Child Abuse

शरारत पर मां ने किया ऐसा सज़ा का खेल, गर्म रॉड से दाग दिए बेटे के हाथ-पैर; जब सच सामने आया तो कांप उठा पूरा मोहल्ला

Latest News

हाइलाइट्स

  • कर्नाटक के हुबली में Child Abuse का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया
  • बच्चे की शरारत से नाराज़ मां ने गर्म लोहे की छड़ से दाग दिए हाथ-पैर और गर्दन
  • पड़ोसियों की सतर्कता से बची मासूम की जान, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
  • महिला को पुलिस ने हिरासत में लिया, Child Abuse के तहत दर्ज हुआ मामला
  • बाल कल्याण विभाग ने बच्चे की सुरक्षा और उपचार की जिम्मेदारी ली

Child Abuse ने फिर शर्मसार किया समाज: कर्नाटक की मां की दरिंदगी का वीडियो वायरल

कर्नाटक के हुबली शहर से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पूरे देश को झकझोर दिया है। मां जिसे बच्चों का सबसे सुरक्षित आसरा माना जाता है, वही मां जब क्रूरता की हदें पार कर दे, तो समाज का दिल दहलना लाजमी है। यह मामला Child Abuse यानी बाल शोषण का ऐसा उदाहरण है जो हर माता-पिता और प्रशासन को सतर्क होने के लिए मजबूर करता है।

ओल्ड हुबली के टीपू नगर में एक महिला ने अपने ही बच्चे को गर्म रॉड से दाग दिया, सिर्फ इसलिए क्योंकि बच्चा कुछ ज्यादा शरारती था। महिला का नाम अनुषा हुलीमारा है, जिसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

घटना की पूरी जानकारी: कब, कहां और कैसे हुआ यह Child Abuse का मामला?

घटना स्थल:

हुबली शहर का टीपू नगर, चौथा क्रॉस, ओल्ड टाउन इलाका।

घटना का समय:

सोमवार सुबह, जब अधिकांश लोग अपने दैनिक कार्यों में व्यस्त थे।

घटना का खुलासा कैसे हुआ:

बच्चे के रोने की आवाज सुनकर पड़ोसी चिंतित हो गए। जब उन्होंने घर के अंदर जाकर देखा, तो उन्हें जो दृश्य दिखाई दिया, वह बेहद भयावह था। बच्चे के हाथ, पैर और गर्दन पर जलने के गहरे निशान थे।

Child Abuse की वजह: मां की कथित नाराजगी

पुलिस के अनुसार, अनुषा हुलीमारा अपने बच्चे की हरकतों से नाराज थी। बच्चा कभी पड़ोसियों के घर जाकर शरारत करता था, तो कभी घर के सामान के साथ खेलता रहता था। महिला की नाराजगी धीरे-धीरे क्रूरता में बदल गई और उसने गर्म लोहे की रॉड लेकर बच्चे के शरीर को दाग दिया।

यह क्रिया न केवल शारीरिक रूप से बालक के लिए घातक साबित हो सकती थी, बल्कि मानसिक स्तर पर भी यह एक गहरा Child Abuse है, जिसका असर लंबे समय तक रहेगा।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो, देश भर में आक्रोश

बच्चे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसमें वह अपने हाथ-पैर और चेहरे पर जले हुए घाव दिखाते हुए कहता है कि उसकी मां ने उसे जलाया है। वीडियो को जिसने भी देखा, उसका दिल कांप गया।

यह वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो चुका है और इसके माध्यम से Child Abuse को लेकर देशभर में एक नई बहस छिड़ गई है – क्या बच्चों की सुरक्षा अब घर के अंदर भी संभव नहीं रही?

पुलिस और प्रशासन की भूमिका: तत्परता और संवेदनशीलता

ओल्ड टाउन हुबली पुलिस को सूचना मिलते ही वे घटनास्थल पर पहुंचे। महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई। इसके साथ ही बाल कल्याण समिति को भी सूचित किया गया, जिन्होंने तुरंत पीड़ित बच्चे को मेडिकल सहायता और मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग देने की प्रक्रिया शुरू की।

हुबली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमने Child Abuse के तहत एफआईआर दर्ज की है और महिला को न्यायालय में पेश किया जाएगा। बच्चे की काउंसलिंग और उपचार सर्वोच्च प्राथमिकता है।”

बच्चे की हालत और पुनर्वास प्रयास

फिलहाल बच्चे का इलाज नजदीकी सरकारी अस्पताल में चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, उसके शरीर पर जलने के कई गहरे निशान हैं, लेकिन उसकी हालत स्थिर है। बाल संरक्षण अधिकारी उसे एक पुनर्वास केंद्र भेजने की प्रक्रिया में हैं जहां उसकी मानसिक और शारीरिक देखभाल की जाएगी।

Child Abuse के बढ़ते मामले: क्या करें अभिभावक और पड़ोसी?

भारत में Child Abuse के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, खासकर घरों के भीतर। यह जरूरी हो गया है कि—

  • पड़ोसी सतर्क रहें और किसी भी अजीब हरकत को नजरअंदाज न करें
  • अभिभावकों को काउंसलिंग मिले, ताकि वे गुस्से को हिंसा में न बदलें
  • स्कूलों और समाज में बाल संरक्षण की जागरूकता फैलाई जाए

न्याय और सुधार: समाज को क्या संदेश देती है यह घटना?

यह मामला केवल एक बच्चा और उसकी मां के बीच की घटना नहीं है, यह पूरे समाज के लिए चेतावनी है। यदि Child Abuse घर की चारदीवारी में हो रहा है, तो हमें मौन नहीं रहना चाहिए।

पुलिस और बाल संरक्षण विभाग की तत्परता सराहनीय है, लेकिन केवल कार्रवाई से समाधान नहीं होगा। जब तक समाज जागरूक नहीं होगा और बच्चों को सुरक्षित बचपन देने का संकल्प नहीं लेगा, तब तक Child Abuse की यह आग सुलगती रहेगी।

बच्चे का अधिकार है एक सुरक्षित और स्नेहमयी बचपन

कर्नाटक के इस मामले ने एक बार फिर साबित किया है कि Child Abuse केवल किसी अपराधी का काम नहीं होता, यह आम लोगों की लापरवाही और गुस्से का परिणाम भी हो सकता है। बच्चों की सुरक्षा केवल स्कूल या कानून की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज की है।

मां का यह चेहरा दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन समाज की जागरूकता और प्रशासन की तत्परता से हम ऐसे अपराधों को रोक सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *