Haridwar Kanwar

क्या आपकी कांवड़ भी अपवित्र है? हरिद्वार की 90% कांवड़ों को लेकर स्वामी यशवीर महाराज का चौंकाने वाला खुलासा!

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हाइलाइट्स

  • Haridwar Kanwar को लेकर स्वामी यशवीर महाराज ने जताई गहरी आपत्ति, बताया इसे अशुद्ध

  • हरिद्वार में तैयार होने वाली 90% कांवड़ जेहादी (मुस्लिम) गैंग द्वारा बनाई जाती है – स्वामी यशवीर

  • कांवड़ यात्रा में अशुद्ध सामग्री से धार्मिक भावनाएं हो सकती हैं आहत – बघरा आश्रम का बयान

  • शिवभक्तों से की अपील: घर से ही कांवड़ बनाने की सामग्री लेकर जाएं

  • सवाल उठाया गया: जिनका धर्म मूर्ति पूजा को हराम मानता है, उन्हें Haridwar Kanwar बनाने का अधिकार कैसे?

उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर जिले से निकलकर तीर्थनगरी हरिद्वार तक फैली Haridwar Kanwar यात्रा इस बार एक बार फिर विवादों में है। बघरा आश्रम के प्रमुख स्वामी यशवीर महाराज ने अपने नए बयान में तीखी प्रतिक्रिया देते हुए हरिद्वार में बिकने वाली कांवड़ों को लेकर सनातन धर्म के अनुयायियों को आगाह किया है।

स्वामी यशवीर ने दावा किया कि Haridwar Kanwar का 90% निर्माण कार्य मुस्लिम समुदाय के लोग करते हैं। उन्होंने इन लोगों को ‘जेहादी गैंग’ बताते हुए कहा कि इनका उद्देश्य धार्मिक भावनाओं को आहत करना और कांवड़ यात्रा को अपवित्र करना है।

वीडियो में लगाए गंभीर आरोप

स्वामी यशवीर महाराज ने अपने हालिया वीडियो में कहा:

“हरिद्वार में जो कांवड़ मिलती है, उनमें से ज्यादातर का निर्माण जेहादी मानसिकता वाले लोगों द्वारा किया जाता है। ये लोग भोजन में थूक और मूत्र मिलाने जैसे कार्य करते हैं, तो सोचिए Haridwar Kanwar में क्या किया जा रहा होगा?”

उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है। लाखों कांवड़ियों की आस्था से जुड़ा यह मुद्दा राजनीतिक रंग भी पकड़ रहा है।

शिवभक्तों को स्वनिर्मित कांवड़ का सुझाव

स्वामी यशवीर ने शिवभक्तों से आग्रह किया कि वे Haridwar Kanwar की बजाय खुद की बनाई पवित्र कांवड़ का इस्तेमाल करें। उन्होंने सुझाव दिया कि श्रद्धालु घर से ही लकड़ी का डंडा, दो लोटे या प्लास्टिक कैन साथ लेकर चलें और हरिद्वार पहुंचकर गंगाजल भरकर उसे कांवड़ के रूप में बांध लें।

उन्होंने कहा:

“ऐसी कांवड़ पवित्र मानी जाएगी, क्योंकि वह श्रद्धालु की मेहनत, आस्था और पवित्रता से बनी होगी। जबकि बाज़ार से खरीदी गई Haridwar Kanwar पहले से ही संदिग्ध और अशुद्ध हो सकती है।”

‘मूर्तिपूजा हराम’, फिर क्यों बना रहे कांवड़?

