नई दिल्ली: तिहाड़ जेल से कस्टडी पैरोल पर आए निर्दलीय सांसद ‘इंजीनियर रशीद’ ने संसद में एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया। उन्होंने हाल ही में हुई मुस्लिम युवकों की मौत पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हमारा खून सस्ता नहीं है। हमें भी जीने का हक है, हमारे खून की कद्र करो, कुछ लाज करो।”
संसद में गूंजा इंसाफ का सवाल
इंजीनियर रशीद ने संसद में बोलते हुए सरकार से सवाल किया कि मुस्लिम युवकों की मौत की निष्पक्ष जांच कब होगी? उन्होंने यह भी मांग की कि पीड़ित परिवारों को न्याय मिलना चाहिए और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
उन्होंने अपने भाषण में कहा, “देश का हर नागरिक समान है, लेकिन अगर किसी विशेष समुदाय को निशाना बनाया जाता है, तो यह संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर किसी को समान अधिकार और न्याय मिले।”
मामले की पृष्ठभूमि
मुस्लिम युवकों की संदिग्ध मौत के मामले में कई सामाजिक संगठनों ने भी आवाज उठाई है। मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि सरकार को इस मामले की उच्च-स्तरीय जांच करवानी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके।
सरकार की प्रतिक्रिया
सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन विपक्षी दलों ने इस पर सवाल खड़े किए हैं। कुछ सांसदों ने भी इस मुद्दे को समर्थन देते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।
जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर भारी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। ट्विटर और फेसबुक पर #JusticeForMuslimYouth ट्रेंड कर रहा है, जिसमें हजारों लोग न्याय की मांग कर रहे हैं।
आगे की राह
इंजीनियर रशीद का यह बयान उन लोगों के लिए एक उम्मीद की किरण है, जो न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अब यह देखना होगा कि सरकार इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से लेती है और क्या इस मामले में निष्पक्ष जांच होती है या नहीं।
यह मामला सिर्फ एक समुदाय का नहीं बल्कि पूरे देश की न्याय प्रणाली और मानवाधिकारों से जुड़ा हुआ है। अगर जल्द ही कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो यह मुद्दा और भी बड़ा बन सकता है। अब नजरें सरकार की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।