ खतरा
लक्षण और प्रभाव
हाल के शोधों में देखा गया है कि Sexual Health से जुड़ी समस्याओं के साथ-साथ क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम जैसी स्थितियां भी उत्पन्न हो सकती हैं। इसके लक्षणों में शामिल हैं:
- छह महीने से अधिक थकान
- नींद के बावजूद थकावट
- मानसिक थकान और ध्यान केंद्रित न कर पाना
- सामान्य काम करने के बाद शरीर का और अधिक थक जाना
समाधान: कैसे बचें इन खतरों से?
जीवनशैली में बदलाव
- शराब और सिगरेट का सेवन बंद करें
- नियमित योग और व्यायाम करें
- हेल्दी डाइट लें, जिसमें एंटीऑक्सीडेंट्स हों
- पार्टनर से खुलकर संवाद करें
- नियमित मेडिकल चेकअप कराएं
विशेषज्ञ की सलाह
डॉ. अनुरंजिता कहती हैं, “Sexual Health को बेहतर बनाए रखने के लिए जरूरी है कि लोग अपनी आदतों पर ध्यान दें। शुरुआती लक्षणों को पहचानें और डॉक्टर से सलाह लें। एक खुशहाल और स्वस्थ रिलेशनशिप की नींव एक स्वस्थ शरीर और मन पर टिकी होती है।”
Sexual Health कोई एक दिन में बिगड़ने वाली चीज नहीं है, लेकिन अगर हमने समय रहते अपनी आदतों को नहीं बदला, तो नुकसान स्थायी और गंभीर हो सकता है। शराब और स्मोकिंग जैसी आदतें न केवल शरीर को, बल्कि रिश्तों को भी धीरे-धीरे खत्म कर देती हैं। इसलिए आज से ही बदलाव करें — अपने लिए, अपने पार्टनर के लिए और अपने बेहतर कल के लिए।