हाइलाइट्स
- लंदन में Chinese PHD Student झेनहाओ जू को सीरियल रेपिस्ट करार देते हुए 24 साल की जेल
- आरोपी ने 10 महिलाओं से 11 बार रेप किया, कई घटनाओं का वीडियो भी किया रिकॉर्ड
- पीड़िताओं को नशीली दवाओं का शिकार बनाकर अपने फ्लैट पर करता था दुष्कर्म
- Chinese PHD Student जू डेटिंग एप्स के माध्यम से बनाता था संपर्क
- पुलिस को आरोपी के पास से 9 अश्लील वीडियो क्लिप्स भी मिलीं, जांच अब भी जारी
लंदन/बीजिंग – यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में पढ़ाई कर रहा Chinese PHD Student झेनहाओ जू आज पूरी दुनिया की सुर्खियों में है, लेकिन किसी शोध या नवाचार के लिए नहीं, बल्कि एक भयानक अपराध के लिए। ब्रिटेन की एक अदालत ने 10 महिलाओं से 11 बार रेप करने वाले इस आरोपी को 24 साल की कठोर सजा सुनाई है। कोर्ट ने झेनहाओ जू को “यौन शिकारी” करार देते हुए कहा कि उसने महिलाओं को “खिलौनों” की तरह इस्तेमाल किया।
कोर्ट के फैसले में क्या कहा गया?
ब्रिटेन की क्राउन कोर्ट ने अपने कठोर फैसले में Chinese PHD Student झेनहाओ जू को “शातिर मानसिकता वाला अपराधी” बताते हुए कहा कि आरोपी ने बार-बार महिलाओं को धोखे से अपने फ्लैट पर बुलाकर उन्हें नशीली दवाएं दीं और फिर उनके साथ दुष्कर्म किया।
अदालत ने कहा कि यह सामान्य बलात्कार का मामला नहीं, बल्कि सोच-समझकर, बार-बार, योजनाबद्ध तरीके से की गई सीरियल क्राइम है। आरोपी ने पीड़िताओं को “मानव” नहीं, बल्कि “उपयोग की वस्तु” समझा।
2019 से 2023 तक फैला था जुर्म का जाल
पुलिस जांच में सामने आया कि Chinese PHD Student जू ने यह वारदातें 2019 और 2023 के बीच अंजाम दीं। इनमें से 3 केस लंदन के थे, जबकि 7 पीड़िताएं चीन की हैं।
जू महिलाओं को डेटिंग ऐप्स जैसे Tinder और Bumble से संपर्क करता था। वह खुद को पढ़ा-लिखा, सॉफ्ट स्पोकन और केयरिंग बताकर महिलाओं का विश्वास जीतता। फिर उन्हें “स्टडी सेशन” या पार्टी के बहाने अपने फ्लैट पर बुलाता।
डेटिंग एप्स बना अपराध का जरिया
आज की डिजिटल दुनिया में जहां डेटिंग एप्स लोगों को जोड़ती हैं, वहीं Chinese PHD Student झेनहाओ जू जैसे अपराधी इसका गलत फायदा उठाते हैं। पुलिस ने बताया कि आरोपी अधिकतर महिलाओं से ऑनलाइन जुड़ा और फिर उन्हें नशीली दवाएं मिलाकर अपने जाल में फंसाया।
कई बार महिलाओं को इतना नशा हो जाता था कि उन्हें अगले दिन कुछ भी याद नहीं रहता था। एक पीड़िता ने बताया, “मैं समझ ही नहीं पाई कि मेरे साथ क्या हुआ, मैं सिर्फ सुबह बिस्तर पर जागी।”
9 अश्लील वीडियो के साथ पकड़ा गया आरोपी
पुलिस जब Chinese PHD Student को गिरफ्तार करने पहुंची, तो उसके पास से 9 ऐसे वीडियो मिले जिनमें वह रेप की वारदात को अंजाम दे रहा था। ये सभी वीडियो उसके मोबाइल और लैपटॉप में सुरक्षित थे।
विचारणीय यह है कि ऐसे शातिर अपराधी केवल शारीरिक नहीं, मानसिक रूप से भी महिलाओं का शोषण करते हैं। पुलिस का कहना है कि और भी कई महिलाएं इस अपराधी का शिकार हो सकती हैं, जिनकी पहचान अभी नहीं हो पाई है।
पीड़िताओं की चुप्पी और डर
कई महिलाओं ने शर्म और डर के कारण शिकायत दर्ज नहीं कराई। एक युवती ने कहा, “मुझे नहीं लगा कि मैं इस घटना को रिपोर्ट कर सकती हूं। वह बहुत ताकतवर और चालाक था।”
बीबीसी को एक व्यक्ति ने बताया कि झेनहाओ जू ने खुद यह बात मानी थी कि वह ड्रिंक्स में नशीली दवा मिलाता है ताकि महिलाएं प्रतिरोध न कर सकें।
क्या विश्वविद्यालयों को नहीं थी भनक?
एक बड़ा सवाल यह है कि क्या यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन जैसे प्रतिष्ठित संस्थान को अपने Chinese PHD Student की इन गतिविधियों की कोई भनक नहीं थी?
विवि प्रशासन की ओर से अब तक कोई विस्तृत बयान सामने नहीं आया है, परंतु यह जरूर कहा गया है कि “हम इस खबर से स्तब्ध हैं और हर संभव सहयोग दे रहे हैं।”
चीन में भी हुई थी घटनाएं
पुलिस ने पुष्टि की है कि Chinese PHD Student ने लंदन के अलावा चीन में भी कई महिलाओं को शिकार बनाया था। वह छुट्टियों में जब चीन जाता, तो वहीं नए ‘शिकार’ ढूंढता और उन्हें अपनी हवस का शिकार बनाता।
इस अंतरराष्ट्रीय पहलू को देखते हुए अब इंटरपोल और चीनी एजेंसियां भी जांच में शामिल हो गई हैं।
भविष्य में क्या होगा?
लंदन कोर्ट के फैसले के बाद Chinese PHD Student झेनहाओ जू को 24 साल की जेल की सजा तो मिली है, लेकिन समाज के लिए सवाल बाकी हैं:
- क्या ऐसे अपराधों की रोकथाम के लिए डेटिंग एप्स को और जवाबदेह नहीं बनाया जाना चाहिए?
- क्या विदेशी छात्रों की निगरानी प्रणाली पर्याप्त है?
- क्या यौन अपराधों के लिए सख्त अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत नहीं?
विज्ञान का छात्र, अपराध का मास्टरमाइंड
Chinese PHD Student झेनहाओ जू का मामला हमें याद दिलाता है कि शिक्षा, प्रतिभा और तकनीकी ज्ञान अगर नैतिकता के बिना हो, तो वह समाज के लिए अभिशाप बन सकता है।
जहां हम युवाओं को आगे बढ़ते देखना चाहते हैं, वहीं ऐसे मामले हमें सतर्क करते हैं कि अपराध किसी भी वेश में हो सकता है – यहां तक कि पीएचडी की डिग्री के पीछे भी।