हाइलाइट्स
- उत्तर प्रदेश में Western Disturbance के कारण मौसम में व्यापक परिवर्तन
- पूर्वी जिलों में तीन से पांच डिग्री तक गिरा अधिकतम तापमान
- मौसम विभाग ने 30 जिलों में बारिश और तेज हवाओं का अलर्ट जारी किया
- तराई के क्षेत्रों में लू से राहत और ठंडी हवाओं का असर
- दो से चार मई तक पूरे प्रदेश में रह सकता है असर
उत्तर प्रदेश में मई की शुरुआत एक दमदार Western Disturbance के साथ हो रही है, जिसने राज्य के मौसम को पूरी तरह बदलकर रख दिया है। जहां एक ओर लोग भीषण गर्मी और लू की मार झेल रहे थे, वहीं अब बूंदाबांदी और तेज हवाओं ने वातावरण को नमी से भर दिया है। मौसम विभाग ने राज्य के कई हिस्सों में गरज-चमक और तेज हवाओं के साथ बारिश की चेतावनी दी है।
क्या है Western Disturbance और कैसे बदलता है मौसम?
Western Disturbance की वैज्ञानिक परिभाषा
Western Disturbance एक पश्चिमी विक्षोभ होता है जो आमतौर पर भूमध्य सागर से उत्पन्न होकर पाकिस्तान होते हुए भारत के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों तक पहुंचता है। यह सिस्टम जब सक्रिय होता है, तो अपने साथ ठंडी हवाएं, बादल और कभी-कभी ओलावृष्टि भी लेकर आता है।
क्यों है यह विशेष रूप से मई में अहम?
मई के महीने में आमतौर पर भारत के उत्तरी और मध्य भागों में तापमान चरम पर होता है। ऐसे में Western Disturbance का प्रभाव गर्मी से राहत देने वाला होता है और यह कृषि, ऊर्जा और स्वास्थ्य पर भी सीधा असर डालता है।
उत्तर प्रदेश में Western Disturbance की वर्तमान स्थिति
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार, “मई के पहले सप्ताह में एक शक्तिशाली Western Disturbance सक्रिय हो रहा है। इसके कारण दो से चार मई के बीच राज्य के कई हिस्सों में गरज-चमक के साथ बारिश और तेज हवाएं देखने को मिलेंगी।”
इन जिलों में रहेगा अधिक प्रभाव
Western Disturbance से प्रभावित जिलों में मुख्यतः पूर्वी और तराई क्षेत्र शामिल हैं:
- पूर्वी उत्तर प्रदेश: आजमगढ़, मऊ, बलिया, वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, सोनभद्र, गाजीपुर
- तराई क्षेत्र: गोरखपुर, बस्ती, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, बहराइच
- मध्यवर्ती जिले: बाराबंकी, सीतापुर, अयोध्या, अंबेडकर नगर
- पश्चिमी जिलों में हल्का प्रभाव: मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर
इन जिलों में मौसम विभाग ने गरज-चमक के साथ 40-50 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की चेतावनी जारी की है।
मौसम में आए परिवर्तन की जमीनी हकीकत
तापमान में गिरावट से राहत
इस Western Disturbance के प्रभाव से राज्य के कई जिलों में तापमान में तीन से पांच डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। लखनऊ, गोरखपुर और वाराणसी जैसे शहरों में दिन का तापमान सामान्य से नीचे चला गया है, जिससे आम जनजीवन को काफी राहत मिली है।
किसानों को भी मिला फायदा
पूर्वी उत्तर प्रदेश में रबी फसलों की कटाई और खरीफ फसलों की तैयारी के बीच यह बारिश बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है। जलवायु विशेषज्ञों का कहना है कि यह नमी मृदा की उर्वरता को बनाए रखने में मदद करेगी।
Western Disturbance के दीर्घकालिक प्रभाव
स्वास्थ्य पर प्रभाव
धूलभरी हवाओं की जगह अब ठंडी और नम हवाओं का प्रवेश हुआ है, जिससे सांस और त्वचा की बीमारियों में कुछ राहत मिल सकती है। हालाँकि, अचानक बदलाव से जुकाम और बुखार के मामले भी बढ़ सकते हैं।
ऊर्जा खपत में गिरावट
तेज गर्मी के चलते एसी और कूलर की खपत बढ़ जाती है, जिससे बिजली की मांग चरम पर होती है। लेकिन Western Disturbance के कारण तापमान में गिरावट से ऊर्जा खपत में कमी आई है, जिससे ग्रिड पर बोझ कुछ हद तक कम हुआ है।
मौसम विभाग की चेतावनी और सलाह
मौसम विभाग ने आम नागरिकों और किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी है। बिजली गिरने की संभावना वाले इलाकों में खुले मैदानों या पेड़ों के नीचे खड़े होने से बचने की अपील की गई है। साथ ही, मौसम से संबंधित नई जानकारी के लिए विभाग की आधिकारिक वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन पर नजर बनाए रखने की बात कही गई है।
सावधानी और सजगता से टल सकते हैं खतरे
Western Disturbance भले ही गर्मी से राहत लेकर आया है, लेकिन इसके साथ संभावित खतरे भी जुड़े हुए हैं। बिजली गिरना, तेज हवाएं और पेड़ गिरने जैसी घटनाएं जान-माल का नुकसान कर सकती हैं। इसलिए सजग रहना और मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है।
उत्तर प्रदेश के नागरिकों को इस बदलते मौसम का लाभ तो मिलेगा ही, साथ ही जिम्मेदार व्यवहार अपनाकर वे संभावित जोखिमों से भी खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।