हाइलाइट्स
- अधिकांश महिलाएं PCOD Types की जानकारी नहीं रखतीं, जिससे इलाज में देरी हो सकती है
- हर प्रकार की पीसीओडी के लक्षण और कारण अलग-अलग होते हैं
- इंसुलिन रेजिस्टेंस, इंफ्लेमेटरी और एड्रेनल पीसीओडी सबसे सामान्य प्रकार माने जाते हैं
- सही डाइट और लाइफस्टाइल से पीसीओडी को मैनेज किया जा सकता है
- एक्सपर्ट डाइटिशियन ने बताया हर PCOD Type के लिए अलग-अलग समाधान जरूरी है
क्या आप जानती हैं आपकी पीसीओडी किस प्रकार की है?
PCOD यानी Polycystic Ovarian Disease महिलाओं में होने वाली सबसे आम हार्मोनल समस्याओं में से एक है। भारत में हर 5 में से 1 महिला इस रोग से प्रभावित है। हालांकि महिलाओं को यह तो पता होता है कि उनकी ओवरीज में छोटी-छोटी सिस्ट्स बन जाती हैं और हार्मोनल असंतुलन हो जाता है, लेकिन बहुत कम महिलाएं PCOD Types के बारे में जानती हैं।
दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन में मास्टर्स कर चुकीं डाइटिशियन मनप्रीत कहती हैं कि “PCOD एक नहीं, बल्कि कई प्रकार की होती है।” उनका मानना है कि यदि महिलाएं PCOD Types को समझ लें, तो इलाज और मैनेजमेंट आसान हो सकता है।
PCOD Types: पीसीओडी के मुख्य प्रकार
डाइटिशियन मनप्रीत के अनुसार PCOD Types को तीन प्रमुख श्रेणियों में बांटा जा सकता है:
1. इंसुलिन रेजिस्टेंस पीसीओडी (Insulin Resistant PCOD)
यह सबसे सामान्य PCOD Type है
इसमें शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति संवेदनशील नहीं होतीं, जिससे रक्त में शुगर का स्तर बढ़ने लगता है।
लक्षण:
- पेट की चर्बी बढ़ना
- अनियमित पीरियड्स
- मुंहासे (Acne)
- अत्यधिक भूख या मीठे की क्रेविंग
- थकान
कारण:
- अत्यधिक रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट का सेवन
- प्रोसेस्ड फूड्स
- कम शारीरिक गतिविधि
समाधान:
- डाइट में फाइबर, प्रोटीन और हेल्दी फैट्स को शामिल करें
- रिफाइंड शुगर और प्रोसेस्ड फूड से बचें
- रोजाना 30 मिनट वॉक या योग करें
2. इंफ्लेमेटरी पीसीओडी (Inflammatory PCOD)
इस PCOD Type में शरीर में क्रॉनिक सूजन रहती है
यह सूजन ओवरीज पर असर डालती है और हार्मोनल असंतुलन का कारण बनती है।
लक्षण:
- लगातार थकान
- जोड़ों में दर्द
- सेंसिटिव स्किन
- बार-बार मुंहासे
कारण:
- अत्यधिक फास्ट फूड्स का सेवन
- शरीर में टॉक्सिन का जमाव
- नींद की कमी
समाधान:
- एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड्स जैसे हल्दी, अदरक, बेरीज़, फ्लैक्स सीड्स लें
- रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें
- ग्लूटन-फ्री डाइट अपनाने पर विचार करें यदि ब्लोटिंग अधिक हो
3. एड्रेनल पीसीओडी (Adrenal PCOD)
यह PCOD Type तनाव से जुड़ी होती है
इसमें इंसुलिन स्तर सामान्य हो सकता है, लेकिन तनाव हार्मोन कॉर्टिसोल अधिक होता है।
लक्षण:
- नींद की समस्या
- एंग्जायटी
- थकावट
- पीरियड्स में अनियमितता
कारण:
- क्रॉनिक स्ट्रेस
- ओवरवर्किंग
- इमोशनल असंतुलन
समाधान:
- योग और प्राणायाम करें
- अश्वगंधा का सेवन करें (डॉक्टर की सलाह से)
- काम और आराम का संतुलन बनाए रखें
- समय पर भोजन लें और बैलेंस मील खाएं
महिलाएं क्यों नहीं जानती अपनी PCOD Type?
आज भी ज्यादातर महिलाएं बस इतना जानती हैं कि उन्हें पीसीओडी है। वे यह नहीं समझतीं कि कौन-सी PCOD Type है और उसी वजह से इलाज में देरी होती है।
कारण:
- जागरूकता की कमी
- डॉक्टर से खुलकर बातचीत न करना
- सिर्फ अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के आधार पर समझ बनाना
- इंटरनेट पर अधूरी जानकारी
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सही जानकारी से ही मिलेगा सही इलाज
यदि किसी महिला को बार-बार पीरियड्स में देरी हो रही है, मुंहासे, थकान या वजन बढ़ने जैसी दिक्कतें हो रही हैं, तो जरूरी है कि वह किसी महिला स्वास्थ्य विशेषज्ञ या न्यूट्रिशनिस्ट से मिलें और अपनी PCOD Type का सही मूल्यांकन करवाएं।
PCOD Types की सही पहचान होने से ही इलाज सफल होगा और हार्मोनल बैलेंस दोबारा पाया जा सकेगा।
एक्सपर्ट की सलाह
डाइटिशियन मनप्रीत कहती हैं,
“PCOD Types को जानना उतना ही जरूरी है, जितना कि खुद बीमारी को पहचानना। हर महिला की बॉडी अलग होती है और उसी के अनुसार डाइट और एक्सरसाइज प्लान होना चाहिए।”
PCOD अब कोई अनजानी बीमारी नहीं रही, लेकिन PCOD Types को लेकर जागरूकता की भारी कमी है। यदि महिलाएं खुद को समझें और समय रहते एक्सपर्ट से सलाह लें, तो बिना दवा के भी इस समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है।
लाइफस्टाइल में छोटे बदलाव, पौष्टिक आहार और मानसिक शांति ही PCOD Types से निपटने का स्थायी समाधान हैं।