हाइलाइट्स
- Uttar Pradesh Malnutrition Scheme के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में कुपोषण के खिलाफ बड़ा कदम उठाया।
- 3 से 6 वर्ष के बच्चों को हर सुबह पौष्टिक नाश्ता देने की योजना।
- टेक होम राशन (THR) की यूनिटें अब सभी 75 जिलों में होंगी स्थापित।
- स्थानीय किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए स्थानीय उत्पादों को THR में किया जाएगा शामिल।
- गंभीर मामलों की निगरानी के लिए स्वास्थ्य विभाग और महिला-बाल विकास विभाग के बीच समन्वय को दी जाएगी प्राथमिकता।
उत्तर प्रदेश में बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण स्तर को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने Uttar Pradesh Malnutrition Scheme की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य प्रदेश के वंचित और गरीब परिवारों के बच्चों को कुपोषण से मुक्त कर उन्हें एक स्वस्थ और सशक्त भविष्य देना है। यह पहल न सिर्फ पोषण के क्षेत्र में सुधार लाएगी, बल्कि स्थानीय किसानों और उत्पादकों को भी आर्थिक रूप से मजबूती देगी।
मुख्यमंत्री सुपोषण योजना: बच्चों के लिए हर सुबह पौष्टिक नाश्ता
3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए विशेष ध्यान
Uttar Pradesh Malnutrition Scheme के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि 3 से 6 वर्ष की उम्र के बच्चों को हर सुबह पौष्टिक स्वल्पाहार (नाश्ता) उपलब्ध कराया जाए। यह कदम बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की समीक्षा बैठक में लिया गया, जिसमें बाल स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात कही गई।
इस योजना का लाभ विशेष रूप से उन बच्चों को मिलेगा जो डॉ. भीमराव अंबेडकर जीरो पॉवर्टी मिशन के अंतर्गत चिन्हित परिवारों से आते हैं, साथ ही आकांक्षात्मक जिलों और विकासखंडों में रहने वाले बच्चे भी इस योजना के दायरे में आएंगे।
टेक होम राशन (THR): राज्यभर में विस्तार
अब सभी 75 जिलों में यूनिटें होंगी
फिलहाल उत्तर प्रदेश के 43 जिलों में 204 THR यूनिटें संचालित हैं। लेकिन Uttar Pradesh Malnutrition Scheme के अंतर्गत मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि इन यूनिटों का विस्तार कर सभी 75 जिलों को कवर किया जाए। THR यूनिटों में तैयार किया गया राशन आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं तक पहुंचेगा।
स्थानीय उत्पादों का समावेश
इस योजना के तहत स्थानीय खाद्य उत्पादों को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रतापगढ़ का आंवला, गुड़ और श्रीअन्न (मिलेट्स) जैसे स्थानीय उत्पाद THR का हिस्सा होंगे। इससे न केवल पोषण स्तर में सुधार होगा बल्कि किसानों और स्थानीय उत्पादकों को भी सीधा लाभ मिलेगा।
100% पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश
निगरानी प्रणाली होगी मजबूत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिए हैं कि पूरी प्रक्रिया में 100% पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। इसके लिए एक ठोस निगरानी प्रणाली विकसित की जाएगी जो स्टंटिंग (बौनापन), अंडरवेट (कम वजन) और वास्टिंग (कमज़ोर शरीर) जैसे कुपोषण के लक्षणों की नियमित जांच करेगी।
विभागों के बीच समन्वय पर जोर
Uttar Pradesh Malnutrition Scheme की सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग और स्थानीय प्रशासन के बीच मजबूत समन्वय सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा। सरकार चाहती है कि योजनाएं केवल कागजों तक सीमित न रहें, बल्कि जमीनी स्तर पर उनका प्रभाव भी स्पष्ट रूप से दिखे।
संभव अभियान: पहले से चल रही पहल को मिलेगी मजबूती
योगी सरकार ने पहले ही ‘संभव अभियान’ के तहत गंभीर कुपोषित बच्चों के इलाज और देखरेख की व्यवस्था शुरू कर रखी है। इस अभियान से हजारों बच्चों को लाभ मिला है। अब Uttar Pradesh Malnutrition Scheme के जरिए यह प्रयास और अधिक व्यापक और प्रभावशाली बनने जा रहा है।
गोवंश सहभागिता योजना: पोषण के साथ आत्मनिर्भरता का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में ‘मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना’ का भी उल्लेख किया। इस योजना के अंतर्गत उन गरीब परिवारों को एक गाय प्रदान की जाएगी जिनके पास कोई पशु नहीं है। इससे न केवल उन्हें दूध मिलेगा, बल्कि परिवार का पोषण स्तर भी सुधरेगा और आर्थिक आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा मिलेगा।
विशेषज्ञों की राय: समय की मांग है यह योजना
स्वास्थ्य और पोषण विशेषज्ञों का मानना है कि Uttar Pradesh Malnutrition Scheme जैसी योजनाएं आज की जरूरत हैं। उत्तर प्रदेश जैसे विशाल और विविधता से भरे राज्य में जहां गरीबी और कुपोषण अब भी चुनौती बने हुए हैं, वहां इस प्रकार की योजनाएं व्यापक परिवर्तन ला सकती हैं।
डॉ. नीलिमा गुप्ता, जो बाल पोषण पर शोध कर रही हैं, कहती हैं, “यदि इस योजना को ठीक से लागू किया गया और निगरानी सिस्टम को मजबूत बनाया गया, तो आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश देश का सबसे कुपोषण मुक्त राज्य बन सकता है।”
कुपोषण के खिलाफ युद्ध का नया चरण
Uttar Pradesh Malnutrition Scheme उत्तर प्रदेश सरकार की एक दूरदर्शी पहल है जो कुपोषण जैसे गंभीर मुद्दे से लड़ने के लिए बहुआयामी रणनीति अपनाती है। यह योजना न केवल बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा करेगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और महिला सशक्तिकरण को भी प्रोत्साहित करेगी। यदि यह योजना ज़मीनी स्तर पर सही ढंग से लागू होती है, तो यह भारत के लिए एक आदर्श मॉडल बन सकती है।