Astronaut Life

जब अंतरिक्ष में शारीरिक संबंध नहीं बनाए जाते, तो एस्ट्रोनॉट्स कंडोम जैसी डिवाइस क्यों पहनते हैं? वजह जानकर दंग रह जाएंगे

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हाइलाइट्स

  • Astronaut Life के अनदेखे पहलुओं में शामिल है अंतरिक्ष में जैविक जरूरतों को पूरा करने की जद्दोजहद
  • पेशाब जैसे साधारण कार्य भी Astronaut Life में बन जाते हैं चुनौतीपूर्ण
  • NASA ने Astronaut Life के अनुभव से सीखा और बनाए कंडोम जैसे यंत्र
  • शारीरिक अंतर के कारण Astronaut Life में ‘साइज’ बन गई थी मज़ाक का कारण
  • आज की तकनीक ने Astronaut Life को बनाया है पहले से कहीं ज़्यादा सुरक्षित और सुविधाजनक

 अंतरिक्ष में ‘Astronaut Life’ कैसी होती है? जानिए NASA के चौंकाने वाले खुलासे

अंतरिक्ष यात्रा को लेकर लोगों के मन में एक ग्लैमरस छवि होती है—चमकदार सूट पहने हुए, अंतरिक्ष में तैरते हुए यात्री, पृथ्वी को ऊपर से देखते हुए। लेकिन Astronaut Life हकीकत में उतनी आसान नहीं होती जितनी स्क्रीन पर दिखती है।

धरती से सैकड़ों किलोमीटर ऊपर, जहां गुरुत्वाकर्षण नहीं है, वहां सांस लेना, खाना खाना, सोना और यहां तक कि पेशाब करना भी किसी वैज्ञानिक प्रयोग से कम नहीं होता।

NASA के पूर्व अंतरिक्ष यात्री रस्टी श्वाइकार्ट ने Astronaut Life को लेकर जो खुलासे किए, वे चौंकाने वाले हैं। खासकर यह जानना कि Astronaut Life में कभी कंडोम जैसे यंत्र का इस्तेमाल सिर्फ पेशाब करने के लिए होता था—एक बड़ी जानकारी है।

Astronaut Life की असल चुनौतियाँ

अंतरिक्ष में पेशाब करना क्यों है बड़ा मसला?

धरती पर हम आसानी से जैविक क्रियाएं कर पाते हैं क्योंकि गुरुत्वाकर्षण काम करता है। लेकिन Astronaut Life में ऐसा नहीं होता। पेशाब गुरुत्वाकर्षण के अभाव में इधर-उधर तैर सकता है, जो उपकरणों के लिए खतरा बन सकता है और यात्री के लिए असुविधाजनक भी।

कंडोम जैसी डिवाइस क्यों थी जरूरी?

NASA ने पुराने मिशनों के दौरान ऐसी डिवाइस तैयार की जो दिखने में कंडोम जैसी थी। इसे अंतरिक्ष यात्री अपने पिनस पर पहनते और एक ट्यूब के माध्यम से मूत्र संग्रहण यूनिट से जोड़ दिया जाता था। यह डिवाइस Astronaut Life को थोड़ा आसान बनाने की कोशिश थी, लेकिन इसके साथ भी समस्याएं कम नहीं थीं।

 जब Astronaut Life में बन गया साइज मुद्दा

फिटिंग की समस्या और शर्मिंदगी

हर व्यक्ति की शारीरिक बनावट अलग होती है। इस कारण यह डिवाइस कई बार लीक हो जाती थी। Astronaut Life में ऐसी घटनाएं बेहद असहज होती हैं। NASA ने इस समस्या को समझते हुए तीन साइज—Small, Medium, और Large—प्रदान किए।

‘पुरुष अहं’ और NASA का समाधान

जब अंतरिक्ष यात्री साइज चुनते थे, तो ज़्यादातर Large ही चुनते थे, भले ही ज़रूरत न हो। यह एक प्रकार का ‘पुरुष अहं’ था, जो Astronaut Life में मज़ाक का विषय बन गया। तब NASA ने साइज का नाम बदलकर ऐसा कर दिया कि कोई शर्म महसूस न करे—Small को ‘Large’, Medium को ‘Extra Large’ और Large को ‘Hero’ नाम दे दिया गया।

 आज की Astronaut Life कितनी बदल चुकी है?

यूनिसेक्स सिस्टम और टेक्नोलॉजी

अब की Astronaut Life बहुत ज्यादा टेक्नोलॉजिकल हो चुकी है। नई यूनिसेक्स डिवाइसेज़ महिला और पुरुष दोनों के लिए समान रूप से काम करती हैं। छोटे पंप, सेंसर और संग्रहण टैंक अब सब कुछ स्वचालित तरीके से संभालते हैं।

पानी में बदलता है पेशाब

International Space Station पर आज की Astronaut Life इतनी उन्नत है कि मूत्र को फिल्टर कर पीने योग्य पानी में बदला जाता है। यह न केवल पानी की बचत है बल्कि मिशन की सफलता के लिए आवश्यक भी है।

Astronaut Life: विज्ञान, संवेदनशीलता और रणनीति का मेल

  • *Astronaut Life सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं है, वह रणनीति, संवेदनशीलता और वैज्ञानिक सोच का उत्कृष्ट उदाहरण है। हर दिन, हर पल अंतरिक्ष यात्री को सोचना होता है कि क्या, कब, कैसे करना है।
  • Earth से हजारों किलोमीटर दूर Astronaut Life में कोई सुविधा मुफ्त में नहीं मिलती। सांस लेना हो या पेशाब करना—सब कुछ तकनीकी हल मांगता है।

आज के समय में हम Astronaut Life को केवल Instagram तस्वीरों और YouTube वीडियो से नहीं समझ सकते। असल Astronaut Life उन वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष यात्रियों के अनुभवों में छिपी है जो तमाम असहजताओं के बीच मानवता के लिए नई खोजें कर रहे हैं।

NASA जैसे संगठनों ने Astronaut Life को बेहतर बनाने के लिए वर्षों तक परीक्षण और अनुसंधान किया है। और यही कारण है कि आज यह संभव हो पाया है कि अंतरिक्ष में एक पुरुष या महिला महीनों रहकर सामान्य जीवन जी सके।

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