हाइलाइट्स
- पुरुषों की लापरवाही महिलाओं में गंभीर बीमारियों का कारण बन रही है, जानिए कैसे।
- भावनात्मक समर्थन की कमी महिलाओं में एंग्जायटी और तनाव को जन्म देती है।
- थायराइड, पीसीओएस और अनियमित पीरियड्स की बढ़ती समस्या में भी पुरुषों की अनदेखी भूमिका निभा रही है।
- यूटीआई जैसी संक्रमणजन्य बीमारियों के पीछे भी छिपे होते हैं रिश्तों में असंतुलन।
- विशेषज्ञों का कहना है कि पुरुषों को भी हेल्थ और इमोशनल केयर में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
एक चुप्पी जो बीमार कर रही है महिलाओं को
पुरुषों की लापरवाही का असर सिर्फ रिश्तों तक सीमित नहीं है, यह अब महिलाओं की सेहत तक को प्रभावित करने लगा है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, भावनात्मक सहयोग की कमी, संवादहीनता, घरेलू कार्यों में सहयोग न देना और मानसिक थकान जैसी चीजें महिलाओं में गंभीर बीमारियों को जन्म दे रही हैं। यह मुद्दा जितना सामाजिक है, उतना ही स्वास्थ्य से जुड़ा भी है।
एंग्जायटी और स्ट्रेस: पुरुषों की लापरवाही से बढ़ता मानसिक बोझ
समझदारी नहीं, तो तनाव पक्का
जब रिश्ते में एकतरफा समझदारी हो और पुरुष साथी अपनी जिम्मेदारियों से बचते हैं, तो महिलाओं में स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है। इससे मानसिक अस्थिरता, मूड स्विंग्स और यहां तक कि पैनिक अटैक जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। पुरुषों की लापरवाही इस स्तर पर पहुंच चुकी है कि अब यह मानसिक स्वास्थ्य को सीधे प्रभावित कर रही है।
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS): हार्मोनल असंतुलन का जाल
लापरवाही से बिगड़ता हार्मोन सिस्टम
PCOS एक जटिल हार्मोनल विकार है जो महिलाओं के अंडाशय को प्रभावित करता है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि जब महिलाएं नियमित रूप से तनाव में रहती हैं और उन्हें भावनात्मक समर्थन नहीं मिलता, तब यह हार्मोनल सिस्टम को असंतुलित करता है। पुरुषों की लापरवाही जैसे– घर के कामों में भागीदारी नहीं करना, संवाद की कमी और भावनात्मक दूरी– इन कारणों से यह बीमारी और बढ़ जाती है।
थायराइड की बीमारी: चुपचाप बढ़ती गंभीर समस्या
थकान, तनाव और थायराइड
थायराइड एक महत्वपूर्ण ग्लैंड है जो मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है। एक्सपर्ट के अनुसार, तनाव, अनियमित दिनचर्या, नींद की कमी और इमोशनल थकान इसके प्रमुख कारण बनते हैं। जब पुरुषों की लापरवाही भावनात्मक दूरी में बदल जाती है, तब महिलाओं का थायराइड सिस्टम कमजोर होने लगता है। थकावट, चिड़चिड़ापन और वजन बढ़ना इसके लक्षण हैं।
अनियमित पीरियड्स: हर महीने का संघर्ष
पीसीओएस और तनाव का संबंध
पीरियड्स का नियमित न होना केवल हार्मोन से नहीं जुड़ा है, यह सामाजिक और मानसिक कारणों से भी प्रभावित होता है। पुरुषों की लापरवाही जब महिलाओं को घरेलू कार्यों का बोझ अकेले उठाने पर मजबूर करती है, तब उनके शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन का संतुलन बिगड़ने लगता है। इससे अनियमित मासिक धर्म, दर्द, और मूड डिसऑर्डर जैसी समस्याएं जन्म लेती हैं।
यूटीआई (यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन): एक अनदेखा खतरा
संबंधों में दूरी से शारीरिक इंफेक्शन तक
यूटीआई एक संक्रमण है जो महिलाओं में अधिक आम है। स्वच्छता की कमी, तनाव और शरीर की इम्यूनिटी कम होने से यह बढ़ता है। पुरुषों की लापरवाही, विशेष रूप से इंटीमेट रिलेशन में साफ-सफाई और समझ की कमी, इस संक्रमण को बढ़ावा देती है। यदि समय पर उपचार न हो, तो यह किडनी तक प्रभावित कर सकता है।
एक्सपर्ट की राय: बदलाव की जरूरत
एकतरफा नहीं हो सकता रिश्ता
गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. अर्चना बंसल कहती हैं, “रिश्ते दो लोगों से बनते हैं। यदि पुरुष सिर्फ एक कमाने और आदेश देने वाले भूमिका में रहें और महिला को ही इमोशनल सपोर्ट देना हो, तो यह असंतुलन बीमारियों का कारण बनता है।” उनका कहना है कि पुरुषों की लापरवाही न सिर्फ मानसिक बल्कि शारीरिक रूप से भी महिलाओं को नुकसान पहुंचा रही है।
समाधान: जागरूकता और सहयोग की दिशा में कदम
साथ मिलकर चलें, तभी होगा समाधान
- संवाद बढ़ाएं – खुलकर बात करें, दिनभर की बातें शेयर करें।
- घरेलू कार्यों में भागीदारी – हर छोटा सहयोग महिला की सेहत के लिए अमूल्य होता है।
- भावनात्मक समर्थन दें – सिर्फ सुनना ही काफी नहीं, समझना और महसूस करना भी जरूरी है।
- हेल्थ चेकअप को प्राथमिकता दें – दोनों की सेहत बराबर महत्वपूर्ण है।
- संतुलित दिनचर्या अपनाएं – नींद, खानपान और व्यायाम को प्राथमिकता दें।
पुरुषों की लापरवाही एक ‘साइलेंट अटैक’ है
पुरुषों की लापरवाही सिर्फ एक व्यवहार नहीं, बल्कि एक ऐसी आदत बन चुकी है जो धीरे-धीरे महिलाओं के स्वास्थ्य को खा रही है। यह वक्त है कि पुरुष इस सच्चाई को स्वीकार करें और अपनी भूमिका को बेहतर बनाएँ। यह न केवल महिलाओं की जिंदगी को आसान बनाएगा, बल्कि पूरे परिवार की खुशहाली की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।