हाइलाइट्स
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थाईलैंड में रेंटल वाइफ की प्रथा तेजी से बढ़ रही है और यह एक बड़े बिजनेस का रूप ले चुकी है
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एक नई किताब ने इस गुप्त प्रथा के बारे में विस्तार से बताया है
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इस सेवा की कीमत 1600 डॉलर से लेकर 116000 डॉलर तक हो सकती है
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गरीब परिवारों की महिलाएं आर्थिक मजबूरी में इस काम को अपनाती हैं
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सरकार इस बढ़ते ट्रेंड को लेकर चिंतित है और कानून बनाने की योजना है
थाईलैंड की छुपी हुई सच्चाई
थाईलैंड का नाम सुनते ही मन में खूबसूरत समुद्री तट, रंगबिरंगी नाइटलाइफ और सस्ती टूरिज्म की तस्वीरें आती हैं। लेकिन हाल ही में प्रकाशित एक किताब ने इस देश की एक ऐसी प्रथा को उजागर किया है, जिसने पूरी दुनिया को चौंका दिया है। यह प्रथा है रेंटल वाइफ यानी किराए की पत्नी की। यह सुनने में जितना अजीब लगता है, उतना ही यह थाईलैंड के कई शहरों, विशेषकर पटाया में एक सामान्य बात बन चुकी है।
रेंटल वाइफ की यह परंपरा केवल एक सामाजिक घटना नहीं, बल्कि एक संगठित बिजनेस मॉडल बन गई है। विदेशी पर्यटकों के बीच इसकी बढ़ती मांग ने इसे थाईलैंड के पर्यटन उद्योग का एक अहम हिस्सा बना दिया है।
रेंटल वाइफ प्रथा की वास्तविकता
क्या है रेंटल वाइफ सिस्टम?
रेंटल वाइफ का मतलब यह है कि कोई महिला एक निश्चित अवधि के लिए पैसे लेकर किसी पुरुष के साथ पत्नी की भूमिका निभाती है। इसमें घर की देखभाल, खाना पकाना, साथ घूमना-फिरना और एक पारिवारिक माहौल बनाना शामिल है। हालांकि यह सब कुछ एक स्पष्ट कॉन्ट्रैक्ट के तहत होता है और कानूनी रूप से यह विवाह नहीं माना जाता।
रेंटल वाइफ की सेवा मुख्यतः उन विदेशी पर्यटकों के लिए है जो लंबे समय तक थाईलैंड में रुकना चाहते हैं। इसमें कोई स्थायी प्रतिबद्धता नहीं होती और दोनों पक्ष अपनी शर्तों के अनुसार समझौता करते हैं।
कैसे काम करता है यह बिजनेस?
रेंटल वाइफ का बिजनेस मुख्यतः बार, नाइट क्लब और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए चलता है। यहां महिलाएं अपनी प्रोफाइल बनाती हैं और ग्राहकों से मिलती हैं। इस व्यवस्था में मध्यस्थ एजेंट भी होते हैं जो दोनों पक्षों के बीच समझौता कराते हैं।
किताब ने खोले राज
‘Thai Taboo’ किताब का खुलासा
‘Thai Taboo – The Rise of Wife Rental in Modern Society’ नामक किताब ने रेंटल वाइफ की इस छुपी हुई दुनिया पर से पर्दा उठाया है। लेखक लावर्ट ए इम्मैनुअल ने अपनी गहन शोध के जरिए बताया है कि कैसे आर्थिक तंगी में गरीब परिवारों की महिलाएं इस काम को अपनाने पर मजबूर हैं।
किताब में बताया गया है कि रेंटल वाइफ बनने वाली अधिकतर महिलाएं ग्रामीण क्षेत्रों से आती हैं और उनकी शिक्षा सीमित होती है। वे अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए इस रास्ते को चुनती हैं।
