हाइलाइट्स
- इटावा में एक टीचर दंपति के वैवाहिक विवाद ने Family Dispute Violence का भयावह रूप ले लिया
- दोनों पक्षों के बीच खुलेआम लाठी-डंडों से मारपीट, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
- पीड़िता की शिकायत- पति ने गुपचुप दूसरी शादी की, विरोध करने पर ससुराल में मचा उत्पात
- महिला शिक्षक, उसकी मां और भाई को बुरी तरह पीटा गया, पुलिस पहुंची मौके पर
- थाना पुलिस ने बताया- अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई, जांच जारी है
इटावा में पारिवारिक विवाद बना Family Dispute Violence की मिसाल
उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद में गुरुवार को दोपहर एक पारिवारिक मामला अचानक हिंसा में तब्दील हो गया। भरथना कोतवाली क्षेत्र के नगरिया यादवान गांव में एक टीचर दंपति के बीच शुरू हुआ निजी विवाद Family Dispute Violence का भयावह दृश्य लेकर आया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि दोनों पक्षों में जमकर लाठी-डंडे और लात-घूंसे चले। इस हिंसा में महिला शिक्षक, उसका भाई, मां और अन्य सदस्य घायल हो गए।
दूसरी शादी बना विवाद की जड़
पति ने मामा की बेटी से की गुपचुप शादी
जानकारी के अनुसार, ताखा ब्लॉक में तैनात बेसिक शिक्षक अंकुर यादव ने हाल ही में अपने मामा की बेटी से दूसरी शादी कर ली। जब यह बात उसकी पहली पत्नी को पता चली, जो स्वयं एक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका है, तो वह अपने मायके वालों के साथ ससुराल पहुंची। वहां विवाद इतना बढ़ा कि बात हाथापाई और फिर Family Dispute Violence में बदल गई।
बहन को पीटा, मां और पत्नी को भी नहीं बख्शा
भाई का आरोप – “शादी के बाद से ही उत्पीड़न शुरू हो गया था”
पीड़िता के भाई मुकुल यादव ने मीडिया को बताया, “जब हम अपनी बहन के साथ न्याय की बात करने उसके ससुराल गए, तो हमारे जीजा अंकुर यादव और उसके परिजनों ने पहले बहन को मारा और फिर मेरी मां और पत्नी पर भी हमला कर दिया।”
मुकुल ने आगे कहा कि अंकुर यादव शादी के एक महीने बाद से ही बहन से पैसों की मांग करने लगा था, खासतौर पर मकान निर्माण के लिए। जब उसे पैसे नहीं मिले, तो उसने गुपचुप दूसरी शादी कर ली। यह पूरा मामला एक सुनियोजित Family Dispute Violence की तरह प्रतीत होता है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ संघर्ष का वीडियो
घटना का वीडियो मौके पर मौजूद किसी व्यक्ति ने बना लिया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि दोनों पक्ष खुलेआम सड़क पर एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं। महिलाएं भी इस Family Dispute Violence की चपेट में आईं और बुरी तरह घायल हुईं।
घायलों का इलाज जिला अस्पताल में जारी
घटना की सूचना मिलते ही भरथना कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और सभी घायलों को भरथना सीएचसी ले जाया गया, जहां से उन्हें जिला अस्पताल इटावा रेफर कर दिया गया। महिला शिक्षक समेत अन्य सदस्यों का इलाज चल रहा है। Family Dispute Violence की यह घटना पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गई है।
पुलिस की प्रारंभिक प्रतिक्रिया
“फिलहाल कोई तहरीर नहीं मिली है”
भरथना थाना प्रभारी देवेंद्र सिंह ने बताया कि मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और घायलों को उपचार के लिए अस्पताल भेजा। उन्होंने कहा, “अब तक किसी भी पक्ष की ओर से कोई लिखित तहरीर नहीं दी गई है। जैसे ही तहरीर मिलेगी, मामला दर्ज कर उचित कार्रवाई की जाएगी।”
कानूनी प्रक्रिया की जटिलताएं
इस Family Dispute Violence के मामले में एक बड़ा पहलू यह भी है कि पति ने पहले ही न्यायालय में तलाक की अर्जी दाखिल कर रखी है। ऐसे में कानूनन पत्नी होने के बावजूद महिला का अधिकार और सुरक्षा सवालों के घेरे में है। दूसरी ओर, गुपचुप तरीके से दूसरी शादी करना भारतीय दंड संहिता की धारा 494 (द्विविवाह) के अंतर्गत अपराध है।
सामाजिक ताने-बाने पर असर
इटावा की यह घटना न केवल पारिवारिक ढांचे की टूटन को दर्शाती है बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे घरेलू विवाद Family Dispute Violence का रूप लेकर समाज में अराजकता फैला सकते हैं। शिक्षकों जैसे जिम्मेदार पद पर आसीन लोग जब इस तरह के कृत्यों में लिप्त पाए जाते हैं, तो यह शिक्षण प्रणाली की साख पर भी सवाल खड़े करता है।
विशेषज्ञों की राय
“ऐसे मामलों में मध्यस्थता जरूरी है”
परिवार परामर्श केंद्र की वरिष्ठ काउंसलर डॉ. अर्चना मिश्रा कहती हैं, “Family Dispute Violence के अधिकतर मामलों में समय रहते मध्यस्थता हो जाए तो ऐसे टकराव टाले जा सकते हैं। लेकिन जब दोनों पक्ष जिद पर उतर आते हैं और संवाद टूट जाता है, तो मामला हिंसा में बदल जाता है।”
इटावा की यह घटना केवल एक पारिवारिक झगड़े की कहानी नहीं है, बल्कि यह Family Dispute Violence के उस पहलू को उजागर करती है, जो अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। जहां शिक्षा, समझ और कानून होने के बावजूद लोग निजी रिश्तों में मर्यादा भूल बैठते हैं। आवश्यकता है समय रहते संवाद, मध्यस्थता और कानून का सहारा लेने की, ताकि ऐसे हालात से बचा जा सके।