हाइलाइट्स
- भारतीय तेज गेंदबाज़ Mohammed Shami Threat को लेकर सोशल मीडिया पर मचा हड़कंप
- राजपूत सिंधर नाम की मेल आईडी से भेजा गया धमकी भरा ईमेल
- मेल में एक करोड़ रुपये की फिरौती की मांग, न देने पर हत्या की धमकी
- धमकी देने वाले ने लिखा- “सरकार हमारा कुछ नहीं कर पाएगी”
- साइबर क्राइम सेल और खुफिया एजेंसियां जांच में जुटीं
Mohammed Shami Threat: भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी को जान से मारने की धमकी, फिरौती में मांगे गए एक करोड़ रुपए
भारतीय क्रिकेट टीम के अनुभवी तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को जान से मारने की धमकी मिलने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह घटना न सिर्फ खेल जगत बल्कि देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी चिंता का विषय बन गई है। Mohammed Shami Threat से संबंधित यह मामला उस समय प्रकाश में आया जब उन्हें एक अज्ञात मेल आईडी से धमकी भरा ईमेल प्राप्त हुआ। मेल भेजने वाले ने न सिर्फ फिरौती की मांग की, बल्कि यह भी दावा किया कि सरकार उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती।
धमकी देने वाले की पहचान: राजपूत सिंधर नाम की ईमेल आईडी से आया मेल
मेल में धमकी और फिरौती दोनों
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मोहम्मद शमी को जो मेल प्राप्त हुआ, उसमें लिखा गया, “अगर एक करोड़ रुपये नहीं दिए तो मैं शमी को जान से मार दूंगा। सरकार हमारा कुछ नहीं कर सकती। हमारे पास पावर है, और शमी का मरना तय है।” इस मेल के साथ Mohammed Shami Threat की गंभीरता और बढ़ गई है क्योंकि धमकी देने वाले ने स्पष्ट रूप से फिरौती की राशि और हत्या की बात की है।
मेल की भाषा और टोन से जाहिर है गंभीर इरादा
मेल में प्रयुक्त भाषा न केवल आक्रामक है, बल्कि यह दर्शाती है कि भेजने वाला व्यक्ति या समूह आत्मविश्वास से भरा हुआ है और उसे अपने बच निकलने की पूरी उम्मीद है। ऐसे में Mohammed Shami Threat को हल्के में लेना संभव नहीं है।
मोहम्मद शमी की प्रतिक्रिया और परिवार की सुरक्षा
शमी ने तुरंत की पुलिस में शिकायत
शमी ने जैसे ही यह मेल देखा, उन्होंने तुरंत स्थानीय पुलिस और साइबर सेल को इसकी जानकारी दी। रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) और खुफिया एजेंसियों को भी सौंपा गया है। Mohammed Shami Threat अब राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला बन चुका है।
परिवार को मिली सुरक्षा
शमी के परिवार को भी विशेष सुरक्षा प्रदान की गई है। उनके घर के बाहर पुलिस तैनात की गई है और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखने के लिए सर्विलांस कैमरे लगाए गए हैं।
क्रिकेट जगत की प्रतिक्रिया
बीसीसीआई और खिलाड़ियों ने जताई चिंता
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने इस मामले पर गहरी चिंता जताई है। बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि Mohammed Shami Threat जैसी घटनाएं खेल और खिलाड़ियों की स्वतंत्रता पर खतरा हैं। विराट कोहली, रोहित शर्मा और हार्दिक पंड्या जैसे खिलाड़ी भी इस पर नाराजगी और चिंता जता चुके हैं।
साइबर सेल की जांच और तकनीकी पहलू
IP एड्रेस और मेल ट्रेसिंग में जुटी टीम
जांच एजेंसियां मेल भेजने वाले की पहचान के लिए मेल की IP ट्रेसिंग में जुटी हैं। बताया जा रहा है कि मेल किसी वीपीएन (VPN) के जरिए भेजा गया है, जिससे उसका मूल स्थान छिपा हुआ है। Mohammed Shami Threat के पीछे कोई बड़ा गिरोह या आतंकवादी संगठन होने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
Mohammed Shami Threat से पहले भी हो चुके हैं ऐसे मामले
पूर्व में विराट कोहली और धोनी को भी मिली थी धमकी
यह कोई पहली बार नहीं है जब किसी भारतीय खिलाड़ी को इस प्रकार की धमकी मिली हो। इससे पहले कप्तान विराट कोहली और पूर्व कप्तान एमएस धोनी को भी व्यक्तिगत हमलों की चेतावनी मिल चुकी है। लेकिन Mohammed Shami Threat ने इस ट्रेंड को और खतरनाक दिशा में ले लिया है, क्योंकि इसमें सीधे तौर पर फिरौती की मांग की गई है।
सोशल मीडिया पर मचा बवाल
फैन्स ने की सख्त कार्रवाई की मांग
जैसे ही Mohammed Shami Threat की खबर फैली, ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर हजारों पोस्ट्स और कमेंट्स आने लगे। लोगों ने भारत सरकार और गृह मंत्रालय से अपील की कि ऐसे अपराधियों पर फौरन कड़ी कार्रवाई की जाए।
क्या है कानूनी प्रावधान?
भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज
धारा 506 (धमकी देना), 507 (गुमनाम माध्यम से धमकी), 384 (फिरौती के लिए डराना) और IT एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। Mohammed Shami Threat के चलते अब यह एक संगीन अपराध की श्रेणी में आता है और दोषी पाए जाने पर सजा सात साल से लेकर उम्रकैद तक हो सकती है।
खिलाड़ी अब भी निशाने पर क्यों?
क्या सोशल मीडिया बना आतंक का नया हथियार?
Mohammed Shami Threat की घटना यह दिखाती है कि सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स अब आतंक और भय फैलाने के आसान माध्यम बनते जा रहे हैं। खिलाड़ियों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर इसका गहरा असर पड़ता है। सरकार और खेल संस्थानों को अब तकनीकी सुरक्षा उपायों के साथ-साथ कानूनी सख्ती भी बढ़ानी होगी।