कंगना रनौत ने क्यों बताया डेटिंग ऐप्स को ‘समाज का गटर’ और लिव-इन रिलेशनशिप को महिलाओं के लिए खतरनाक?

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हाइलाइट्स

  • कंगना रनौत ने डेटिंग ऐप्स को बताया “समाज का गटर”, कहा- यहां सिर्फ “लूजर्स” मिलते हैं।
  • लिव-इन रिलेशनशिप को महिलाओं के लिए बताया खतरनाक और असुरक्षित।
  • इंटरव्यू में कंगना ने कहा कि अच्छे लोग ऑफिस, कॉलेज या अरेंज मैरिज से मिलते हैं।
  • सोशल मीडिया पर कंगना के बयान को लेकर छिड़ी नई बहस।
  • युवा पीढ़ी के रिश्तों को लेकर कंगना की टिप्पणी ने उठाए कई सवाल।

कंगना रनौत का बेबाक बयान

बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री और वर्तमान में राजनीति में सक्रिय कंगना रनौत एक बार फिर सुर्खियों में हैं। अपने बेबाक अंदाज और विवादित बयानों के लिए जानी जाने वाली कंगना रनौत ने इस बार युवाओं की लाइफस्टाइल पर तीखा हमला बोला है। हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने डेटिंग ऐप्स और लिव-इन रिलेशनशिप पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

डेटिंग ऐप्स को बताया “समाज का गटर”

इंटरव्यू के दौरान जब कंगना रनौत से पूछा गया कि क्या वह कभी डेटिंग ऐप्स का इस्तेमाल करेंगी, तो उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा- “मैं कभी भी डेटिंग ऐप्स पर नहीं जाऊंगी। यह हमारे समाज का असली गटर है।” उनके अनुसार, ऐसे प्लेटफॉर्म पर वही लोग जाते हैं जिनमें आत्मविश्वास की कमी होती है और जिन्होंने अपने जीवन में कुछ खास हासिल नहीं किया।

डेटिंग ऐप्स पर मिलते हैं सिर्फ “लूजर्स”

कंगना रनौत ने कहा कि डेटिंग ऐप्स पर अच्छे लोग नहीं मिलते। उन्होंने दावा किया कि “मेरे जैसे लोग आपको वहां नहीं मिलेंगे। वहां सिर्फ ‘लूजर्स’ मिलते हैं।” उनका कहना है कि अच्छे और योग्य लोग हमें ऑफिस, कॉलेज या परिवार के माध्यम से अरेंज मैरिज में मिल सकते हैं, न कि ऐसे ऐप्स पर।

लिव-इन रिलेशनशिप को बताया महिलाओं के लिए खतरनाक

कंगना रनौत ने सिर्फ डेटिंग ऐप्स पर ही नहीं, बल्कि लिव-इन रिलेशनशिप पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि शादी एक वादा होता है, जिसमें पुरुष अपनी पत्नी के प्रति वफादार रहने की शपथ लेता है। इसके विपरीत लिव-इन रिलेशनशिप महिलाओं के लिए बेहद जोखिम भरे हो सकते हैं।

महिलाओं की सुरक्षा पर चिंता

कंगना रनौत ने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर कोई महिला लिव-इन रिलेशनशिप के दौरान गर्भवती हो जाती है, तो उसकी देखभाल कौन करेगा? शादी के रिश्ते में सामाजिक और कानूनी जिम्मेदारियां बंधी होती हैं, जबकि लिव-इन रिलेशनशिप में ऐसा कोई आश्वासन नहीं मिलता।

सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस

जैसे ही कंगना रनौत का यह बयान सोशल मीडिया पर आया, तुरंत ही बहस छिड़ गई। कई लोग उनके विचारों का समर्थन कर रहे हैं, तो कई लोग इसे पुराने सोच का प्रतीक मान रहे हैं।

समर्थकों की राय

जो लोग कंगना रनौत के पक्ष में हैं, उनका कहना है कि वह युवाओं को सही दिशा दिखा रही हैं। उनका मानना है कि डेटिंग ऐप्स और लिव-इन रिलेशनशिप से रिश्तों की गंभीरता खत्म हो रही है और समाज में असुरक्षा बढ़ रही है।

विरोधियों की राय

वहीं, विरोधियों का कहना है कि कंगना रनौत का यह बयान आधुनिक सोच पर हमला है। उनका मानना है कि आज के समय में रिश्तों की परिभाषा बदल रही है और हर किसी को अपनी पसंद से जीवन जीने का अधिकार होना चाहिए।

कंगना रनौत और विवादों का पुराना रिश्ता

यह पहली बार नहीं है जब कंगना रनौत किसी विवादित बयान को लेकर चर्चा में आई हों। वह अक्सर अपने बेबाक बयानों के कारण सुर्खियों में बनी रहती हैं। चाहे फिल्म इंडस्ट्री के अंदरूनी मुद्दे हों या राजनीति से जुड़े विषय, कंगना रनौत ने हमेशा बिना झिझक अपनी राय रखी है।

युवाओं की बदलती सोच और कंगना की टिप्पणी

आज की युवा पीढ़ी के लिए रिश्तों की परिभाषा बदल रही है। कई लोग स्वतंत्रता और व्यक्तिगत पसंद को प्राथमिकता देते हैं। लेकिन कंगना रनौत का मानना है कि यह बदलाव समाज के लिए खतरनाक है। उनका कहना है कि रिश्तों को सिर्फ अस्थायी सुविधा मानना महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा हानिकारक हो सकता है।

क्या सही, क्या गलत?

कंगना रनौत के बयान ने एक बार फिर समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि रिश्तों की असली परिभाषा क्या है। क्या डेटिंग ऐप्स सच में सिर्फ “गटर” हैं या वे आधुनिक समय में लोगों को एक-दूसरे से जोड़ने का जरिया हैं? क्या लिव-इन रिलेशनशिप महिलाओं के लिए खतरनाक हैं या यह उनकी स्वतंत्र पसंद का हिस्सा है?

कंगना रनौत के इस बयान ने निश्चित रूप से एक नई बहस छेड़ दी है। जहां एक तरफ कुछ लोग उनके विचारों से सहमत हैं और उन्हें समाज के लिए चेतावनी मानते हैं, वहीं दूसरी तरफ कई लोग इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर रोक लगाने की कोशिश बता रहे हैं। चाहे जो भी हो, इतना तय है कि कंगना रनौत अपने बेबाक बयानों से सुर्खियों में बने रहना अच्छी तरह जानती हैं।

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