हाइलाइट्स
- Sugar Sector को 2027 तक ₹1.62 लाख करोड़ तक पहुंचाने का रोडमैप तैयार
- किसानों को ₹2.80 लाख करोड़ का भुगतान सुनिश्चित करने की तैयारी
- चीनी मिलों की क्षमता बढ़ाने और Sugar Sector में स्टोरेज का विस्तार
- शुगर रिकवरी रेट में सुधार के लिए नई तकनीकों का उपयोग
- गन्ना किसानों को समय पर भुगतान और समर्थन मूल्य में वृद्धि का प्रस्ताव
उत्तर प्रदेश में शुगर सेक्टर की तस्वीर बदलने की तैयारी
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के Sugar Sector को 2027 तक आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने के लिए एक महत्त्वाकांक्षी योजना पेश की है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि वर्तमान में ₹1.32 लाख करोड़ के सकल मूल्य उत्पादन (Gross Value Output) को बढ़ाकर ₹1.62 लाख करोड़ किया जाए। यह कदम न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा, बल्कि लाखों गन्ना किसानों की आमदनी में भी इजाफा करेगा।
किसानों के हक में बड़ा फैसला: ₹2.80 लाख करोड़ का भुगतान
राज्य सरकार के अनुसार, 2027 तक Sugar Sector से जुड़े किसानों को ₹2.80 लाख करोड़ का भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। गन्ना किसानों के लिए यह एक ऐतिहासिक राहत मानी जा रही है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है। सरकार की मंशा है कि कोई भी गन्ना किसान अपने भुगतान से वंचित न रहे।
Sugar Recovery Rate में सुधार का खाका
राज्य सरकार ने यह भी ऐलान किया है कि Sugar Sector में sugar recovery rate बढ़ाने के लिए नई वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। इससे गन्ने से अधिक चीनी प्राप्त की जा सकेगी, जिससे उत्पादन लागत घटेगी और लाभ में बढ़ोतरी होगी। फिलहाल उत्तर प्रदेश का sugar recovery rate महाराष्ट्र की तुलना में कम है, लेकिन तकनीकी नवाचार से यह अंतर जल्द ही मिटाया जा सकता है।
स्टोरेज की समस्या का समाधान
Sugar Sector में अक्सर स्टोरेज की समस्या उत्पन्न होती रही है, जिसके कारण उत्पादन के बाद चीनी को संरक्षित करने में कठिनाई आती है। इस चुनौती से निपटने के लिए सरकार ने गन्ना मिलों के पास अत्याधुनिक वेयरहाउस और कोल्ड स्टोरेज यूनिट्स स्थापित करने की योजना बनाई है।
समय पर बिक्री और भुगतान का फुलप्रूफ सिस्टम
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि चीनी मिलों को अब समय पर चीनी की बिक्री सुनिश्चित करनी होगी। इससे उन्हें समय पर किसानों को भुगतान करने में सहायता मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार एक ऑनलाइन ट्रैकिंग प्रणाली भी विकसित कर रही है, जिससे किसानों को पारदर्शिता मिलेगी और बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी।
रोजगार के अवसर भी होंगे सृजित
उत्तर प्रदेश के Sugar Sector के इस विस्तार से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि शुगर इंडस्ट्री से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को रोज़गार मिलेगा, जिसमें युवा वर्ग के लिए स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम भी शामिल होंगे।
राज्य की अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल
यह योजना उत्तर प्रदेश को Sugar Sector में भारत का अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है। कृषि आधारित राज्य होने के कारण उत्तर प्रदेश में गन्ना उत्पादन पहले से ही उच्च स्तर पर है। अब इस उत्पादन को व्यावसायिक लाभ में बदलने के लिए सरकार की यह रणनीति दूरगामी परिणाम लाने वाली साबित हो सकती है।
केंद्र सरकार का भी मिलेगा सहयोग
राज्य सरकार ने यह भी संकेत दिए हैं कि केंद्र सरकार से इस योजना के लिए वित्तीय सहायता और तकनीकी सहयोग मांगा गया है। यदि यह योजना लागू होती है, तो उत्तर प्रदेश का Sugar Sector न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिस्पर्धी बन सकेगा।
Sugar Sector को पुनर्जीवित करने और किसानों के जीवन में बदलाव लाने की इस पहल से उत्तर प्रदेश एक नई विकास गाथा लिखने जा रहा है। अगर यह योजना सफल होती है, तो यह न केवल कृषि के क्षेत्र में बल्कि राज्य की समग्र आर्थिक वृद्धि में एक बड़ा योगदान देगी।