शादी से पहले वर्जिनिटी लौटाने की सनक! सामाजिक दबाव में लड़कियां करा रहीं खतरनाक सर्जरी, जान जोखिम में डालकर बचा रहीं इज्जत

Lifestyle

हाइलाइट्स:

  • Virginity Restoration का ट्रेंड युवतियों में तेजी से बढ़ रहा है
  • शादी से पहले ‘पवित्रता’ साबित करने का सामाजिक दबाव बन रहा वजह
  • अनियमित क्लीनिकों में हो रही खतरनाक सर्जरी से स्वास्थ्य को गंभीर खतरा
  • ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया पर बढ़ रहा इस टॉपिक का प्रचार
  • डॉक्टर्स ने दी चेतावनी: मानसिक तनाव के साथ-साथ हो सकती है स्थायी शारीरिक क्षति

सामाजिक दबाव और ‘पवित्रता’ की परिभाषा

भारतीय समाज में आज भी शादी से पहले स्त्री की वर्जिनिटी को ‘चरित्र’ से जोड़कर देखा जाता है। भले ही शहरी और आधुनिक समाज में शिक्षा और विचारों की खुली हवा बह रही हो, लेकिन Virginity Restoration जैसे ट्रेंड इस बात का संकेत देते हैं कि सामाजिक दबाव आज भी महिलाओं की व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर भारी पड़ रहा है।

इस ट्रेंड के तहत कई महिलाएं शादी से पहले यह सुनिश्चित करने के लिए खतरनाक मेडिकल प्रक्रियाएं अपना रही हैं कि उनके जीवनसाथी को उनकी ‘पवित्रता’ पर कोई शक न हो।

क्या है Virginity Restoration?

Virginity Restoration या हाइमनोप्लास्टी एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें योनि की झिल्ली (हाइमेन) को पुनः निर्मित किया जाता है ताकि यौन संबंध के दौरान रक्तस्राव हो और यह दर्शाया जा सके कि स्त्री ‘वर्जिन’ है।

हालांकि यह प्रक्रिया पूरी तरह से मेडिकल रूप से आवश्यक नहीं होती, फिर भी भारत समेत कई देशों में यह अब एक तेजी से बढ़ती हुई मांग बन चुकी है।

मेडिकल दृष्टिकोण: खतरों से भरी प्रक्रिया

विशेषज्ञों की चेतावनी

गायनोलॉजिस्ट डॉ. रश्मि जैन कहती हैं, “Virginity Restoration एक गैर-जरूरी सर्जरी है जिसे केवल सामाजिक दबाव या शर्मिंदगी से बचने के लिए करवाया जाता है। यह न केवल मानसिक तनाव पैदा करता है बल्कि शरीर पर भी कई बार गंभीर प्रभाव डालता है।”

संभावित खतरे

  • संक्रमण का खतरा
  • स्थायी रूप से योनि में दर्द या जकड़न
  • यौन जीवन में समस्याएं
  • मानसिक अवसाद और शर्मिंदगी

क्यों कर रही हैं लड़कियां यह फैसला?

सामाजिक मान्यताएं

देश के ग्रामीण और कुछ शहरी हिस्सों में आज भी यह मान्यता है कि ‘अच्छी लड़की’ शादी से पहले यौन संबंध नहीं बनाती। अगर शादी के पहले रात खून नहीं आता, तो लड़की पर शक किया जाता है। यही कारण है कि कई युवतियां Virginity Restoration जैसे कदम उठाने पर मजबूर हो रही हैं।

माता-पिता का दबाव

कुछ रिपोर्ट्स में सामने आया है कि माता-पिता भी अपनी बेटियों को ऐसे कदम उठाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं ताकि दहेज या रिश्ते की बात खराब न हो।

इंटरनेट और सोशल मीडिया की भूमिका

आजकल यूट्यूब, इंस्टाग्राम और गूगल पर Virginity Restoration से जुड़ी सैकड़ों विज्ञापन और ट्यूटोरियल्स मौजूद हैं। बिना किसी मेडिकल सलाह के लड़कियां इन वीडियो या वेबसाइट्स पर भरोसा करके अनियमित क्लीनिकों में जाकर सर्जरी करवा रही हैं।

कानून क्या कहता है?

भारत में Virginity Restoration को लेकर कोई स्पष्ट कानून नहीं है, लेकिन मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया इसे ‘इलेक्टिव कॉस्मेटिक सर्जरी’ की श्रेणी में रखता है। यदि बिना पूर्ण जानकारी और मेडिकल जांच के यह सर्जरी की जाती है, तो यह न केवल चिकित्सा नैतिकता के खिलाफ है बल्कि आपराधिक भी हो सकता है।

युवा महिलाओं की मानसिक स्थिति

शर्म या आत्मसम्मान?

कई युवतियों के लिए यह निर्णय उनके आत्मसम्मान से जुड़ा होता है, लेकिन असल में यह निर्णय अक्सर समाज के डर से लिया गया होता है। मनोवैज्ञानिक डॉ. प्रीति खन्ना कहती हैं, “Virginity Restoration मानसिक रूप से आत्मग्लानि, अपराधबोध और आत्म-संदेह को जन्म देता है। यह खुद से दूरी और सामाजिक स्वीकार्यता की भूख का प्रतीक है।”

किस दिशा में जा रहा समाज?

आज भी जब महिला शिक्षा, रोजगार और समान अधिकारों की बात होती है, तब Virginity Restoration का ट्रेंड एक सवाल खड़ा करता है – क्या हम मानसिक रूप से अब भी पिछड़े हुए हैं? क्या एक महिला का पूरा अस्तित्व उसकी वर्जिनिटी पर आधारित है?

समाधान क्या है?

  • यौन शिक्षा: स्कूलों और कॉलेजों में यौन शिक्षा को अनिवार्य बनाना
  • सामाजिक जागरूकता: समुदाय स्तर पर चर्चाएं और सेमिनार
  • कानूनी निगरानी: गैर-कानूनी और असुरक्षित क्लीनिकों पर प्रतिबंध
  • मानसिक सहयोग: युवतियों के लिए काउंसलिंग सेंटर और हेल्पलाइन

Virginity Restoration न केवल एक खतरनाक मेडिकल प्रक्रिया है, बल्कि यह हमारी सामाजिक सोच की विफलता भी दर्शाता है। जब तक हम स्त्री की ‘पवित्रता’ को उसके शरीर की एक झिल्ली से आंकते रहेंगे, तब तक ऐसे खतरनाक ट्रेंड्स बंद नहीं होंगे। इस विषय पर खुली और संवेदनशील चर्चा की आवश्यकता है ताकि लड़कियों को खुद से प्यार करना और खुद पर गर्व करना सिखाया जा सके – बिना किसी सामाजिक लेबल के।

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