इस देश ने कर दिखाया असंभव! 1 सेकेंड में 10,000 बार डाउनलोड हुई Wikipedia, इतनी तेज़ इंटरनेट स्पीड देख उड़े होश

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Table of Contents

हाइलाइट्स

  • Internet Speed in Japan अब दुनिया में सबसे तेज़, रिसर्चर्स ने हासिल की 1.02 पेटाबिट प्रति सेकेंड की अविश्वसनीय स्पीड
  • इतनी तेज स्पीड कि 1 सेकेंड में 10 हजार बार डाउनलोड हो सकती है पूरी English Wikipedia
  • जापान की इस तकनीकी छलांग ने अमेरिका, चीन और यूरोपीय देशों को भी पीछे छोड़ा
  • यह ब्रेकथ्रू फ्यूचर इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भी क्रांति ला सकता है
  • 1.02 पेटाबिट प्रति सेकेंड की स्पीड फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क में नई पीढ़ी की तकनीक का उपयोग कर पाई गई है

वैज्ञानिकों की नई कामयाबी ने इंटरनेट स्पीड की परिभाषा ही बदल दी

दुनिया जब अभी तक गीगाबिट और टेराबिट की स्पीड को ही ब्रॉडबैंड की ऊंचाई मान रही थी, वहीं जापान ने इस सीमित सोच को चकनाचूर कर दिया है। जापान के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशंस टेक्नोलॉजी (NICT) के वैज्ञानिकों ने 1.02 पेटाबिट प्रति सेकेंड की Internet Speed in Japan हासिल की है, जिसने पूरे विश्व को चौंका दिया है।

यह स्पीड इतनी तेज है कि आप मात्र 1 सेकेंड में English Wikipedia को 10 हजार बार डाउनलोड कर सकते हैं। यह तकनीकी उपलब्धि न केवल इंटरनेट इतिहास में मील का पत्थर है, बल्कि भविष्य के डिजिटल युग की नींव भी है।

क्या होता है पेटाबिट? समझें इस स्पीड की ताकत

गीगाबिट से पेटाबिट तक का सफर

इंटरनेट स्पीड को नापने की इकाई बिट्स होती है।

  • 1 गीगाबिट = 1 अरब बिट्स
  • 1 टेराबिट = 1 हजार गीगाबिट
  • 1 पेटाबिट = 1 लाख गीगाबिट या 1 करोड़ मेगाबिट

इसका मतलब है कि जापान की नई Internet Speed in Japan सामान्य ब्रॉडबैंड की तुलना में 10 लाख गुना तेज है। भारत जैसे देशों में जहां अभी तक 1 जीबीपीएस स्पीड भी प्रीमियम मानी जाती है, वहां यह उपलब्धि किसी सपने जैसी लगती है।

कैसे हासिल की गई इतनी तेज स्पीड?

मल्टी-कोर फाइबर तकनीक ने किया कमाल

NICT की टीम ने विशेष प्रकार की फाइबर ऑप्टिक तकनीक का उपयोग किया है जिसे मल्टी-कोर फाइबर (MCF) कहा जाता है। सामान्य फाइबर ऑप्टिक केवल एक कोर के जरिए डेटा ट्रांसमिट करता है, जबकि MCF में 4 कोर होते हैं।

इन चारों कोरों से एक साथ डेटा ट्रांसमिशन करके इस नई Internet Speed in Japan को संभव बनाया गया। इस तकनीक में लेज़र पल्स और वेवडिविजन मल्टीप्लेक्सिंग (WDM) का भी योगदान रहा।

इस स्पीड का क्या होगा उपयोग?

भविष्य के इंटरनेट का खाका तैयार

यह अत्याधुनिक Internet Speed in Japan केवल रिकॉर्ड तोड़ने का कारनामा नहीं है, बल्कि इसके दूरगामी उपयोग होंगे:

 1. क्लाउड कंप्यूटिंग और डेटा सेंटरों में क्रांति

हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग, एआई मॉडल्स की ट्रेनिंग और भारी डेटा प्रोसेसिंग अब पहले से कई गुना तेज होगी।

 2. साइबर सुरक्षा और एन्क्रिप्शन में मजबूती

इस स्पीड से डेटा इन-ट्रांजिट बहुत ही कम समय में भेजा जाएगा, जिससे साइबर अटैक का रिस्क घटेगा।

3. 8K से भी आगे की स्ट्रीमिंग

फ्यूचर में 16K और 32K वीडियो स्ट्रीमिंग को आसान बना सकेगी यह Internet Speed in Japan

4. स्पेस कम्युनिकेशन और डीप-टेक मिशन

स्पेस एक्सप्लोरेशन में तेज डेटा ट्रांसमिशन समय की बचत करेगा और निर्णय जल्दी लिए जा सकेंगे।

भारत और बाकी देशों की स्थिति

अभी कितना पीछे हैं हम?

जहां जापान 1.02 पेटाबिट प्रति सेकेंड की Internet Speed in Japan पर पहुंच गया है, वहीं भारत की औसत ब्रॉडबैंड स्पीड Ookla की रिपोर्ट के अनुसार अभी भी केवल 60–70 Mbps के आसपास है।

चीन और अमेरिका की तुलना

  • चीन ने हाल ही में 1.2 टेराबिट प्रति सेकेंड की स्पीड का परीक्षण किया था
  • अमेरिका में हाई स्पीड गीगाबिट इंटरनेट अब कुछ मेट्रो शहरों में ही सीमित है

इस तरह जापान ने इन दोनों टेक दिग्गजों को भी इस मामले में पीछे छोड़ दिया है।

आम लोगों तक कब पहुंचेगी यह स्पीड?

अभी रिसर्च चरण में है यह तकनीक

हालांकि यह Internet Speed in Japan वैज्ञानिक परीक्षणों के लिए प्रयोगशालाओं में उपयोग की गई है, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले 5-10 वर्षों में यह तकनीक आम उपभोक्ताओं तक पहुंच सकती है।

इसके लिए सरकारों और टेलीकॉम कंपनियों को भारी निवेश और मौजूदा नेटवर्क स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव करना होगा।

भविष्य यहीं है

जापान ने यह साबित कर दिया है कि टेक्नोलॉजी की रफ्तार सीमाओं को नहीं मानती। 1.02 पेटाबिट प्रति सेकेंड की Internet Speed in Japan ने न केवल नया इतिहास रच दिया है, बल्कि इंटरनेट के भविष्य की दिशा भी तय कर दी है। यह उपलब्धि मानव सभ्यता को डिजिटल युग के एक और नए दौर में ले जाने का संकेत है।

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