हाइलाइट्स:
- Sudden heart attack के मामलों में भारत में खतरनाक इजाफा, जानिए पीछे छिपे तीन पोषक तत्वों की कमी
- युवा और फिट दिखने वाले लोग भी हो रहे हैं इस जानलेवा स्थिति का शिकार
- विशेषज्ञों ने पोषण और जीवनशैली में बदलाव की दी सख्त चेतावनी
- भारत की डाइट में इन आवश्यक तत्वों की कमी को लेकर जारी की गई रिपोर्ट
- डॉक्टरों ने बताए बचाव के उपाय, नियमित जांच और खान-पान में सुधार है जरूरी
भारत में क्यों बढ़ रहे हैं sudden heart attack के मामले?
पिछले कुछ वर्षों में भारत में sudden heart attack यानी “अचानक दिल का दौरा” पड़ने के मामलों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी देखी गई है। यह समस्या सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं रही, बल्कि 25 से 45 आयु वर्ग के युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। अधिक चिंता की बात यह है कि ये अटैक बिना किसी पूर्व चेतावनी के चलते-फिरते, जिम में वर्कआउट करते हुए या ऑफिस में काम करते वक्त भी हो रहे हैं।
विशेषज्ञों ने बताई इन तीन प्रमुख पोषक तत्वों की कमी
1. विटामिन D की भारी कमी
भारत में 70% से अधिक लोग विटामिन D की कमी से जूझ रहे हैं। यह विटामिन न केवल हड्डियों के लिए आवश्यक है, बल्कि हृदय की कार्यप्रणाली में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी कमी से sudden heart attack का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
2. मैग्नीशियम (Magnesium) की गिरती मात्रा
मैग्नीशियम दिल की मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाला एक जरूरी खनिज है। इसकी कमी से दिल की धड़कनों में अनियमितता और हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है। कई डॉक्टरों का मानना है कि भारतीय आहार में प्रोसेस्ड फूड की अधिकता और प्राकृतिक सब्जियों की कमी से मैग्नीशियम की मात्रा काफी कम हो रही है।
3. पोटैशियम (Potassium) की उपेक्षा
पोटैशियम दिल की मांसपेशियों के सही संकुचन और रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होता है। इसकी कमी भी एक कारण है जिससे sudden heart attack बिना किसी लक्षण के हो सकता है। शहरी जीवनशैली में जंक फूड और बाहर का खाना पोटैशियम युक्त आहार को पीछे छोड़ चुका है।
डॉक्टर्स की चेतावनी: युवाओं को खतरे की घड़ी
हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि sudden heart attack का मुख्य कारण केवल हाई ब्लड प्रेशर या कोलेस्ट्रॉल ही नहीं है, बल्कि शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी एक “साइलेंट किलर” बनती जा रही है। पिछले एक साल में केवल दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे महानगरों में 35 से कम उम्र के 400 से अधिक लोग चलते-फिरते हार्ट अटैक से जान गंवा चुके हैं।
जीवनशैली में सुधार ही है एकमात्र उपाय
स्वस्थ जीवनशैली के लिए ज़रूरी कदम
- धूप में समय बिताना: सुबह की हल्की धूप में 15-20 मिनट रहना विटामिन D के लिए अत्यंत आवश्यक है।
- डाइट में सुधार: पालक, केले, बादाम, दही जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल करना जो मैग्नीशियम और पोटैशियम से भरपूर होते हैं।
- रेगुलर हेल्थ चेकअप: साल में कम से कम एक बार हार्ट प्रोफाइल टेस्ट कराना अनिवार्य होना चाहिए।
- तनाव नियंत्रण: योग, मेडिटेशन और पर्याप्त नींद हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाए रखने में मददगार है।
सरकारी रिपोर्ट क्या कहती है?
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की 60% से अधिक आबादी किसी न किसी आवश्यक पोषक तत्व की कमी से प्रभावित है। इससे हृदय संबंधी बीमारियों की संभावना कई गुना बढ़ जाती है, खासकर sudden heart attack जैसी स्थितियों में।
अन्य देशों से तुलना
जहां यूरोपीय देशों में sudden heart attack का खतरा 50 वर्ष के बाद अधिक होता है, वहीं भारत में यह उम्र घटकर 30 वर्ष के आसपास आ चुकी है। इसका मुख्य कारण पोषण की कमी और असंतुलित जीवनशैली को माना जा रहा है।
एक नजर भविष्य की ओर
अगर समय रहते हमने अपने भोजन और जीवनशैली में आवश्यक परिवर्तन नहीं किए, तो sudden heart attack भारत के युवाओं के लिए एक महामारी बन सकता है। यह जरूरी है कि सरकार, स्वास्थ्य संगठन और आम नागरिक मिलकर इस पर गंभीरता से काम करें।