हाथरस में दर्दनाक सड़क हादसा: नीलगाय को बचाने की कोशिश में नहर में गिरी कार, 4 की मौत

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उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक भीषण सड़क हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई। यह हादसा उस समय हुआ जब परिवार अलीगढ़ से विवाह समारोह से लौट रहा था। रास्ते में अचानक एक नीलगाय कार के सामने आ गई, जिससे चालक ने संतुलन खो दिया और तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर नहर में जा गिरी। इस दुखद दुर्घटना में डॉ. नागेंद्र पाल सिंह, उनकी भाभी पूनम और उनकी दो मासूम बेटियां (3 साल की काव्या और 9 महीने की भूमि) की मौत हो गई

40 मिनट तक अंधेरे में फंसी रही कार, चार लोगों की मौत

इस दर्दनाक हादसे के बाद कार करीब 40 मिनट तक नहर में डूबी रही, जिससे चारों लोगों की जान चली गई। हादसा हसायन थाना क्षेत्र के बरसामई गांव के पास हुआ। दुर्घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। लेकिन जब तक कार में फंसे लोगों को बाहर निकाला गया, तब तक चार जिंदगियां हमेशा के लिए बुझ चुकी थीं

हादसे में तीन लोग गंभीर रूप से घायल

इस हादसे में कार में सवार अन्य तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। घायलों में सुनीता, बबलू, मंजू और गुलशन शामिल हैं। चिकित्सकों के अनुसार, इनकी हालत गंभीर बनी हुई है, और सभी का इमरजेंसी वार्ड में इलाज जारी है

कैसे हुआ हादसा?

  • हादसे का शिकार परिवार एटा जिले का रहने वाला था और विवाह समारोह से लौट रहा था।
  • रात के अंधेरे में सड़क पार कर रही नीलगाय अचानक कार के सामने आ गई
  • कार चालक ने नीलगाय को बचाने की कोशिश की, लेकिन वाहन अनियंत्रित होकर सीधे नहर में गिर गया
  • नहर की गहराई लगभग 10 फीट थी, जिससे कार पूरी तरह से पानी में डूब गई।
  • बचाव कार्य शुरू होने में काफी देर हो गई, जिससे चार लोगों की जान नहीं बचाई जा सकी

वन्यजीवों के कारण बढ़ रहे हैं सड़क हादसे

उत्तर प्रदेश और कई अन्य राज्यों में नीलगायों की बढ़ती संख्या सड़क हादसों की वजह बन रही है। हाथरस, अलीगढ़, एटा, मथुरा, आगरा और आसपास के ग्रामीण इलाकों में अक्सर तेज़ रफ्तार वाहनों और नीलगायों के टकराने की घटनाएं सामने आती हैं। इस हादसे ने एक बार फिर से वन्यजीवों और सड़क सुरक्षा के बीच संतुलन बनाने की जरूरत को उजागर कर दिया है।

राज्य सरकार और प्रशासन की भूमिका

उत्तर प्रदेश सरकार और वन विभाग को मिलकर ऐसे हादसों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। संभावित उपायों में शामिल हैं:

  • सड़क किनारे चेतावनी संकेतों की संख्या बढ़ाई जाए
  • वन्यजीवों के लिए विशेष पारगमन मार्ग बनाए जाएं
  • रात के समय तेज़ रफ्तार वाहनों की निगरानी बढ़ाई जाए
  • ड्राइवरों के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएं ताकि वे इस तरह के हादसों से बच सकें।

स्थानीय लोगों में शोक की लहर

इस हादसे ने पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ा दी है। पड़ोसियों और रिश्तेदारों का कहना है कि इस घटना ने एक खुशहाल परिवार को उजाड़ दिया। मृतक डॉ. नागेंद्र पाल सिंह एटा में एक प्रसिद्ध चिकित्सक थे और लोगों की सेवा में हमेशा तत्पर रहते थे। उनकी मौत से समुदाय को बड़ा नुकसान हुआ है

बचाव कार्य में देरी बनी जानलेवा

स्थानीय लोगों ने बचाव कार्य में देरी को हादसे की एक बड़ी वजह बताया। ग्रामीणों के अनुसार, अगर कार को नहर से समय रहते बाहर निकाल लिया जाता, तो शायद चार लोगों की जान बच सकती थी। इस मामले में प्रशासन को तेज़ और प्रभावी बचाव अभियान चलाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है

सड़क सुरक्षा नियमों का पालन जरूरी

यह घटना एक चेतावनी भी है कि वाहन चालकों को रात के समय विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। सड़क पर चलाते समय:

  1. गति सीमा का पालन करें
  2. सुनसान और ग्रामीण इलाकों में हाई बीम का इस्तेमाल करें
  3. रात के समय सड़क पर वन्यजीवों की मौजूदगी का ध्यान रखें
  4. आपातकालीन स्थिति के लिए ब्रेकिंग तकनीकों को समझें

हाथरस का यह भीषण सड़क हादसा एक बड़ी त्रासदी है, जिसने एक ही परिवार के चार सदस्यों की जान ले ली। यह घटना इस बात की ओर भी संकेत करती है कि सड़क सुरक्षा और वन्यजीवों की उपस्थिति के बीच संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है। सरकार, प्रशासन और स्थानीय लोगों को मिलकर इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सख्त उपाय करने होंगे

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