हाइलाइट्स:
- “Ransomware” हमलों ने 2024 में डेटा उल्लंघनों का 44% हिस्सा बनाकर नया रिकॉर्ड बनाया।
- छोटे और मध्यम व्यवसाय (SMBs) पर सबसे अधिक हमला, 88% उल्लंघन इसी वर्ग को निशाना बनाते हैं।
- नेटवर्क डिवाइसेज और VPN की कमजोरियों के जरिए हो रहा है पहला साइबर हमला।
- संगठनों में पैचिंग और थर्ड-पार्टी सुरक्षा पर विशेष ध्यान, फिर भी सुरक्षा अपर्याप्त।
- “Ransomware” के शिकार भले ही फिरौती का भुगतान कम कर रहे हैं, लेकिन हमलों की रफ्तार थमी नहीं है।
क्या क्यों ज्यादा कर रहा है “Ransomware” की शतानी?
2024 में सामने आए आंकड़े चौंकाने वाले हैं। “Ransomware” अब 44% डेटा उल्लंघनों का कारण बन रहा है, जो कि पिछले वर्षों की तुलना में तेज़ी से बढ़ा है। जहां पहले यह आंकड़ा लगभग 32% था, वहीं अब यह 12% की बढ़ोतरी के साथ गंभीर खतरे का संकेत दे रहा है।
इस इजाफे की मुख्य वजह नेटवर्क एज डिवाइसेज और VPN जैसी प्रणालियों में मौजूद कमजोरियाँ हैं, जिनका साइबर अपराधी तेजी से शोषण कर रहे हैं। Verizon की रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष कमजोरियों के शोषण में 34% की वृद्धि देखी गई है।
कौन संगठन ज्यादा कर रही है “Ransomware”?
छोटे व्यापारिक व्यापारिक ओर ओओ चौटा साब से ज्यादा का शिकार
विशेष रूप से छोटे व्यवसाय “Ransomware” का सबसे आसान लक्ष्य बनते जा रहे हैं क्योंकि उनके पास साइबर सुरक्षा ढांचे की कमी होती है। SMBs पर हुए 88% उल्लंघन इसी बात की ओर इशारा करते हैं। वहीं, बड़े संगठनों में यह प्रतिशत 39% है।
क्यों उपाय कर रहे हैं संगठन?
टैचिंग और टहर्ड-पार्टी वेंडर सुरक्षा पर जोर
भले ही संगठन पैचिंग की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, परंतु उनकी गति और कुशलता अभी भी अधूरी है। Verizon की रिपोर्ट के अनुसार, केवल 54% नेटवर्क एज डिवाइसेज की कमजोरियों को 32 दिनों के औसत में ठीक किया गया।
इसके अलावा, संगठन थर्ड-पार्टी वेन्डर्स के साथ अपने संबंधों में भी अधिक सतर्कता बरत रहे हैं क्योंकि बाहरी साझेदारों से जुड़ी उल्लंघनों की संभावना दोगुनी हो चुकी है।
“Ransomware” के युग कैसे हैं निपटान?
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, हमले की प्रवृत्तियाँ अब फिरौती पर निर्भर नहीं रहीं। हमलावर अब सिस्टम में प्रवेश कर अधिकतम नुकसान पहुँचाने की कोशिश करते हैं, चाहे भुगतान हो या नहीं। इसका मतलब है कि संगठनों को अब बहुस्तरीय सुरक्षा ढांचे अपनाने होंगे।
क्या शिख्सा निकाले जा सकते हैं?
- नेटवर्क एज डिवाइसों की नियमित निगरानी और समय पर पैचिंग।
- VPN सुरक्षा को मजबूत करना।
- थर्ड-पार्टी वेन्डर्स का सुरक्षा ऑडिट।
- कर्मचारियों को फिशिंग और सोशल इंजीनियरिंग से बचने का प्रशिक्षण।
- लगातार बैकअप सिस्टम और डेटा एन्क्रिप्शन।
आखिरी शब्द
“Ransomware” अब सिर्फ एक साइबर अपराध नहीं, बल्कि वैश्विक संगठनों के लिए एक रणनीतिक संकट बन चुका है। लगातार बदलते हमलावर पैटर्न और बढ़ती कमजोरियाँ एक स्पष्ट संकेत देती हैं कि अब समय है सतर्क और सक्रिय होने का। हर संगठन को अपनी साइबर सुरक्षा रणनीति को दुरुस्त कर, संभावित खतरों से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए।