हाइलाइट्स
- घुटनों की ग्रीस यानी Synovial Fluid की कमी से बढ़ रही कम उम्र में जोड़ दर्द की समस्या
- डॉक्टर एन के शर्मा ने नेचुरोपैथी के जरिए Synovial Fluid बढ़ाने के प्राकृतिक उपाय बताए
- गलत खानपान और फिजिकल एक्टिविटी की कमी बन रही है घुटनों की अकड़न की वजह
- डाइट में बदलाव और नियमित हल्की एक्सरसाइज से Synovial Fluid में सुधार संभव
- शरीर में हीलिंग की प्राकृतिक क्षमता होती है, जरूरत है सिर्फ सही लाइफस्टाइल की
घुटनों में दर्द और अकड़न का मुख्य कारण है Synovial Fluid की कमी
आज के समय में कम उम्र में घुटनों का दर्द, चलने में परेशानी, खट-खट की आवाजें या अकड़न जैसी समस्याएं आम होती जा रही हैं। ये समस्याएं केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि अब 30-40 साल के युवा भी इससे जूझ रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इसका एक अहम कारण है घुटनों के जोड़ों में मौजूद प्राकृतिक चिकनाई Synovial Fluid का कम हो जाना। यह लेख इसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या पर आधारित है और बताएगा कि Synovial Fluid की कमी क्यों होती है, इसके लक्षण क्या हैं, और इसे नेचुरल तरीकों से कैसे बढ़ाया जा सकता है।
Synovial Fluid क्या है और इसका काम क्या है?
जोड़ों की चिकनाई बनाए रखने वाला द्रव
Synovial Fluid एक प्रकार का गाढ़ा और चिकन द्रव होता है, जो हमारे जोड़ (जैसे घुटने, कूल्हे, कोहनी आदि) में मौजूद रहता है। इसका कार्य जोड़ की हड्डियों के बीच घर्षण को कम करना, उन्हें चिकन बनाना और झटकों को सहने में मदद करना होता है। यह हमारे शरीर के लोकोमोटिव सिस्टम के लिए अत्यंत आवश्यक है।
घुटनों में Synovial Fluid की कमी क्यों होती है?
गलत खानपान और निष्क्रिय जीवनशैली बनी मुख्य वजह
डॉ. एन के शर्मा, जो एक वरिष्ठ नेचुरोपैथी चिकित्सक हैं, बताते हैं कि Synovial Fluid की कमी के दो प्रमुख कारण होते हैं:
1. कार्टिलेज का घिसना
जब कार्टिलेज (हड्डियों के सिरे पर मौजूद मुलायम ऊतक) घिसने लगता है, तो Synovial Fluid बनना कम हो जाता है। यह सीधा असर जोड़ की कार्यक्षमता पर डालता है।
2. कैल्सिफिक फैट का जमाव
घुटनों के चारों ओर फैट जमने लगता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन बाधित होता है और Synovial Fluid का उत्पादन रुक जाता है।
कैसे पहचाने Synovial Fluid की कमी के लक्षण?
शरीर खुद संकेत देता है
- घुटनों में अकड़न या सूजन
- बैठने के बाद उठने में तकलीफ
- चलने पर खट-खट या चरमराहट की आवाजें
- जोड़ों में गर्माहट या जलन महसूस होना
- लगातार बैठने पर दर्द का बढ़ना
अगर ये लक्षण नजर आएं, तो यह संकेत हो सकता है कि आपके शरीर में Synovial Fluid की मात्रा कम हो रही है।
Synovial Fluid की कमी से कैसे निपटें?
नेचुरोपैथी डॉक्टर की सलाह
डॉ. एन के शर्मा बताते हैं कि इसके लिए मेडिकल उपचार के साथ-साथ जीवनशैली में बदलाव जरूरी है। आइए जानते हैं कुछ प्रमुख उपाय:
डाइट में करें यह बदलाव
क्या खाएं
- अंकुरित दालें
- ताजे फल और सब्ज़ियां
- कच्चे सलाद
- भिगोए हुए बादाम, अखरोट और चिया सीड्स
- नारियल पानी और नींबू पानी
क्या न खाएं
- अधिक प्रोटीन युक्त भोजन (जैसे नॉनवेज, दालों का अत्यधिक सेवन)
- प्रोसेस्ड फूड
- रिफाइंड शुगर और मैदा
- डेयरी उत्पाद
एक्सरसाइज और मूवमेंट से बढ़ेगा Synovial Fluid
डॉ. के अनुसार, रोजाना 30 मिनट की हल्की फिजिकल एक्टिविटी से Synovial Fluid का प्रवाह बढ़ता है। इसके लिए आप निम्न एक्टिविटी कर सकते हैं:
- मॉर्निंग वॉक
- योग और प्राणायाम
- सीढ़ी चढ़ना
- फ्रीहैंड एक्सरसाइज
- डांस या हल्का जॉगिंग
शरीर की हीलिंग क्षमता पर भरोसा करें
डॉ. शर्मा का मानना है कि शरीर में प्राकृतिक हीलिंग पावर होती है, लेकिन इसके लिए उसे सही वातावरण देना जरूरी है। यदि हम शुद्ध आहार, नियमित व्यायाम और स्ट्रेस-फ्री जीवनशैली अपनाते हैं, तो शरीर खुद Synovial Fluid का उत्पादन बेहतर कर सकता है।
चिकित्सकीय सलाह जरूरी
हालांकि उपरोक्त उपाय प्राकृतिक और प्रभावी हैं, लेकिन अगर आपके लक्षण गंभीर हैं, तो किसी ऑर्थोपेडिक डॉक्टर या नेचुरोपैथी विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें। लंबे समय तक नजरअंदाज करने पर यह समस्या गठिया (Osteoarthritis) में भी बदल सकती है।
Synovial Fluid की देखभाल से पाएं बेहतर जीवन
घुटनों की सेहत केवल बुजुर्गों का विषय नहीं रहा। आज के यंग प्रोफेशनल्स, स्टूडेंट्स और हाउसवाइव्स भी इस समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसे में Synovial Fluid को लेकर जागरूकता बेहद जरूरी है। अगर हम समय रहते सही खानपान और एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाएं, तो यह समस्या बड़ी बीमारी में बदलने से बच सकती है। याद रखें, स्वस्थ घुटने ही आपके चलने-फिरने की स्वतंत्रता को बनाए रखते हैं।