हाइलाइट्स
- पाकिस्तान ने Shaheen Missile से भारत को नुकसान पहुंचाने की नाकाम कोशिश की
- भारतीय सेना ने आकाश और S-400 सिस्टम से सभी मिसाइलों को हवा में ही नष्ट किया
- पाकिस्तान की मिसाइलों में चीनी हथियार प्रणाली का भी मिला उपयोग
- शाहीन मिसाइल की रेंज 2000 किलोमीटर तक, न्यूक्लियर हमले का संकेत
- ऑपरेशन सिंदूर के बाद बौखलाया पाकिस्तान, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हो रही आलोचना
पाकिस्तानी मंसूबों की एक और नाकाम कोशिश
एक बार फिर पाकिस्तान ने साबित कर दिया है कि वह अपनी कायराना हरकतों से बाज नहीं आने वाला। हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना द्वारा आतंकियों का सफाया किए जाने के बाद पाकिस्तान ने बौखलाकर भारत पर Shaheen Missile और अन्य चीनी मिसाइलों से हमला करने की कोशिश की। लेकिन भारत की सतर्कता और तकनीकी शक्ति ने उसे एक बार फिर दुनिया के सामने शर्मसार कर दिया।
भारत ने कैसे किया Shaheen Missile को इंटरसेप्ट?
भारतीय सेना की वेस्टर्न कमांड द्वारा जारी किए गए एक वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है कि कैसे Shaheen Missile को भारतीय डिफेंस सिस्टम ने हवा में ही नष्ट कर दिया। इस हमले में पाकिस्तान ने न केवल Shaheen Missile, बल्कि चीनी A-100 और फतह I/II MLRS हथियारों का भी उपयोग किया।
भारतीय सेना ने इसके जवाब में अत्याधुनिक S-400 ट्रायंफ डिफेंस सिस्टम और आकाश मिसाइल डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल किया। दोनों ही सिस्टम ने अपनी श्रेष्ठता साबित करते हुए सभी मिसाइलों को लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही मार गिराया। इस इंटरसेप्शन की खास बात यह रही कि किसी भी मिसाइल का मलबा भारतीय ज़मीन पर नहीं गिरा, जिससे नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई।
Shaheen Missile: पाकिस्तान का परमाणु संकेत?
शाहीन मिसाइल की तकनीकी ताकत
Shaheen Missile पाकिस्तान की बैलिस्टिक मिसाइल श्रृंखला का हिस्सा है, जिसकी कई श्रेणियां हैं:
- Shaheen-1: रेंज 750 किमी, पेलोड 1000 किलोग्राम
- Shaheen-2: रेंज 1500-2000 किमी, पेलोड 1000+ किलोग्राम, सटीकता 50 मीटर
- Shaheen-3: रेंज 2750 किमी तक, अंडमान-निकोबार जैसे क्षेत्रों को टारगेट करने की क्षमता
इन सभी मिसाइलों की गति Mach 8 (आवाज की गति से 8 गुना तेज) तक होती है, जिससे इंटरसेप्शन चुनौतीपूर्ण हो सकता है। लेकिन भारत ने इस बार भी साबित कर दिया कि वह किसी भी तकनीकी चुनौती से निपटने में सक्षम है।
क्या यह न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग थी?
Shaheen Missile का इस्तेमाल यह दर्शाता है कि पाकिस्तान भारत को एक न्यूक्लियर हमले की धमकी देना चाहता था। अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह एक प्रकार की nuclear blackmailing का संकेत था।
इस मुद्दे पर भारत के प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री की सख्त प्रतिक्रियाएं सामने आईं, जिसमें “परमाणु ब्लैकमेलिंग” शब्द का प्रयोग किया गया। इससे स्पष्ट है कि भारत इस प्रकार की मानसिकता को कूटनीतिक और सैन्य दोनों स्तरों पर गंभीरता से ले रहा है।
पाकिस्तान की दोहरी चाल: चीन से मिले हथियारों का दुरुपयोग
A-100 और फतह I/II का उपयोग
पाकिस्तान ने इस हमले में चीन से मिले A-100 मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर और फतह I/II मिसाइलों का उपयोग किया। यह स्पष्ट करता है कि पाकिस्तान अब प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से चीनी हथियारों पर निर्भर हो गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान का ये हमला केवल भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं था, बल्कि चीन और पाकिस्तान के बीच बढ़ती सामरिक साझेदारी का परिणाम भी था।
भारत की जवाबी रणनीति: रक्षा प्रणाली का सफल प्रदर्शन
S-400 और आकाश की जोड़ी
भारत की S-400 प्रणाली, जिसे रूस से प्राप्त किया गया है, और स्वदेशी आकाश डिफेंस सिस्टम ने मिलकर पाकिस्तान की हर मिसाइल को आसमान में ही रोक दिया।
इस ऑपरेशन में ना सिर्फ भारत की सुरक्षा प्रणाली की दक्षता देखने को मिली, बल्कि यह दुनिया के लिए एक संदेश भी था — भारत किसी भी नापाक मंसूबे को सफल नहीं होने देगा।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
पाकिस्तान की आलोचना और भारत की प्रशंसा
इस घटना के बाद संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों ने पाकिस्तान के इस कदम की आलोचना की है। वहीं भारत के संयम और तकनीकी जवाब की सराहना की गई है।
युद्ध की स्थिति में न पड़ते हुए भारत ने संयम के साथ इंटरसेप्शन किया और किसी भी जवाबी हमले से परहेज़ कर कूटनीतिक मजबूती दिखाई।
पाकिस्तान द्वारा दागी गई Shaheen Missile भारत को डराने का प्रयास जरूर थी, लेकिन यह प्रयास उसी के गले की फांस बन गया। भारतीय सेना ने न केवल मिसाइल को मार गिराया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि भारत हर स्थिति के लिए तैयार है — चाहे वह पारंपरिक युद्ध हो या परमाणु धमकी।
भारत की रणनीतिक स्पष्टता, तकनीकी तैयारी और वैश्विक कूटनीति ने यह साबित कर दिया है कि अब पाकिस्तान की चालें ज्यादा दिन तक नहीं चलेंगी