हाइलाइट्स
- Fatty Liver की समस्या आज युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही है, जिसका मुख्य कारण खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान है।
- एम्स और हार्वर्ड से पढ़े डॉ. सौरभ सेठी ने लिवर को नुकसान पहुंचाने वाली 4 आदतों का खुलासा किया है।
- रोजाना शराब पीना लिवर की डिटॉक्स क्षमता को धीरे-धीरे खत्म कर देता है।
- अत्यधिक मीठा, प्रोसेस्ड फूड और कम प्रोटीन सेवन से लिवर पर गंभीर असर पड़ता है।
- समय रहते इन आदतों में सुधार नहीं किया गया तो कम उम्र में Fatty Liver से लिवर फेलियर तक का खतरा बढ़ सकता है।
क्यों बढ़ रही है Fatty Liver की समस्या?
आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी और अनहेल्दी जीवनशैली के चलते Fatty Liver एक सामान्य बीमारी बनती जा रही है। पहले जहां यह बीमारी 50 से ऊपर की उम्र में देखने को मिलती थी, अब यह 25 से 35 साल के युवाओं में भी आम हो चुकी है। इसका मुख्य कारण हमारी खानपान की आदतें और बैठकर बिताया जाने वाला जीवन है।
डॉक्टर सौरभ सेठी ने किया बड़ा खुलासा
एम्स, स्टैनफोर्ड और हार्वर्ड से शिक्षा प्राप्त करने वाले मशहूर गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी ने हाल ही में एक पोस्ट के जरिए बताया कि कुछ आम आदतें, जो हमें सामान्य लगती हैं, लिवर को धीरे-धीरे बर्बाद कर सकती हैं और Fatty Liver की स्थिति पैदा कर सकती हैं।
ये 4 आदतें धीरे-धीरे लिवर को कर रही हैं खराब
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1. रोजाना शराब पीना
लोगों को लगता है कि एक पैग शराब से कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन डॉक्टर सेठी के अनुसार रोज शराब पीना लिवर की डिटॉक्स प्रक्रिया को कमजोर करता है। शराब लिवर पर सीधा असर डालती है और Fatty Liver की स्थिति को गंभीर बना सकती है।
ध्यान दें: नियमित शराब पीने वाले लोगों में लिवर सिरोसिस और लिवर फेलियर का खतरा बहुत अधिक होता है।
2. ज्यादा प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड खाना
बाजार में मिलने वाला जंक फूड, नूडल्स, रेडी-टू-ईट भोजन और चिप्स में मौजूद रासायनिक तत्वों को लिवर प्रोसेस करता है। लेकिन इनका बार-बार सेवन लिवर पर अत्यधिक दबाव डालता है और Fatty Liver की शुरुआत कर सकता है।
3. जरूरत से ज्यादा मीठा खाना
शक्कर, खासकर फ्रक्टोज़ जैसे मिठास देने वाले तत्व सीधे लिवर में मेटाबॉलाइज होते हैं। कोल्ड ड्रिंक, केक, कुकीज़ जैसे उत्पादों का नियमित सेवन लिवर में फैट जमा करता है, जिससे Non-Alcoholic Fatty Liver Disease (NAFLD) हो सकता है।
4. प्रोटीन की कमी
प्रोटीन की कमी से लिवर की मरम्मत और डिटॉक्स क्षमता कम हो जाती है। प्रोटीन शरीर के सभी अंगों की कार्यक्षमता बनाए रखने में सहायक होता है, विशेषकर लिवर के लिए यह बहुत जरूरी है।
Fatty Liver के प्रकार
Fatty Liver दो प्रकार का होता है:
1. Alcoholic Fatty Liver
यह उन लोगों में होता है जो नियमित रूप से शराब का सेवन करते हैं। शराब लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है और उनमें फैट जमा होने लगता है।
2. Non-Alcoholic Fatty Liver (NAFLD)
यह उन लोगों में पाया जाता है जो शराब नहीं पीते, लेकिन अनहेल्दी खानपान और जीवनशैली के कारण लिवर में फैट जमा हो जाता है।
Fatty Liver के लक्षण
- लगातार थकान महसूस होना
- पेट के ऊपरी हिस्से में भारीपन या दर्द
- वजन बढ़ना
- भूख कम लगना
- त्वचा या आंखों का पीला पड़ना (जॉन्डिस के संकेत)
अगर ये लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
Fatty Liver से बचने के उपाय
शराब का सेवन बंद करें
लिवर को स्वस्थ रखने के लिए शराब पूरी तरह छोड़ना या सीमित मात्रा में लेना जरूरी है।
शक्कर और प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाए रखें
जितना हो सके, प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का सेवन करें और पैकेज्ड, प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें।
प्रोटीन युक्त आहार लें
दालें, अंडा, दूध, टोफू, सोया और मछली जैसे प्रोटीन युक्त आहार लिवर की कार्यक्षमता को बनाए रखते हैं।
नियमित व्यायाम करें
हर दिन कम से कम 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी, जैसे तेज़ चलना, योग या साइक्लिंग, Fatty Liver से बचाव में मदद करती है।
वजन को नियंत्रित रखें
मोटापा Fatty Liver का मुख्य कारण है, इसलिए हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज से वजन को संतुलित बनाए रखें।
विशेषज्ञों की सलाह
डॉ. सेठी कहते हैं कि हमें अपनी जीवनशैली को लेकर सतर्क रहना होगा। हर छोटी आदत लिवर की सेहत को प्रभावित करती है। उन्होंने सलाह दी है कि:
“Fatty Liver को एक साइलेंट किलर माना जाता है। जब तक इसके लक्षण सामने आते हैं, तब तक यह गंभीर स्थिति में पहुंच चुका होता है।”
आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में लिवर की देखभाल करना बहुत जरूरी है। Fatty Liver जैसी बीमारी केवल बूढ़े लोगों को नहीं, बल्कि युवाओं को भी तेजी से अपनी चपेट में ले रही है। शराब, जंक फूड, मीठा और प्रोटीन की कमी जैसी आदतें अगर समय रहते न सुधारी जाएं, तो लिवर फेलियर तक की नौबत आ सकती है।
इसलिए जरूरी है कि हम अपने खानपान और जीवनशैली में सुधार करें और लिवर को हेल्दी बनाए रखें।