बीजेपी सांसद की बहन के साथ आखिर हुआ क्या..? फर्रुखाबाद में घरेलू हिंसा के वायरल वीडियो ने खोला चौंकाने वाला राज

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हाइलाइट्स

  • बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत की बहन के साथ घरेलू हिंसा का सनसनीखेज मामला फर्रुखाबाद से सामने आया।
  • पीड़िता का आरोप, ससुर ने लाठी-डंडों से बुरी तरह पीटा और वीडियो भी वायरल हुआ।
  • शिकायत में नहाते समय वीडियो बनाने और जान से मारने की धमकी का आरोप शामिल।
  • पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की, आरोपियों की गिरफ्तारी जल्द होने की संभावना।
  • सांसद मुकेश राजपूत पहले भी संसद भवन में धक्कामुक्की की घटना को लेकर चर्चा में रह चुके हैं।

घरेलू हिंसा का बड़ा मामला: सांसद की बहन पर ससुर का हमला

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद से बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत की बहन के साथ घरेलू हिंसा का गंभीर मामला सामने आया है। इस घटना ने न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, बल्कि समाज में घरेलू हिंसा के बढ़ते मामलों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला और तूल पकड़ गया है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पहले कहासुनी होती है और फिर देखते ही देखते विवाद हिंसक रूप ले लेता है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

कहासुनी से हिंसा तक

घरेलू विवाद का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत की बहन के साथ घरेलू हिंसा की घटना अचानक शुरू हो गई। बहस के दौरान ससुर ने लाठी उठाई और बहू पर हमला कर दिया।

महिला की बचाव की कोशिश

पीड़िता खुद को बचाने का प्रयास करती रही, लेकिन ससुर का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा था। इस दौरान परिवार के अन्य सदस्य भी वहां मौजूद थे, लेकिन हिंसा रोकने की बजाय तमाशबीन बने रहे।

पीड़िता के गंभीर आरोप

नहाते समय बनाया वीडियो

पीड़िता ने पुलिस को दी गई तहरीर में आरोप लगाया कि जब वह नहा रही थी, तब उसके ससुर और देवरों ने उसका वीडियो बनाने की कोशिश की। यह आरोप बेहद गंभीर है और बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत की बहन के साथ घरेलू हिंसा मामले को और पेचीदा बना देता है।

जान से मारने की धमकी

महिला का आरोप है कि विरोध करने पर उसके ससुर ने लाइसेंसी राइफल दिखाकर जान से मारने की धमकी दी। इतना ही नहीं, उसके देवरों ने भी मिलकर उस पर हमला किया। किसी तरह वह अपनी जान बचाकर बाहर निकली, लेकिन गली तक पीछा कर उसे पीटा गया।

पुलिस की कार्रवाई

एफआईआर दर्ज

जैसे ही मामला प्रकाश में आया, पुलिस हरकत में आ गई। सहावर क्षेत्र की सीओ शाहिदा नसरीन ने पुष्टि की कि पीड़िता की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

जांच जारी

पुलिस का कहना है कि मामले की सभी बारीकियों की जांच की जा रही है। आरोपियों की गिरफ्तारी जल्द की जाएगी और कानूनी कार्रवाई में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।

सांसद मुकेश राजपूत पहले भी रह चुके हैं चर्चा में

बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत की बहन के साथ घरेलू हिंसा का यह मामला उन्हें एक बार फिर सुर्खियों में ले आया है। इससे पहले वे संसद भवन में धक्कामुक्की की घटना को लेकर चर्चा में रहे थे, जब उन्हें चोट लगी थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद उनका हालचाल लिया था।

कौन हैं मुकेश राजपूत?

  • वर्तमान में फर्रुखाबाद लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद हैं।
  • 2014 में पहली बार संसद में प्रवेश किया और फिलहाल दूसरी बार सांसद हैं।
  • आरपी डिग्री कॉलेज, कमालगंज से बीएससी की पढ़ाई की।
  • कई संसदीय समितियों के सदस्य भी रह चुके हैं।

घरेलू हिंसा पर बढ़ते सवाल

समाज में चिंता

यह घटना सिर्फ इसलिए बड़ी नहीं है कि इसमें सांसद के परिवार का नाम जुड़ा है, बल्कि इसलिए भी कि यह समाज में घरेलू हिंसा की गंभीरता को उजागर करती है। जब बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत की बहन के साथ घरेलू हिंसा जैसा मामला सामने आता है, तो यह आम महिलाओं की सुरक्षा को लेकर और भी चिंताजनक हो जाता है।

महिलाओं की आवाज

यह घटना फिर से सवाल खड़ा करती है कि क्या महिलाएं अपने ही घरों में सुरक्षित हैं? जब शिक्षित और राजनीतिक रूप से प्रभावशाली परिवारों में भी ऐसी घटनाएं होती हैं, तो ग्रामीण या साधारण परिवारों की महिलाओं की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।

आगे क्या?

कानून का कसौटी पर होना

पुलिस की कार्रवाई और अदालत की सुनवाई इस मामले में अहम साबित होगी। यह देखना होगा कि क्या पीड़िता को न्याय मिल पाता है या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह समय के साथ दब जाएगा।

समाज का नजरिया

इस घटना ने लोगों को एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया है कि घरेलू हिंसा सिर्फ एक पारिवारिक मुद्दा नहीं, बल्कि एक सामाजिक अपराध है। बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत की बहन के साथ घरेलू हिंसा का मामला इसका ताजा उदाहरण है।

फर्रुखाबाद की यह घटना साफ बताती है कि घरेलू हिंसा समाज के हर वर्ग में मौजूद है। चाहे परिवार कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, महिलाओं को हिंसा का सामना करना पड़ रहा है। अब सवाल है कि क्या कानून और समाज मिलकर ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगा पाएंगे?

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