हाइलाइट्स
- ‘Male Strength’ बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक सामग्री का वैज्ञानिक प्रमाण
- ICMR की ताज़ा रिपोर्ट में युवाओं के बढ़ते थकान स्तर पर चिंता
- विशेषज्ञ बताते हैं—सिडेंटरी लाइफस्टाइल से गिरती ऊर्जा और टेस्टोस्टेरोन
- ‘Male Strength’ के लिए Ashwagandha और Shilajit पर नई शोध—सुरक्षित मात्रा ज़रूरी
- सरकार ने जारी की नयी गाइडलाइन, सेल्फ‑मेड सप्लीमेंट से बचने की सलाह
ICMR की नई रिपोर्ट ने खोला युवाओं में थकावट का सच
नई दिल्ली, 23 जुलाई 2025—Indian Council of Medical Research (ICMR) द्वारा हाल ही में प्रकाशित “Youth Energy Index‑2025” ने चौंकाने वाले आँकड़े साझा किए हैं। दो वर्ष तक चले इस पैन‑इंडिया सर्वे में 18–30 वर्ष के 12 हज़ार पुरुषों को शामिल किया गया। नतीजे बताते हैं कि शहरी युवाओं के 46 % प्रतिभागी “लगातार थकावट” और “ऊर्जा‑कमी” की शिकायत कर रहे हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में यह आँकड़ा 27 % दर्ज किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन युवाओं का बॉडी‑मास‑इंडेक्स 25 से ऊपर है और जो दिन में आठ घंटे से अधिक बैठे रहते हैं, उनकी ‘Male Strength’ सबसे अधिक प्रभावित होती है।
डॉ. मीनाक्षी वर्मा, मुख्य अन्वेषक, कहती हैं, “वर्क‑फ्रॉम‑होम संस्कृति, ऑनलाइन गेमिंग और देर‑रात स्क्रीन‑टाइम ने ‘फटीग‑लूप’ बना दिया है। यही चक्र लगातार ‘Male Strength’ घटा रहा है।”
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
- दैनिक व्यायाम न करने वालों में थकान‑स्कोर 22 % अधिक
- ‘Male Strength’ में कमी वाले प्रतिभागियों में तनाव‑स्कोर 19 % ऊँचा
- स्क्रीन‑टाइम 7 घंटे से ऊपर होने पर टेस्टोस्टेरोन औसतन 14 ng/dL कम
- सप्ताह में पाँच दिन से अधिक फास्ट‑फूड लेने वालों में ऊर्जा‑स्तर 16 % कम
- आयुर्वेदिक सप्लीमेंट लेने वाले प्रतिभागियों में थकान‑स्कोर 9 % बेहतर
‘Male Strength’ बढ़ाने के लिए क्या कहता है आयुर्वेद?
भारत के प्राचीन ग्रंथ बल्य (शक्ति‑वर्धक) औषधियों का विस्तृत वर्णन करते हैं, और अब आधुनिक शोध भी इन दावों को पुष्ट कर रहा है।
Ashwagandha पर नवीनतम वैज्ञानिक अध्ययन
2019 के डबल‑ब्लाइंड क्लिनिकल ट्रायल, 2023 के रिव्यू और 2025 की सिस्टेमेटिक समीक्षा बताती हैं कि 400–675 mg Ashwagandha के आठ‑सप्ताह सेवन से टेस्टोस्टेरोन में 15–17 % वृद्धि और मसल‑रिकवरी में 12 % सुधार हुआ। Withanolide‑समृद्ध यह जड़ी‑बूटी HPA‑एक्सिस संतुलित कर ‘Male Strength’ बहाल करती है।
टेस्टोस्टेरोन पर प्रभाव
Ashwagandha का सक्रिय यौगिक Leydig कोशिकाएँ सक्रिय कर एन्ड्रोजन उत्पादन बढ़ाता है—यह ‘Male Strength’ के लिए बुनियादी हार्मोनल आधार है।
थकान में कमी के प्रमाण
