महाकुंभ 2025: 144 वर्षों बाद का दुर्लभ संयोग, जब संतों, महात्माओं और श्रद्धालुओं का सागर संगम तट पर उमड़ा

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प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महोत्सव है, जो 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक चल रहा है। इस महाकुंभ का विशेष महत्व है, क्योंकि यह 144 वर्षों बाद आने वाला दुर्लभ संयोग है, जहां ग्रहों की विशेष स्थिति के कारण यह आयोजन और भी पवित्र माना जा रहा है। इस महायोजना में अब तक 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा चुके हैं, जो इसे विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समागम बनाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में सक्रिय भागीदारी निभाई है। प्रधानमंत्री मोदी ने संगम में पवित्र स्नान किया और महाकुंभ की व्यवस्थाओं की सराहना की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ की तैयारियों में विशेष रुचि ली, जिससे यह आयोजन भव्य, निर्मल और सुव्यवस्थित रूप से संपन्न हो रहा है।

इस महाकुंभ में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुगलकालीन परंपराओं को तोड़ते हुए “शाही स्नान” जैसे शब्दों को “अमृत स्नान” में परिवर्तित किया है, जिससे सनातन संस्कृति को नई पहचान मिली है। साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने इस पहल की भूरी-भूरी प्रशंसा की है, इसे सनातन संस्कृति को सशक्त करने की दिशा में बड़ा कदम माना है।

महाकुंभ 2025 में देश-विदेश से अनेक विशिष्ट व्यक्तियों ने भाग लिया है। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, श्रीपद नाइक, सांसद सुधांशु त्रिवेदी, राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति, असम विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, गोरखपुर के सांसद रवि किशन, हेमा मालिनी, पूर्व सांसद दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’, बॉलीवुड अभिनेत्री भाग्यश्री, अनुपम खेर, मिलिंद सोमण, ओलंपिक पदक विजेता साइना नेहवाल, अभिनेत्री से किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनीं ममता कुलकर्णी, प्रख्यात कवि कुमार विश्वास, क्रिकेटर सुरेश रैना, अंतरराष्ट्रीय रेसलर खली, कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा, बॉलीवुड अभिनेत्री ईशा गुप्ता और भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने संगम में पवित्र स्नान किया है।

महाकुंभ 2025 में पहली बार इजरायल, अमेरिका, फ्रांस, वियतनाम, इटली, कनाडा और म्यांमार जैसे देशों के विशिष्ट लोग गंगा आरती में शामिल हो रहे हैं। यह आयोजन भारतीय संस्कृति की वैश्विक पहचान को और मजबूत कर रहा है। हरिहर गंगा आरती समिति के अध्यक्ष सुरेश चंद्रा ने बताया कि काशी के तर्ज पर प्रयागराज में वर्ष 1997 में गंगा आरती की शुरुआत की गई थी, जो आज भी अनवरत जारी है।

महाकुंभ के दौरान सुरक्षा और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ क्षेत्र का दौरा कर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और प्रधानमंत्री के प्रस्तावित दौरे की तैयारियों का जायजा लिया। साधु-संतों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए उन्हें सनातन संस्कृति का ध्वजवाहक करार दिया है। अघोर तंत्राचार्य और किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर आर. मणिकंदन ने कहा कि महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में गुजारा गया एक-एक क्षण अमृत तुल्य है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी के प्रयासों की सराहना की, जिससे साधु-संतों और आमजन को सुरक्षित और सुव्यवस्थित तरीके से इस महाआयोजन का हिस्सा बनने का अवसर मिला है।

महाकुंभ 2025 में अब तक 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र संगम में डुबकी लगा चुके हैं, जो इसे विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समागम बनाता है। इस महायोजना में देश-विदेश से आए विशिष्ट व्यक्तियों की भागीदारी ने इसे और भी विशेष बना दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ को भव्य, निर्मल और सुव्यवस्थित रूप से साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह आयोजन न केवल भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक चेतना की जीवंत ज्योति है, बल्कि संपूर्ण विश्व को सनातन संस्कृति की भव्यता और श्रद्धा की अनूठी शक्ति का अनुभव करा रहा है।

महाकुंभ 2025 के दौरान सुरक्षा, स्वच्छता और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं, जिससे उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो। उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ को सफल बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं, जिससे यह आयोजन विश्व पटल पर भारतीय संस्कृति की महत्ता को प्रदर्शित कर रहा है।

महाकुंभ 2025 न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।

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