Viral Video: पीलीभीत में सिपाही की सरेआम पिटाई, SP के एक्शन से कांपे आरोपी – हाथ जोड़कर मांगी माफी!

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हाइलाइट्स

  • Pilibhit Crime: पूरनपुर के ढका मोहल्ला में सिपाही की बेरहमी से पिटाई, वीडियो वायरल होने पर मचा हड़कंप।
  • SP अभिषेक यादव के निर्देश पर तीनों आरोपी गिरफ्तार, हाथ जोड़कर वीडियो में माफी मांगते नजर आए।
  • आरोपियों ने कहा- “अब कभी जीवन में गलती नहीं करेंगे”, अन्य आरोपियों की तलाश जारी।
  • घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ वायरल, पुलिस पर दबाव के बाद हुई त्वरित कार्रवाई।
  • Pilibhit Crime को लेकर प्रशासन सख्त, कानून व्यवस्था को चुनौती देने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई।

पूरनपुर के ढका मोहल्ला में सिपाही की पिटाई: कानून का अपमान या रंजिश?

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत (Pilibhit Crime) जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। पूरनपुर कोतवाली क्षेत्र के ढका मोहल्ला में ड्यूटी पर तैनात एक सिपाही को कुछ स्थानीय युवकों ने बेरहमी से पीट दिया। यह घटना तब सुर्खियों में आई जब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में सिपाही को घसीटते हुए, लात-घूंसे मारते हुए देखा जा सकता है।

SP अभिषेक यादव की सख्त कार्रवाई: एक्शन में पीलीभीत पुलिस

वीडियो के सामने आने के बाद Pilibhit Crime के इस मामले पर एसपी अभिषेक यादव ने तुरंत संज्ञान लिया और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए। महज कुछ ही घंटों के भीतर पुलिस ने तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार किए गए युवकों की पहचान मोहम्मद साजिद, रिंकू और आसिफ के रूप में हुई है। गिरफ्तारी के बाद तीनों का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वे हाथ जोड़कर माफी मांगते हुए कह रहे हैं, “हमें माफ कर दीजिए, अब कभी जीवन में गलती नहीं करेंगे।”

घटना के पीछे की कहानी: आपसी बहस या योजना बद्ध हमला?

प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपी युवकों और सिपाही के बीच किसी पुराने विवाद को लेकर तनाव था। घटना के दिन सिपाही इलाके में किसी सूचना के आधार पर जांच के लिए गया था, तभी स्थानीय युवकों ने उसे घेर लिया और पिटाई शुरू कर दी।

इस Pilibhit Crime केस में साजिद को मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा है, जिसने अन्य युवकों को उकसाया और हमला शुरू किया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपियों का आपराधिक इतिहास भी खंगाला जा रहा है।

वीडियो वायरल: सोशल मीडिया पर गुस्सा और प्रशासन पर दबाव

इस घटना का वीडियो जैसे ही वायरल हुआ, सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए जाने लगे। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर #PilibhitCrime ट्रेंड करने लगा।

एक यूज़र ने लिखा, “अगर सिपाही सुरक्षित नहीं है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा कौन करेगा?” वहीं, कुछ लोगों ने इस पर सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश भी की, लेकिन प्रशासन ने मामले को त्वरित कार्रवाई से संभाल लिया।

प्रशासन की रणनीति: कानून हाथ में लेने वालों को नहीं बख्शा जाएगा

एसपी अभिषेक यादव ने प्रेस को दिए गए बयान में कहा,
“कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। Pilibhit Crime को लेकर पुलिस पूरी तरह से सख्त है। अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी है और शीघ्र ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि सिपाही की मेडिकल जांच कराई गई है और उसकी हालत स्थिर है।

स्थानीय प्रतिक्रिया: मोहल्ले में तनाव, पुलिस बल तैनात

घटना के बाद ढका मोहल्ला में तनाव की स्थिति बनी हुई है। एहतियात के तौर पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। मोहल्ले के कुछ लोग आरोपियों के पक्ष में भी सामने आए, लेकिन बड़ी संख्या में लोग पुलिस के साथ नजर आए।

स्थानीय निवासी रवि वर्मा ने कहा, “जो हुआ वह बहुत शर्मनाक है। पुलिस ही अगर सुरक्षित नहीं रहेगी तो फिर अपराधियों का हौसला और बढ़ेगा।”

Pilibhit Crime के पिछले मामले: क्या बन रहा है पैटर्न?

यह पहली बार नहीं है जब Pilibhit Crime को लेकर प्रशासन को सतर्क होना पड़ा है। पिछले 6 महीनों में जिले में पुलिसकर्मियों पर हमले की यह तीसरी घटना है। इससे पहले बरखेड़ा और अमरिया क्षेत्र में भी सिपाहियों पर हमला किया जा चुका है।

यह घटनाएं यह सवाल उठाती हैं कि क्या अपराधियों का मनोबल बढ़ रहा है? क्या कानून का डर खत्म हो रहा है?

कानूनी पहलू: कौन-कौन से धाराएं लगीं आरोपियों पर?

पुलिस ने इस Pilibhit Crime केस में IPC की धारा 147 (दंगा), 332 (लोकसेवक पर हमला), 353 (ड्यूटी पर रोकना), और 504 (जानबूझकर अपमान) के तहत मामला दर्ज किया है। साथ ही पुलिस एक्ट की धारा 7 के तहत भी कार्रवाई की गई है।

पुलिस का कहना है कि यदि सिपाही की मेडिकल रिपोर्ट में गंभीर चोटों की पुष्टि होती है, तो धाराएं और भी बढ़ाई जाएंगी।

 कानून के रखवालों पर हमला – समाज के लिए खतरे की घंटी

पूरनपुर का यह मामला न केवल Pilibhit Crime की गंभीरता को दर्शाता है, बल्कि समाज के उस वर्ग के बारे में भी सोचने को मजबूर करता है जो कानून को अपने हाथ में लेने से नहीं हिचकता।

SP की त्वरित कार्रवाई ने यह जरूर संदेश दिया है कि कानून के खिलाफ जाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, लेकिन ज़रूरत इस बात की है कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों। इसके लिए ज़मीनी स्तर पर पुलिस-पब्लिक रिलेशन को भी बेहतर करना होगा।

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