हाइलाइट्स
- Food Poisoning से फिरोजाबाद के थाना बसई मोहम्मदपुर क्षेत्र के गांव अंते की मढ़ैइया में एक ही परिवार के सात लोग बीमार हुए।
- सभी पीड़ितों ने बासी आटे से बनी रोटियां खाई थीं, जिसके कारण उनकी तबीयत बिगड़ गई।
- सभी को सरकारी ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत में सुधार बताया गया।
- गर्मियों में Food Poisoning के मामले बढ़े हैं, जिससे पेट संबंधी बीमारियां तेजी से फैली हैं।
- डॉक्टरों ने ताजा और साफ भोजन करने के साथ-साथ पानी खूब पीने की सलाह दी है।
Food Poisoning का बढ़ता खतरा: फिरोजाबाद में एक ही परिवार के सात सदस्य बीमार
फिरोजाबाद के थाना बसई मोहम्मदपुर क्षेत्र के गांव अंते की मढ़ैइया में बृहस्पतिवार देर रात Food Poisoning की एक गंभीर घटना सामने आई है। एक ही परिवार के सात सदस्य बासी आटे से बनी रोटियां खाने के बाद बीमार हो गए। इन सभी को गंभीर हालत में सरकारी ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है।
परिवार के सदस्यों की स्थिति
पीड़ित परिवार के सदस्यों में प्रदीप (20), सत्यदेव (55), सूरज (24), नीरो देवी (55), कृष्णा किशोर (15), भारती (10) और नेहा (03) शामिल हैं। परिजनों के अनुसार सुबह आटा गूंथकर रखा गया था, जो शाम को रोटियों के लिए इस्तेमाल किया गया। भोजन करने के कुछ ही समय बाद सभी की तबीयत बिगड़ने लगी। उन्हें उल्टी-दस्त और चक्कर आने की शिकायत हुई।
डॉक्टरों ने बताया कि बासी आटे में हानिकारक बैक्टीरिया पनप गए थे, जिससे यह Food Poisoning की स्थिति पैदा हुई। हालांकि, सभी मरीजों की हालत अब धीरे-धीरे सुधर रही है, लेकिन इस तरह की घटनाएं गर्मी के मौसम में आम होती जा रही हैं।
गर्मियों में Food Poisoning के मामले बढ़े
गर्मियों की उमस वाली तेज़ गर्मी में Food Poisoning के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। सरकारी अस्पतालों में पेट संबंधी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या रोजाना बढ़ रही है। डायरिया, गेस्ट्रोइंटाइटिस जैसी बीमारियों के कारण लिवर और गुर्दे भी प्रभावित हो रहे हैं।
सरकारी अस्पतालों की रिपोर्ट
मेडिकल कॉलेज के मेडिसन विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि अस्पतालों की ओपीडी में आने वाले मरीजों का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा पेट की समस्याओं से ग्रस्त है। फास्ट फूड या बाहर का भोजन करने वाले मरीजों में यह समस्या ज्यादा देखी जा रही है।
Food Poisoning के कारण और लक्षण
Food Poisoning तब होता है जब दूषित भोजन या पानी शरीर में जाता है और संक्रमण फैलाता है। बासी या ठीक से पका नहीं हुआ भोजन, गंदा पानी, या खुले बाजार से खरीदे गए खाद्य पदार्थ इसके मुख्य कारण होते हैं।
प्रमुख लक्षण
- उल्टी और दस्त
- पेट में तेज दर्द
- चक्कर आना और कमजोरी
- तेज बुखार
- निर्जलीकरण (शरीर में पानी की कमी)
इन लक्षणों को नजरअंदाज करना गंभीर समस्या का कारण बन सकता है।
आंतों में संक्रमण और इसका प्रभाव
डायरिया और गेस्ट्रोइंटाइटिस जैसे संक्रमण पेट की नली को प्रभावित करते हैं। संक्रमण के कारण शरीर से जरूरी पोषक तत्व और पानी बाहर निकल जाते हैं, जिससे कमजोरी, नमी की कमी और किडनी तथा लिवर पर प्रभाव पड़ता है। प्राइवेट अस्पतालों की इमरजेंसी में रोजाना ऐसे 20-30 मरीज भर्ती हो रहे हैं।
Food Poisoning से बचाव के उपाय
गर्मी के मौसम में Food Poisoning से बचाव के लिए कुछ आवश्यक सावधानियां बरतनी चाहिए:
- ताजा भोजन ही खाएं: बासी या गंदे भोजन से बचें।
- साफ-सुथरा पानी पिएं: दो-तीन घंटे बाहर रहना हो तो पानी साथ रखें।
- खुले खाद्य पदार्थ न खरीदें: खुले बाजार से पैकिंग के बिना बिकने वाले खाद्य पदार्थों से बचें।
- हाथ धोना习惯 बनाएं: भोजन से पहले और बाद में हाथ धोना जरूरी है।
- फास्ट फूड का सेवन कम करें: बाहर के भोजन में साफ-सफाई की गारंटी नहीं होती।
अस्पतालों की भूमिका और सरकारी प्रयास
सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने से संसाधनों पर दबाव पड़ रहा है। हालांकि चिकित्सक और स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार जागरूकता अभियान चला रही है ताकि लोग अपने खानपान और स्वच्छता का खास ध्यान रखें।
डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि चिकित्सकों द्वारा मरीजों को समय पर उचित इलाज दिया जा रहा है और साथ ही पेट की बीमारियों को रोकने के लिए सामुदायिक स्तर पर भी प्रयास किए जा रहे हैं।
Food Poisoning की घटनाएं गर्मी में बढ़ना एक आम समस्या है, लेकिन सही सावधानी और जागरूकता से इसे काफी हद तक रोका जा सकता है। बासी भोजन से बचें, साफ पानी पिएं, और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। अगर कोई पेट संबंधी समस्या हो तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें ताकि बीमारी गंभीर रूप न ले।