हाइलाइट्स
- Muharram Tazia Accident के दौरान 170 फीट ऊंचा ताजिया गिरा, मौके पर मचा हड़कंप
- घटना लखीमपुर खीरी के मोहम्मदी कस्बे की है, जुलूस में हजारों लोग हुए शामिल
- हादसे के समय वीडियो रिकॉर्ड कर रहे लोगों ने घटना को कैमरे में कैद किया
- ताजिया गिरने के बावजूद किसी को गंभीर चोट नहीं लगी, चमत्कार से कम नहीं माना जा रहा
- प्रशासन ने जांच शुरू की, सुरक्षा में चूक के आरोप भी लगने लगे
मुहर्रम जुलूस में हुआ बड़ा हादसा, लेकिन टला बड़ा नुकसान
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले से एक सनसनीखेज़ वीडियो सामने आया है, जिसमें मुहर्रम के दौरान 170 फीट ऊंचा ताजिया गिरते हुए देखा जा सकता है। यह Muharram Tazia Accident शनिवार देर शाम उस वक्त हुआ जब मोहम्मदी कस्बे में हजारों की भीड़ के बीच ताजिया जुलूस निकाला जा रहा था।
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह ताजिया जिले का सबसे ऊंचा और आकर्षक ताजिया माना जाता है, जो हर साल मोहम्मदी मोहल्ले से निकलता है। जुलूस में शामिल युवाओं की एक टीम इसे संभाल रही थी, लेकिन अचानक उनका बैलेंस बिगड़ गया और ताजिया एक तरफ झुकते हुए जमीन पर गिर पड़ा।
ताजिया गिरने का कारण: क्या थी गलती, कौन है जिम्मेदार?
बैलेंस बिगड़ना या लापरवाही?
स्थानीय चश्मदीदों ने बताया कि ताजिया को ले जाते वक्त हवा की दिशा बदल गई और साथ ही जो लोग इसे संभाल रहे थे, उनमें कुछ का पैर फिसल गया। नतीजतन, यह 170 फीट ऊंचा विशाल ताजिया संतुलन खो बैठा और भीड़ की तरफ झुक गया।
सुरक्षात्मक इंतजाम नाकाफी?
प्रशासन की ओर से हालांकि पुलिस बल और बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई थी, लेकिन इतनी ऊंचाई के ताजिया को सुरक्षित ले जाने के लिए कोई विशेष तकनीकी सहायता नहीं थी। ऐसे में Muharram Tazia Accident को प्रशासनिक लापरवाही से भी जोड़ा जा रहा है।
वीडियो वायरल: लोग बोले, ‘चमत्कार था कि कोई नहीं मरा’
इस हादसे का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि ताजिया गिरते वक्त भीड़ कुछ दूरी पर थी, वरना जान-माल का भारी नुकसान हो सकता था।
प्रशासन ने कहा – जांच होगी
घटना के बाद स्थानीय प्रशासन हरकत में आ गया है। एसडीएम मोहम्मदी ने मीडिया से बातचीत में कहा,
“हमने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। सौभाग्य से कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए उपाय ज़रूरी हैं।”
आस्था और जोखिम: कब जागेगा सिस्टम?
हर साल देश के अलग-अलग हिस्सों में ताजिया जुलूस भव्यता के साथ निकाले जाते हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या इन जुलूसों में सुरक्षा के मानक अपनाए जाते हैं?
ऊंचाई ही गर्व नहीं, जिम्मेदारी भी है
170 फीट ऊंचा ताजिया बनाने वालों की मेहनत व कला काबिल-ए-तारीफ है, लेकिन इसी ऊंचाई को संभालने की भी जिम्मेदारी होती है। Muharram Tazia Accident ने ये सवाल फिर से उठा दिया है कि क्या हम आस्था के नाम पर लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं?
स्थानीय लोग क्या बोले?
- अयूब हुसैन, जुलूस में शामिल व्यक्ति ने बताया,
“हम 10 साल से इस ताजिया को देख रहे हैं, इतना बड़ा हादसा पहली बार देखा। भगवान का शुक्र है कि कोई बच्चा या बुज़ुर्ग पास में नहीं था।”
- रुखसार बेगम, स्थानीय निवासी,
“हर साल प्रशासन को कहते हैं कि बिजली के तारों को हटवाएं, सड़क साफ करवाएं, लेकिन सिर्फ दिखावे की तैयारी होती है।”
प्रशासन ने क्या कदम उठाए?
घटना के तुरंत बाद नगर पालिका और पुलिस टीम मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। Muharram Tazia Accident के बाद अब हर स्तर पर सुरक्षा गाइडलाइन बनाने की बात की जा रही है।
🔧अगली बार से ताजिया निर्माण के लिए दिशा-निर्देश तय होंगे?
जिलाधिकारी ने संकेत दिए हैं कि अगले वर्ष से ताजिया की अधिकतम ऊंचाई तय की जा सकती है और स्थानीय प्रशासन की अनुमति के बिना ताजिया निर्माण नहीं होगा।
आस्था हो, लेकिन सुरक्षा के साथ
Muharram Tazia Accident ने एक बार फिर हमें सोचने पर मजबूर कर दिया है कि धार्मिक आयोजन में जितना महत्व भावनाओं का है, उतना ही सुरक्षा का भी होना चाहिए। भीड़ में बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं की मौजूदगी में किसी भी तरह की चूक बहुत बड़ी कीमत मांग सकती है।
यह घटना भले ही किसी चमत्कार से टल गई हो, लेकिन यह चेतावनी भी है कि अगली बार ऐसा चमत्कार हो भी सकता है या नहीं—इसकी गारंटी कोई नहीं दे सकता।