सामाजिक और आर्थिक कारण
रेंटल वाइफ की प्रथा के पीछे कई सामाजिक और आर्थिक कारण हैं। थाईलैंड में बढ़ती महंगाई और सीमित नौकरी के अवसरों ने कई महिलाओं को इस दिशा में धकेला है। साथ ही, थाई समाज में रिश्तों को लेकर अपेक्षाकृत उदार दृष्टिकोण भी इस प्रथा को बढ़ावा देता है।
रेंटल वाइफ की कीमत और मार्केट
मूल्य निर्धारण के कारक
रेंटल वाइफ की कीमत कई बातों पर निर्भर करती है। उम्र, सुंदरता, शिक्षा का स्तर, भाषा की जानकारी और रिश्ते की अवधि जैसे कारक मूल्य तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, रेंटल वाइफ की सेवा की कीमत 1600 डॉलर (लगभग 1.3 लाख रुपये) से शुरू होकर 116000 डॉलर (लगभग 96 लाख रुपये) तक हो सकती है। यह रेंज समय अवधि और सेवा की गुणवत्ता पर निर्भर करती है।
अवधि के अनुसार पैकेज
रेंटल वाइफ की सेवा विभिन्न अवधि के लिए उपलब्ध है। कुछ दिनों से लेकर कई महीनों तक के पैकेज मिलते हैं। लंबी अवधि के कॉन्ट्रैक्ट में छूट भी दी जाती है।
सामाजिक प्रभाव और सरकारी दृष्टिकोण
समाज पर प्रभाव
रेंटल वाइफ की बढ़ती प्रथा का थाई समाज पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। एक तरफ जहां यह कई महिलाओं को आर्थिक स्वावलंबन प्रदान कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ पारंपरिक विवाह संस्था और सामाजिक मूल्यों पर सवाल खड़े कर रहा है।
रेंटल वाइफ की प्रथा ने रिश्तों को एक व्यावसायिक लेन-देन का रूप दे दिया है। यह युवाओं के मन में स्थायी रिश्तों के प्रति संदेह पैदा कर रहा है।
सरकारी चिंता और नीति
थाई सरकार रेंटल वाइफ के बढ़ते ट्रेंड को लेकर चिंतित है। अधिकारियों का मानना है कि यह प्रथा महिलाओं की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती है। सरकार इस संबंध में नए कानून बनाने की योजना पर विचार कर रही है।
अंतर्राष्ट्रीय आलोचना
रेंटल वाइफ की प्रथा को लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी आलोचना हो रही है। मानवाधिकार संगठन इसे महिलाओं के शोषण का नया रूप मानते हैं।
वैश्विक प्रसार और भविष्य
एशियाई देशों में विस्तार
रेंटल वाइफ की यह प्रथा केवल थाईलैंड तक सीमित नहीं है। जापान और कोरिया में ‘गर्लफ्रेंड फॉर हायर’ जैसी सेवाएं पहले से मौजूद हैं। अब यह अवधारणा अन्य एशियाई देशों में भी फैल रही है।
डिजिटल प्लेटफॉर्म का योगदान
इंटरनेट और मोबाइल ऐप्स ने रेंटल वाइफ के बिजनेस को नई दिशा दी है। अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए यह सेवा आसानी से उपलब्ध है।
बदलते समय की चुनौती
रेंटल वाइफ की प्रथा आधुनिक समाज की बदलती प्राथमिकताओं और रिश्तों के प्रति नए दृष्टिकोण को दर्शाती है। यह घटना दिखाती है कि कैसे आर्थिक जरूरतें और सामाजिक बदलाव मिलकर नई प्रथाओं को जन्म देते हैं।
रेंटल वाइफ का यह ट्रेंड भले ही कुछ लोगों के लिए आर्थिक समाधान हो, लेकिन यह समाज और नैतिकता पर गंभीर सवाल भी उठाता है। इसका भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि थाई सरकार और समाज इसे कैसे नियंत्रित करता है।