हाइलाइट्स
- पुरुष के लिए गर्भवती होना – कासगंज में युवक की अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट ने डॉक्टरों को भी चौंका दिया।
- अलीगढ़ के अस्पताल में हुई जांच में रिपोर्ट में गर्भ की पुष्टि दर्ज हुई।
- युवक कई दिनों से पेट दर्द से परेशान था और इलाज के लिए अस्पताल पहुंचा।
- रिपोर्ट में गर्भ ठहरने का स्थान फिलोपियन ट्यूब बताया गया।
- शिकायत के बाद डॉक्टरों ने गलती स्वीकार कर माफी मांगी।
कासगंज में अजीबोगरीब मामला – युवक को बताया गया गर्भवती
उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले के अलीगंज कस्बे में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने लोगों को हैरत में डाल दिया। एक 22 वर्षीय युवक की अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में यह लिखा था कि वह गर्भवती है। सवाल उठने लगा – क्या वास्तव में पुरुष के लिए गर्भवती होना संभव है?
दर्शन नामक यह युवक सीमेंट फैक्ट्री में काम करता है और पिछले कई दिनों से पेट दर्द से परेशान था। परेशानी बढ़ने पर उसने अलीगढ़ के सनराइज अस्पताल में डॉक्टर से संपर्क किया। डॉक्टरों ने अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी।
रिपोर्ट देखकर हक्के-बक्के रह गए सभी
जब अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट आई, तो उसमें लिखा था कि दर्शन के पेट में गर्भ है और यह गर्भ फिलोपियन ट्यूब में ठहरा हुआ है। यही नहीं, रिपोर्ट में यह भी दर्ज था कि गुर्दे की नली में सूजन पाई गई है। रिपोर्ट पढ़कर दर्शन के होश उड़ गए।
परिवार और मोहल्ले में इस बात की चर्चा फैल गई। लोगों में यह सवाल गूंजने लगा कि आखिर पुरुष के लिए गर्भवती होना कैसे संभव है?
डॉक्टरों ने मानी गलती
दर्शन ने इस रिपोर्ट के बाद मानसिक तनाव का सामना किया। वह खुद को उपहास का पात्र महसूस करने लगा। उसने मामले की शिकायत सीएमओ और जिलाधिकारी से की।
अस्पताल के डॉक्टर आलोक गुप्ता ने माना कि रिपोर्ट में तकनीकी गलती हुई है। उन्होंने कहा, “यह अल्ट्रासाउंड रिपोर्टिंग में हुई त्रुटि है, जिसे तुरंत सुधार लिया गया है।”
क्या वास्तव में पुरुष गर्भवती हो सकते हैं?
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, प्राकृतिक रूप से पुरुष के लिए गर्भवती होना संभव नहीं है क्योंकि पुरुषों में गर्भाशय और प्रजनन तंत्र के वे अंग नहीं होते जो गर्भधारण के लिए जरूरी हैं।
हालांकि, कुछ मामलों में ट्रांसजेंडर पुरुष, जिन्होंने जन्म के समय महिला शरीर पाया और बाद में लिंग परिवर्तन कराया, गर्भवती हो सकते हैं यदि उनका गर्भाशय सुरक्षित है। लेकिन एक जैविक पुरुष में गर्भधारण असंभव है।
चिकित्सा विशेषज्ञों की राय
- स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सीमा मिश्रा कहती हैं, “एक जैविक पुरुष के लिए गर्भवती होना असंभव है। रिपोर्ट में ऐसा आना पूरी तरह से मशीन या रिपोर्टिंग त्रुटि है।”
- रेडियोलॉजिस्ट डॉ. मनोज कुमार के अनुसार, अल्ट्रासाउंड में गलत रिपोर्टिंग कभी-कभी टेम्पलेट एंट्री मिस्टेक या सॉफ्टवेयर बग के कारण हो जाती है।इस तरह की गलतियों से क्या होता है नुकसान?
ऐसी त्रुटियां सिर्फ मरीज को ही नहीं, अस्पताल की साख को भी नुकसान पहुंचाती हैं। दर्शन के मामले में यह गलती सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिससे अस्पताल की काफी किरकिरी हुई।
मानसिक रूप से भी यह स्थिति व्यक्ति को झटका देती है। दर्शन का कहना है कि इस घटना के बाद वह शर्मिंदगी और मानसिक तनाव से जूझ रहा है।
कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई
सीएमओ कार्यालय ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। यदि यह पाया गया कि यह लापरवाही है, तो अस्पताल के खिलाफ मेडिकल नेग्लिजेंस के तहत कार्रवाई हो सकती है।
सोशल मीडिया में मचा बवाल
जैसे ही यह खबर बाहर आई, सोशल मीडिया पर मीम्स और कमेंट्स की बाढ़ आ गई। कई लोगों ने व्यंग्य किया, तो कईयों ने चिकित्सा प्रणाली पर सवाल उठाए। “क्या अब सच में पुरुष के लिए गर्भवती होना संभव हो गया है?” – ऐसे सवाल पोस्ट किए जाने लगे।
सबक – रिपोर्ट को जांचें और सत्यापित करें
यह घटना इस बात का सबूत है कि चिकित्सा रिपोर्ट को आंख मूंदकर मान लेना सही नहीं है। मरीज को चाहिए कि वह रिपोर्ट में लिखी हर बात को डॉक्टर से विस्तार से समझे और संदेह होने पर दूसरी राय ले।
कासगंज के इस मामले ने एक बार फिर चिकित्सा व्यवस्था में सावधानी की जरूरत पर जोर दिया है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से पुरुष के लिए गर्भवती होना संभव नहीं है, और यह सिर्फ रिपोर्टिंग त्रुटि का मामला निकला। लेकिन इसने यह जरूर दिखा दिया कि छोटी सी लापरवाही भी किसी की जिंदगी में बड़ा मानसिक असर डाल सकती है।