सावधान! फर्जी कॉल्स की खामोश साजिश शुरू, सरकार ने खोला राज़ — कहीं देर न हो जाए

Technology

हाइलाइट्स

  • सरकार ने फर्जी कॉल्स को लेकर जारी की नई चेतावनी, +697 और +698 नंबरों से रहें सावधान
  •  स्कैमर्स अब VoIP और VPN तकनीक का उपयोग कर रहे हैं, कॉल ट्रेस करना मुश्किल
  •  कॉल पर बैंक या सरकारी अधिकारी बनकर मांगी जाती है निजी जानकारी
  •  TRAI ने DLT टेक्नोलॉजी से फर्जी कॉल्स रोकने की बनाई रणनीति
  •  चक्षु पोर्टल और ऐप से कर सकते हैं फर्जी कॉल्स की रिपोर्टिंग

 डिजिटल युग में फर्जी कॉल्स का खतरा

आज का भारत तेज़ी से डिजिटलीकरण की दिशा में आगे बढ़ रहा है। जहां एक तरफ़ डिजिटल इंडिया की सफलता की कहानियाँ सुनाई देती हैं, वहीं दूसरी ओर फर्जी कॉल्स का जाल भी उतनी ही तेज़ी से फैल रहा है। इंटरनेट आधारित तकनीकों जैसे VoIP और VPN का इस्तेमाल कर साइबर अपराधी अब आम नागरिकों को चूना लगाने में लगे हुए हैं।

 क्या हैं VoIP कॉल्स और क्यों हैं खतरनाक?

 VoIP तकनीक की परिभाषा

VoIP (Voice Over Internet Protocol) एक ऐसी तकनीक है जिसके जरिए कॉल्स इंटरनेट के माध्यम से की जाती हैं। सामान्य मोबाइल नेटवर्क की तुलना में ये कॉल्स काफ़ी सस्ती होती हैं और इन्हें ट्रेस करना बेहद कठिन होता है।

VPN से कैसे छिपाई जाती है लोकेशन

VPN (Virtual Private Network) एक ऐसी सुविधा है जिसके माध्यम से स्कैमर अपनी असली लोकेशन को छिपा लेते हैं। भारत में बैठकर वे थाईलैंड या अन्य देशों के इंटरनेशनल नंबरों जैसे +697 या +698 से कॉल करते हैं।

 कैसे पहचानें फर्जी कॉल्स

कॉल के पैटर्न को समझें

  1. कॉल इंटरनेशनल नंबर से आता है – जैसे +697, +698
  2. कॉल करने वाला खुद को बैंक अधिकारी या सरकारी एजेंट बताता है
  3. आपसे OTP, ATM पिन, आधार नंबर या बैंक डिटेल्स मांगता है
  4. कॉलर बहुत ज़रूरी बात बताकर डराने की कोशिश करता है
  5. कोई संदिग्ध लिंक भेजता है या ऐप डाउनलोड करने को कहता है

 क्या करें जब आए फर्जी कॉल्स

  • कॉल तुरंत काटें
  • किसी भी हालत में निजी जानकारी साझा न करें
  • Truecaller जैसे ऐप्स से कॉलर की पहचान की कोशिश करें
  • नंबर को ब्लॉक करें और रिपोर्ट करें

 TRAI की नई रणनीति: DLT और AI तकनीक

टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने फर्जी कॉल्स और SMS से निपटने के लिए DLT (Distributed Ledger Technology) को लागू किया है। यह तकनीक नेटवर्क स्तर पर फर्जी संचार को पहचानने और रोकने का काम करती है।

 एयरटेल और जियो की पहल

  • एयरटेल हर महीने करोड़ों फर्जी कॉल्स को AI सिस्टम के जरिए ब्लॉक कर रहा है
  • जियो भी अपने यूज़र्स को SMS और कॉल वेरिफिकेशन फीचर दे रहा है
  • Vodafone Idea जैसी कंपनियां भी DLT को लागू कर चुकी हैं

 अगर गलती से कॉल उठा लिया तो क्या करें?

  1. संयम बनाएं रखें, घबराएं नहीं
  2. किसी भी जानकारी को साझा न करें
  3. कॉल बैक नंबर मांगे, शक हो तो कॉल काटें
  4. तुरंत नंबर को रिपोर्ट करें

 चक्षु पोर्टल से करें शिकायत

सरकार ने फर्जी कॉल्स और SMS की रिपोर्टिंग के लिए चक्षु पोर्टल लॉन्च किया है। यह संचार साथी वेबसाइट का एक भाग है जो यूज़र्स को संदेहास्पद कॉल्स की शिकायत दर्ज करने की सुविधा देता है।

🔧 रिपोर्टिंग की प्रक्रिया

  1. https://sancharsaathi.gov.in वेबसाइट खोलें
  2. “Chakshu” सेक्शन में जाएं
  3. कॉल या मैसेज की डिटेल भरें
  4. सबमिट करें और शिकायत दर्ज करें

 मोबाइल ऐप भी उपलब्ध

अब चक्षु मोबाइल ऐप भी उपलब्ध है, जिससे आप कहीं से भी आसानी से फर्जी कॉल्स की रिपोर्ट कर सकते हैं। यह ऐप Android और iOS दोनों पर उपलब्ध है।

 जनता को जागरूक करना ज़रूरी

सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद फर्जी कॉल्स का खतरा खत्म नहीं हुआ है। इसका एकमात्र समाधान है – जागरूकता

  • स्कूलों, कॉलेजों और कार्यस्थलों में साइबर सुरक्षा से जुड़ी वर्कशॉप होनी चाहिए
  • सोशल मीडिया पर जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है
  • टेलीकॉम कंपनियों को भी ग्राहकों को समय-समय पर अलर्ट भेजने चाहिए

सतर्क रहें, सुरक्षित रहें

फर्जी कॉल्स एक गंभीर समस्या बन चुके हैं, जो केवल आपकी जेब ही नहीं, आपकी पहचान को भी खतरे में डाल सकते हैं। इसलिए यदि कोई अनजान नंबर से कॉल आए और आपसे कोई निजी जानकारी मांगी जाए, तो तुरंत सतर्क हो जाएं।

सरकार और टेलीकॉम कंपनियां अपने स्तर पर प्रयास कर रही हैं, लेकिन जब तक आम नागरिक सतर्क नहीं होंगे, तब तक ये साइबर ठग बाज नहीं आएंगे। इसलिए, जागरूक रहें, सतर्क रहें और फर्जी कॉल्स से खुद को और अपने परिवार को बचाएं।

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