स्वामी यशवीर ने इस बात पर भी सवाल उठाया कि जब इस्लाम में मूर्तिपूजा और उससे जुड़ी चीजों का निर्माण ‘हराम’ माना गया है, तब कैसे मुस्लिम समुदाय Haridwar Kanwar जैसे धार्मिक प्रतीकों का निर्माण कर रहा है? उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ धार्मिक भावना का उल्लंघन है, बल्कि यह आस्था के साथ धोखा भी है।

कांवड़ यात्रा की पवित्रता पर बहस शुरू

हर साल सावन मास में लाखों की संख्या में शिवभक्त हरिद्वार से गंगाजल भरकर Haridwar Kanwar के माध्यम से अपने गृहनगर स्थित शिवालयों तक जल चढ़ाने जाते हैं। ऐसे में अगर कांवड़ की शुद्धता पर ही सवाल उठ जाए, तो यह यात्रा की आत्मा पर ही चोट है।

धार्मिक संगठनों के कई पदाधिकारियों ने इस बयान का समर्थन किया है और कहा है कि “यह समय है जब सनातनी समाज को अपनी धार्मिक वस्तुओं का निर्माण स्वयं करना शुरू करना चाहिए।”

राजनीतिक हलकों में भी गरमाया मामला

स्वामी यशवीर महाराज के इस बयान पर जहां हिंदू संगठनों ने समर्थन जताया है, वहीं कुछ राजनीतिक दलों ने इसे “सांप्रदायिक उकसावा” बताया है। कांग्रेस और सपा नेताओं ने बयान की जांच की मांग करते हुए इसे समाज को बांटने वाला बताया है।

बीजेपी प्रवक्ताओं ने बयान पर चुप्पी साध रखी है, लेकिन अंदरखाने यह चर्चा में है कि Haridwar Kanwar को लेकर शिवभक्तों में अब संदेह पैदा हो रहा है और आने वाले समय में यह मुद्दा बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है।

सोशल मीडिया पर दो फाड़

ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर Haridwar Kanwar को लेकर दो फाड़ नजर आ रहे हैं। एक वर्ग स्वामी यशवीर के बयान को सही ठहरा रहा है और वीडियो साझा कर रहा है, तो दूसरा वर्ग इसे “झूठ फैलाने की कोशिश” बता रहा है।

कुछ यूजर्स ने पूछा है – “क्या कभी किसी ने देखा है कि कौन कांवड़ बना रहा है?” वहीं, कुछ हिंदू कार्यकर्ताओं ने कांवड़ निर्माण प्रक्रिया का वीडियो बनाकर असली तस्वीरें साझा करने की मांग की है।

पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया

मुज़फ्फरनगर प्रशासन ने कहा है कि वे मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच करेंगे। हालांकि अभी तक Haridwar Kanwar से जुड़े निर्माण केंद्रों की कोई आधिकारिक सूची नहीं है।

हरिद्वार पुलिस ने कहा है कि कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा और शुद्धता का पूरा ध्यान रखा जाएगा, लेकिन निर्माणकर्ताओं की धार्मिक पहचान पर सवाल उठाना उचित नहीं है जब तक ठोस प्रमाण न हों।

क्या कहती है आम जनता?

कांवड़ यात्रा में भाग लेने वाले कई श्रद्धालुओं का कहना है कि उन्हें पहले कभी Haridwar Kanwar की शुद्धता पर संदेह नहीं हुआ। लेकिन अब जब ये बातें सामने आ रही हैं, तो वे सतर्क हो रहे हैं।

शिवभक्त विकास शर्मा ने कहा:

“हमने कभी नहीं सोचा था कि धार्मिक वस्तुएं भी षड्यंत्र का हिस्सा बन सकती हैं। अब हम खुद ही कांवड़ बनाएंगे।”

क्या आगे से बदल जाएगा कांवड़ यात्रा का स्वरूप?

स्वामी यशवीर महाराज के बयान ने धार्मिक श्रद्धालुओं के बीच चिंता की लहर दौड़ा दी है। Haridwar Kanwar यात्रा जो सदियों से एक परंपरा रही है, अब शुद्धता और सुरक्षा की कसौटी पर आ चुकी है। आने वाले वर्षों में हो सकता है कि शिवभक्त अपनी कांवड़ स्वयं बनाकर यात्रा को और अधिक पवित्र बनाएं।

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