हाइलाइट्स
- Muslim Protest के चलते चित्रकूट में ट्रैफिक डिवाइडर को लेकर भारी हंगामा
- डिवाइडर के कारण ताजिया निकालने में आने वाली संभावित परेशानी पर उठी आपत्ति
- पुलिस ने मौके पर पहुंचकर Muslim Protest कर रहे लोगों को शांत किया
- कर्वी कोतवाली क्षेत्र के पुरानी बाजार इलाके में भड़का विवाद
- आगामी मोहर्रम जुलूस को लेकर प्रशासनिक रणनीति पर उठे सवाल
पुरानी बाजार में अचानक बढ़ा तनाव
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में Muslim Protest का मामला सामने आया है, जहां डिवाइडर लगाने को लेकर मुस्लिम समुदाय ने कड़ा विरोध जताया। यह विवाद कर्वी कोतवाली क्षेत्र के पुरानी बाजार इलाके में उस समय खड़ा हुआ जब नगर पालिका द्वारा यातायात नियंत्रण के लिए सड़क पर डिवाइडर लगाए जा रहे थे।
प्रशासन की इस व्यवस्था पर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि यह डिवाइडर मोहर्रम के दौरान निकलने वाले ताजिया जुलूस के रास्ते में बाधा उत्पन्न करेगा।
ट्रैफिक व्यवस्था और धार्मिक आस्थाएं आमने-सामने
चित्रकूट प्रशासन द्वारा यह डिवाइडर ट्रैफिक सुधारने और जाम की समस्या को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लगाया गया था। लेकिन जैसे ही काम शुरू हुआ, स्थानीय मुस्लिम नागरिकों ने Muslim Protest शुरू कर दिया और मांग की कि डिवाइडर को हटाया जाए।
उनका कहना था कि मोहर्रम के दौरान ताजिया निकालने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है और यह डिवाइडर उस रूट पर रुकावट बनेगा। ऐसे में वह ताजिया नहीं उठा पाएंगे।
यूपी के चित्रकूट में मुस्लिम लोगों ने डिवाइडर पर जताई आपत्ति !!
ट्रैफिक व्यवस्था के मद्देनजर लगाए गए डिवाइडर, मुस्लिम समुदाय के लोगों को पुलिस ने समझाया !!
मुस्लिम समुदाय ने कहा, नहीं उठाएंगे ताजिया, ‘डिवाइडर से ताजिया लेकर चलने में होगी दिक्कत’ !!
कर्वी शहर कोतवाली की पुरानी… pic.twitter.com/57nm4gElWZ
— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) July 6, 2025
पुलिस और प्रशासन ने संभाला मोर्चा
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। वरिष्ठ अधिकारियों ने मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों से बात की और स्थिति को नियंत्रण में लिया। Muslim Protest को देखते हुए भारी पुलिस बल की तैनाती भी की गई ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
पुलिस अधिकारियों ने यह भरोसा दिलाया कि मोहर्रम के पूर्व तक समाधान निकाल लिया जाएगा जिससे धार्मिक आस्था और ट्रैफिक दोनों के बीच संतुलन बना रहे।
‘ताजिया हमारी परंपरा है, इसे बाधित नहीं किया जा सकता’
मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि,
“ताजिया हमारी धार्मिक परंपरा का अभिन्न हिस्सा है। इसे बाधित करना हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने जैसा होगा। यह Muslim Protest किसी राजनीतिक मंशा से नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक आस्था की रक्षा के लिए है।”
हिंदू समुदाय की प्रतिक्रिया
स्थानीय हिंदू समुदाय के लोगों ने इस विवाद को शांतिपूर्वक सुलझाने की अपील की है। एक स्थानीय व्यापारी ने बताया कि,
“यह मामला संवेदनशील है। प्रशासन को चाहिए कि वह दोनों पक्षों से बातचीत कर समाधान निकाले। हमारी प्राथमिकता शहर की शांति है।”
प्रशासन की सफाई और संभावित समाधान
जिलाधिकारी ने Muslim Protest पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ट्रैफिक व्यवस्था जरूरी है लेकिन किसी भी समुदाय की धार्मिक भावना को ठेस नहीं पहुंचाई जाएगी। उन्होंने कहा कि ताजिया जुलूस के रूट को चिन्हित कर वैकल्पिक व्यवस्था बनाई जाएगी।
इसके अलावा यह भी प्रस्तावित है कि डिवाइडर को मॉड्यूलर रखा जाए जिसे आवश्यकतानुसार खोला और बंद किया जा सके।
मोहर्रम को लेकर संवेदनशीलता बढ़ी
मोहर्रम को लेकर पहले से ही कानून व्यवस्था को लेकर प्रशासन सतर्क है। Muslim Protest के चलते यह स्पष्ट हो गया है कि ऐसे आयोजनों में धार्मिक मार्गों और प्रशासनिक निर्णयों के बीच सामंजस्य बेहद जरूरी है।
राजनीतिक बयानबाज़ी भी शुरू
कुछ स्थानीय नेताओं ने Muslim Protest को लेकर प्रशासन पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि यदि समय रहते संवाद किया गया होता, तो स्थिति यहां तक नहीं पहुंचती।
वहीं, सत्ताधारी दल के पार्षद ने इसे विपक्ष की साजिश बताते हुए कहा कि कुछ लोग शहर में धार्मिक तनाव फैलाना चाहते हैं।
विश्लेषण: क्या डिवाइडर का विरोध जायज है?
यह सवाल उठना लाजमी है कि Muslim Protest की वैधता क्या है। धार्मिक आयोजनों को बाधित न किया जाए, यह संविधानिक अधिकार है, लेकिन ट्रैफिक जैसी नागरिक जरूरतें भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं।
समझदारी इसी में है कि प्रशासन, धार्मिक समुदायों और नागरिकों के बीच समन्वय स्थापित कर सामूहिक समाधान निकाले।
चित्रकूट के कर्वी क्षेत्र में जो विवाद उभरा है वह केवल डिवाइडर या ताजिया तक सीमित नहीं है, बल्कि यह शहरी नियोजन और धार्मिक भावनाओं के संतुलन की परीक्षा है।
जरूरत इस बात की है कि भविष्य में ऐसे Muslim Protest न हों, इसके लिए प्रशासन को योजनाएं बनाते समय प्रत्येक समुदाय से सलाह-मशविरा करना चाहिए। तभी ‘सबका साथ, सबका विकास’ का वास्तविक अर्थ सिद्ध होगा।