Rupa Health के 2024 रिव्यू में आठ‑सप्ताह सेवन के बाद Borg Fatigue Scale पर औसतन 3‑प्वाइंट सुधार दर्ज किया गया, जो घटती थकान और बढ़ती ‘Male Strength’ को दर्शाता है।
Shilajit को लेकर हालिया बहस और चेतावनी
अप्रैल 2025 की Guardian रिपोर्ट के अनुसार कई अनियमित ब्रांडों में भारी‑धातुओं की मात्रा सुरक्षित सीमा से 200 % अधिक पाई गई। वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रमाण‑आधार सीमित है, अतः GMP‑सर्टिफ़ाइड और लैब‑टेस्टेड उत्पाद ही चुनें वरना ‘Male Strength’ के बजाय स्वास्थ्य‑जोखिम बढ़ सकता है।
लाइफस्टाइल में ‘Male Strength’ को सपोर्ट करने वाले बदलाव
‘Male Strength’ केवल जड़ी‑बूटियों से नहीं; समग्र जीवनशैली सुधार उतना ही अहम है।
सक्रिय जीवनशैली अपनाएँ
Lancet Global Health (2024) के आँकड़े दिखाते हैं कि रोज़ 30 मिनट मध्यम‑तीव्रता व्यायाम करने वाले युवाओं में टेस्टोस्टेरोन स्तर 11 % बेहतर रहा। खेल‑फिजियोलॉजिस्ट डॉ. अरुण कुमार बताते हैं, “पावर पोज़, पुश‑अप्स और स्क्वैट्स जैसे बॉडी‑वेट वर्कआउट सीधे ‘Male Strength’ बढ़ाते हैं।”
30 मिनट दैनिक व्यायाम की सलाह
- सोमवार—बॉडी‑वेट स्क्वैट्स 3 × 20
- मंगलवार—हाई‑इंटेंसिटी बर्पीज़ 15 × 3
- गुरुवार—प्लैंक 60 सेकंड × 3
- शुक्रवार—जॉगिंग या साइक्लिंग 5 किमी
- रविवार—योगासन व 12 राउंड सूर्यनमस्कार
नींद और पोषण का महत्व
अपर्याप्त नींद सर्कैडियन रिद्म बाधित कर ‘Male Strength’ कम कर देती है। 7‑8 घंटे की गहरी नींद, विटामिन‑D, जिंक और मैग्नीशियम‑समृद्ध भोजन—जैसे कद्दू के बीज, चने और अंडे—ऊर्जा‑स्तर स्थिर रखते हैं। हर्बलिस्ट डॉ. कविता रॉय कहती हैं, “सिर्फ एक कटोरी भुने चने से पुरुष अपनी दैनिक जिंक आवश्यकता का 40 % पूरा कर सकते हैं, जो ‘Male Strength’ के लिए अहम है।”
विशेषज्ञों की राय और सरकारी दिशा‑निर्देश
Ministry of AYUSH ने जून 2025 में नई ‘गुणवत्ता आश्वासन नीति’ जारी की। नीति कहती है कि ‘Male Strength’ सप्लीमेंट तभी बेचें जब ISO‑प्रमाणित लैब‑टेस्ट पास हों। फर्टिलिटी विशेषज्ञ डॉ. इशिता सिंह आगाह करती हैं, “स्व‑नियंत्रित खुराक खतरनाक है; पहले रक्त‑जाँच कराएँ, फिर योग्य वैद्य से परामर्श लें, तभी ‘Male Strength’ सुरक्षित बढ़ेगी।”
कम उम्र के पुरुषों में थकावट और कमजोरी की बढ़ती समस्या सिडेंटरी लाइफस्टाइल, पोषण‑कमी और तनाव का संयुक्त परिणाम है। आयुर्वेदिक जड़ी‑बूटियाँ—विशेषकर Ashwagandha—‘Male Strength’ बहाली के लिए आशाजनक हैं, परंतु प्रमाण‑आधारित खुराक व गुणवत्ता‑नियंत्रण अनिवार्य है। सक्रिय दिनचर्या, संतुलित आहार और चिकित्सकीय मार्गदर्शन के त्रिवेणी संगम से युवा अपनी खोई ऊर्जा, आत्म‑विश्वास और ‘Male Strength’ पुनः हासिल कर सकते हैं