हाइलाइट्स
- Animal Smuggling को तरबूजों की आड़ में अंजाम देने की साजिश को कठुआ पुलिस ने नाकाम किया।
- ट्रक में तरबूजों की परत के नीचे छिपाकर 10 मवेशियों को अमानवीय हालत में रखा गया था।
- सतर्क पुलिस टीम ने ट्रक चालक को गिरफ्तार कर केस दर्ज किया।
- प्रारंभिक जांच में Animal Smuggling रैकेट की आशंका जताई गई।
- सभी मवेशियों को सुरक्षित निकालकर गोशाला भेजा गया।
कठुआ में तरबूजों की आड़ में हो रही थी Animal Smuggling, पुलिस ने नाकाम की तस्करी की साजिश
कठुआ (लोकेश): जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में पुलिस ने एक बेहद हैरान करने वाला मामला पकड़ा है, जिसमें शातिर तस्कर Animal Smuggling को तरबूजों के ढेर के नीचे छिपाकर अंजाम देने की फिराक में थे। पुलिस की मुस्तैदी से न केवल 10 बेजुबान मवेशियों को बचा लिया गया, बल्कि एक बड़े संगठित तस्करी गिरोह का पर्दाफाश होने की संभावना भी सामने आई है।
पुलिस की सतर्कता से बचाए गए 10 मवेशी
SHO अजय चिब के नेतृत्व में राजबाग पुलिस टीम ने शुक्रवार रात एक संदिग्ध ट्रक (JK 02DG/5628) को रोका, जो तरबूज से भरा हुआ दिखाई दे रहा था। लेकिन पुलिसकर्मियों को शक हुआ और जब उन्होंने ट्रक की तलाशी ली, तो उनकी आंखें फटी की फटी रह गईं।
तरबूजों की परत हटाते ही नीचे से कराहते हुए, बेहद तंग और अमानवीय हालत में 10 मवेशी बरामद हुए, जिन्हें क्रूरता से रस्सियों में बांधा गया था। यह नजारा देखकर पुलिसकर्मी भी विचलित हो गए। यह घटना Animal Smuggling के तौर-तरीकों की भयावहता को उजागर करती है।
मौके पर ही ट्रक चालक गिरफ्तार
ट्रक के चालक को मौके पर ही हिरासत में लिया गया। पूछताछ के दौरान वह स्पष्ट जवाब देने में असमर्थ रहा, जिससे पुलिस को शक और गहराया। फिलहाल आरोपी के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम, पशु तस्करी और अन्य संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है।
पशु तस्करी का हो सकता है बड़ा रैकेट
पुलिस की जांच में मिले कई संकेत
प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह कोई एक व्यक्ति की हरकत नहीं हो सकती। Animal Smuggling का यह मामला एक संगठित रैकेट की ओर इशारा करता है, जिसमें कई लोग शामिल हो सकते हैं। पुलिस अब इस बात की गहन जांच कर रही है कि यह ट्रक कहां से आया, मवेशियों को कहां से लाया गया और इनकी गंतव्य जगह क्या थी।
राजबाग पुलिस अब ट्रक के मालिक और संभावित खरीदारों की तलाश में जुटी है, जिससे पूरे तस्करी नेटवर्क को उजागर किया जा सके।
बचाए गए मवेशियों को भेजा गया गोशाला
पुलिस ने तुरंत पशु चिकित्सकों को बुलाया और मवेशियों को प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध करवाई। इसके बाद सभी जानवरों को पास की गोशाला में सुरक्षित रूप से शिफ्ट किया गया। उनके स्वास्थ्य की निगरानी जारी है।
Animal Smuggling के इस मामले में जानवरों को जिस तरह से रखा गया था, वह न केवल गैरकानूनी है, बल्कि बेहद अमानवीय भी।
तस्करी में बदलते तरीके, बढ़ती चिंता
तरबूज, फलों और अन्य वाहनों का उपयोग
यह पहली बार नहीं है जब Animal Smuggling को फलों, सब्जियों या अन्य सामग्रियों की आड़ में अंजाम दिया गया हो। पिछले कुछ वर्षों में तस्करों ने पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए नए-नए तरीके अपनाए हैं। इस घटना ने एक बार फिर सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने का संदेश दिया है।
पशु तस्करी पर सख्त कानून की आवश्यकता
हालांकि भारत में पशु क्रूरता अधिनियम और Animal Smuggling के खिलाफ कई कानूनी प्रावधान मौजूद हैं, लेकिन अक्सर इन कानूनों को गंभीरता से लागू नहीं किया जाता। इस वजह से तस्कर बार-बार ऐसी घटनाओं को अंजाम देने में सफल हो जाते हैं।
सरकार को चाहिए कि वह पशु तस्करी को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाए और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलवाई जाए।
स्थानीय लोगों ने की कठुआ पुलिस की सराहना
राजबाग क्षेत्र में जब यह खबर फैली कि पुलिस ने Animal Smuggling की एक बड़ी कोशिश को विफल किया है, तो स्थानीय नागरिकों ने पुलिस की सतर्कता और कार्रवाई की खुलकर सराहना की। कई सामाजिक संगठनों ने भी पुलिस के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए अपराधियों को कड़ी सजा देने की मांग की।
Animal Smuggling केवल एक कानूनी अपराध ही नहीं है, बल्कि यह नैतिक और मानवीय दृष्टिकोण से भी गंभीर अपराध है। इस प्रकार की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि किस तरह तस्कर अपनी स्वार्थपूर्ति के लिए बेजुबान जानवरों की जान से खिलवाड़ करते हैं। कठुआ पुलिस की तत्परता ने आज इन जानवरों को एक दर्दनाक अंत से बचा लिया, लेकिन यह एक चेतावनी भी है कि समाज को अब ऐसे रैकेट्स के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना होगा।