हाइलाइट्स
- Mobile Security की अनदेखी बन रही है साइबर ठगी का बड़ा कारण
- साइलेंट फ्रॉड में न OTP आता है, न लिंक पर क्लिक करने की जरूरत
- एक हफ्ते में प्रयागराज में 11 मामले, पुलिस भी हैरान
- साइबर ठग थर्ड पार्टी एप्स और फेक Wi-Fi नेटवर्क का कर रहे इस्तेमाल
- आम लोगों को जागरूक रहने और फोन को सुरक्षित रखने की सख्त जरूरत
बदलती तकनीक में बढ़ता खतरा: क्या अब सुरक्षित है आपकी Mobile Security?
प्रयागराज। डिजिटल युग में Mobile Security अब एक मात्र सुरक्षा उपाय नहीं रह गया है, बल्कि यह एक ज़रूरी शर्त बन चुकी है। हाल ही में प्रयागराज से सामने आए 11 मामलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि साइबर ठगी अब सिर्फ OTP, लिंक या कॉल तक सीमित नहीं रही। साइलेंट फ्रॉड के नाम से सामने आ रहे इन नए मामलों में पीड़ितों के खातों से लाखों रुपये निकल गए और उन्हें भनक तक नहीं लगी।
क्या है साइलेंट फ्रॉड?
बिना ओटीपी, बिना क्लिक – और खाली हो गया बैंक खाता
Silent Fraud यानी ऐसी ठगी जिसमें न तो आपको किसी लिंक पर क्लिक करना पड़ता है, न ही कोई मैसेज या कॉल आती है। यह फ्रॉड आपके फोन की Mobile Security को बायपास कर अंदर प्रवेश करता है और आपकी बैंकिंग एप्लिकेशन से जुड़ी सूचनाओं को चुराकर पैसा निकाल लेता है। ये फ्रॉड अक्सर मैलवेयर, थर्ड पार्टी एप्स या फेक वाई-फाई नेटवर्क्स के जरिए अंजाम दिए जाते हैं।
प्रयागराज में साइलेंट फ्रॉड के ताजा मामले
केस 1: बिना अलर्ट, 2.5 लाख की उड़ान
कर्नलगंज के रहने वाले अरुण कुमार के बैंक खाते से दो बार में ढाई लाख रुपये निकाल लिए गए। उन्हें इसका कोई SMS नहीं मिला, न ही OTP। बैंक बैलेंस चेक करने पर उन्हें इसकी जानकारी मिली।
केस 2: सीनियर सिटीजन का खाता हुआ खाली
कालिंदीपुरम निवासी अशोक कुमार सिंह के खाते से 2.43 लाख रुपये निकाले गए। उनके फोन पर कोई चेतावनी संदेश नहीं आया। जब उन्हें पता चला तो वह साइबर थाने से लेकर बैंक तक दौड़ते रहे।
साइबर पुलिस और बैंकों की उलझन
क्यों नहीं मिल पाता समय पर अलर्ट?
Mobile Security में सेंध की घटनाएं अब पुलिस और बैंकों के लिए भी चुनौती बन गई हैं। कई पीड़ितों ने शिकायत की कि उनके अकाउंट से पैसे कटने के कई घंटे बाद उन्हें अलर्ट मिला। बैंक इस देरी का कारण ‘नेटवर्क समस्या’ या ‘सिस्टम अपडेट’ बता कर मामले को टाल देते हैं।
कैसे हो रहा है साइलेंट फ्रॉड?
मुख्य कारण जो कमजोर कर रहे हैं आपकी Mobile Security
फर्जी एप्स से फैलता जाल
गूगल प्ले स्टोर पर कई नकली एप्स मौजूद हैं जो असली जैसे दिखते हैं। इन्हें डाउनलोड करते ही ये आपके फोन की जानकारी चुराने लगते हैं।
साइलेंट मैलवेयर का खतरा
ऐसे मैलवेयर बिना आपकी जानकारी के फोन में इंस्टॉल हो जाते हैं और बैंक एप्स का डेटा पढ़ सकते हैं।
सिम क्लोनिंग से Ongoing Monitoring
ठग सिम क्लोन कर उससे आपके OTP और अन्य मैसेजेस को एक्सेस कर सकते हैं।
फर्जी Wi-Fi से पूरा फोन एक्सेस
पब्लिक प्लेस पर मौजूद नकली Wi-Fi नेटवर्क से कनेक्ट होते ही आपका फोन हैक हो सकता है।
कैसे करें अपनी Mobile Security को मजबूत?
ये उपाय जरूर अपनाएं
- केवल official banking apps का ही इस्तेमाल करें।
- फोन में एंटीवायरस इंस्टॉल करें और नियमित रूप से अपडेट करें।
- थर्ड पार्टी एप्स इंस्टॉल करने से बचें।
- किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें।
- पब्लिक Wi-Fi से जुड़ते समय सतर्क रहें।
- अनजान नंबर से आए कॉल या मैसेज का जवाब न दें।
साइबर सेल का रुख और सलाह
अपराधियों से एक कदम आगे रहना जरूरी
साइबर सेल प्रभारी विनोद ने बताया कि Mobile Security को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। नए फ्रॉड टेक्निक को समझने के लिए विशेषज्ञों की टीम लगी हुई है। उन्होंने कहा कि ठगी होने पर तुरंत www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट दर्ज करें या 1930 पर कॉल करें।
विशेषज्ञों की राय
प्रो. वृजेंद्र सिंह, साइबर विशेषज्ञ का कहना है:
“आज के दौर में सिर्फ OTP से बचना पर्याप्त नहीं। Mobile Security को लेकर सचेत रहना अनिवार्य है। पुराना फोन, अनवेरिफाइड एप्स और फ्री Wi-Fi नेटवर्क ठगी का सबसे आसान जरिया बनते जा रहे हैं।”
जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार
साइलेंट फ्रॉड की घटनाएं एक सख्त चेतावनी हैं कि अब आपको सिर्फ ऑनलाइन बैंकिंग नहीं, अपने पूरे फोन की Mobile Security पर ध्यान देना होगा। हर क्लिक, हर डाउनलोड और हर नेटवर्क से जुड़ने से पहले सोचना जरूरी है।
डिजिटल युग में सुविधाएं बढ़ी हैं लेकिन खतरे भी दोगुने हो गए हैं। साइबर अपराधी अब Mobile Security की सबसे बारीक परत तक पहुंचने लगे हैं। ऐसे में जरूरी है कि हम जागरूक रहें, अपने मोबाइल को सुरक्षित रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि को नजरअंदाज न करें। क्योंकि अब सिर्फ बैंकिंग ही नहीं, पूरा मोबाइल फ्रॉड के निशाने पर है।