South 24 Parganas Murder Case

भाभी की हत्या कर सिर धड़ से अलग किया, फिर सड़क पर हथियार और कटा सिर लेकर घूमता रहा देवर, दहशत में डूबा पूरा इलाका

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हाइलाइट्स

  • “South 24 Parganas Murder Case” ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया, आरोपी ने भाभी का सिर काटकर किया जघन्य अपराध
  • हत्या के बाद कटा सिर लेकर सड़क पर घूमता रहा आरोपी देवर बिमल मंडल
  • आरोपी मंदिर के बाहर खड़ा होकर हाथ में हथियार और सिर लहराता रहा
  • पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया, मानसिक स्थिति की हो रही जांच
  • प्रारंभिक जांच में पारिवारिक कलह को बताया जा रहा हत्या का कारण

“South 24 Parganas Murder Case” : भाभी का सिर काटकर सड़क पर निकला देवर

पश्चिम बंगाल के साउथ 24 परगना जिले के बासंती इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसे अब मीडिया में “South 24 Parganas Murder Case” के नाम से जाना जा रहा है। इस मामले में एक युवक ने पारिवारिक विवाद के चलते अपनी ही भाभी की हत्या कर दी और सिर को काटकर सड़क पर हथियार के साथ घूमता रहा।

घटना की भयावह तस्वीर

घटना शनिवार सुबह की है जब भरतगढ़ इलाके में रहने वाला बिमल मंडल अचानक गुस्से में आ गया। बताया जा रहा है कि घर में किसी बात को लेकर उसका अपनी भाभी के साथ विवाद हुआ था। विवाद इतना बढ़ गया कि बात जानलेवा हमले तक पहुंच गई। बिमल ने तेज धारदार हथियार से अपनी भाभी पर हमला कर दिया और उसका सिर धड़ से अलग कर दिया।

हत्या के बाद आरोपी का व्यवहार और भी विचलित कर देने वाला था। वह “South 24 Parganas Murder Case” का ऐसा चेहरा बन गया, जो समाज के सामने मानसिक अस्थिरता और घरेलू हिंसा का खतरनाक मिलाजुला रूप है।

सिर और हथियार लेकर सड़क पर घूमता रहा आरोपी

हत्या करने के बाद बिमल मंडल ने अपने एक हाथ में कटा हुआ सिर और दूसरे हाथ में वह हथियार पकड़ लिया जिससे उसने हत्या की थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, वह सड़क पर बेधड़क चलता रहा और हर किसी को खौफजदा कर गया। कुछ देर बाद वह मंदिर के बाहर पहुंचा और वहां हथियार लहराता रहा।

मंदिर परिसर में खौफ का माहौल

जब वह मंदिर के बाहर पहुंचा, तो वहां मौजूद श्रद्धालु डर के मारे इधर-उधर भागने लगे। किसी ने तत्काल पुलिस को सूचना दी। लेकिन आरोपी तब तक मंदिर परिसर में घूमता रहा, और फिर वहां से थाने की दिशा में खुद ही बढ़ गया।

खुद थाने जा रहा था आरोपी

पुलिस ने जब बिमल मंडल को पकड़ा, तब भी वह हाथ में सिर और हथियार लेकर खुद थाने की ओर ही जा रहा था। पुलिस को देखकर उसने कहा – “मैं खुद ही थाने जा रहा था।” इस वक्तव्य से यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि वह अपने किए पर पछता रहा था या फिर वह मानसिक रूप से असंतुलित हो चुका था।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई

बासंती थाने की पुलिस ने मौके पर पहुंचते ही आरोपी को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने कटा सिर और हत्या में प्रयुक्त हथियार को बरामद कर लिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को तत्काल थाने ले जाकर पूछताछ शुरू कर दी गई।

पुलिस की प्राथमिक जांच और मानसिक स्थिति की जांच

पारिवारिक कलह बताया जा रहा कारण

पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपी और मृतका के बीच काफी समय से पारिवारिक कलह चल रही थी। इसी के चलते बिमल मानसिक तनाव में था और उसी मानसिक स्थिति में उसने यह क्रूरता की हद पार कर देने वाला कदम उठा लिया।

मानसिक असंतुलन की संभावना

पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी कि आरोपी की मानसिक स्थिति सामान्य प्रतीत नहीं हो रही है। इसलिए उसे जल्द ही चिकित्सकीय परीक्षण के लिए भेजा जाएगा ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह किसी मानसिक रोग से ग्रस्त था या नहीं।

सामाजिक और मानसिक पहलू

“South 24 Parganas Murder Case” ने समाज में घरेलू हिंसा और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर नई बहस छेड़ दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि पारिवारिक कलह, मानसिक दबाव और समय पर परामर्श न मिलना कई बार लोगों को इस तरह की वीभत्स घटनाओं को अंजाम देने के लिए उकसाता है।

समाज में भय और आक्रोश

भरतगढ़ इलाके में इस घटना के बाद भारी दहशत का माहौल है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि आरोपी को सख्त सजा दी जाए और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

मीडिया और सोशल मीडिया पर हलचल

इस जघन्य हत्याकांड की खबर जैसे ही सामने आई, मीडिया चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर “South 24 Parganas Murder Case” ट्रेंड करने लगा। लोग इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं — कुछ लोग आरोपी की मानसिक स्थिति को दोष दे रहे हैं, तो कुछ इसे घरेलू हिंसा की उपज मान रहे हैं।

“South 24 Parganas Murder Case” केवल एक अपराध नहीं है, यह समाज को एक गहरा संदेश देता है — घरेलू कलह, मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी और संवादहीनता किस हद तक घातक हो सकती है। यह घटना कानून व्यवस्था के साथ-साथ सामाजिक चेतना की भी परीक्षा है।

अब देखना यह होगा कि जांच में कौन-कौन से तथ्य सामने आते हैं और क्या आरोपी को उसके कृत्य की उचित सजा मिलती है या उसकी मानसिक स्थिति को देखते हुए अदालत कोई विशेष निर्णय लेती है।

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