YouTuber Jyoti Malhotra

ज्योति मल्होत्रा ने पुलिस रिमांड में खोले राज़: क्या पहलगाम हमले में सच्ची गुनहगार टूरिस्ट ही थी

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हाइलाइट्स 

  • YouTuber Jyoti Malhotra को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया
  • पिछले दो हफ्तों में उत्तर भारत से 12 से अधिक संदिग्ध जासूस गिरफ्तार
  • यूट्यूब चैनल ‘Travel With Jo’ के ज़रिए पाक एजेंसी से कथित संपर्क
  • पहलगाम हमले को लेकर बनाए गए विवादास्पद वीडियो पर सवाल
  • सरकार और खुफिया एजेंसियों ने “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद निगरानी तेज की

उत्तर भारत में एक गुप्त लेकिन संगठित जासूसी नेटवर्क के पर्दाफाश ने देश की सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है। इस बार सवालों के घेरे में एक सोशल मीडिया प्रभावशाली शख्सियत, YouTuber Jyoti Malhotra है, जो कथित रूप से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जुड़ी हुई बताई जा रही हैं।

 जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश

पिछले दो सप्ताह में, पंजाब और हरियाणा से कम से कम 12 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है, जिन पर पाकिस्तान के लिए संवेदनशील जानकारी इकट्ठा करने और भेजने का आरोप है। हरियाणा की YouTuber Jyoti Malhotra इस मामले में सबसे ज्यादा सुर्खियों में हैं क्योंकि उनका डिजिटल प्रभाव लाखों तक है।

पुलिस का कहना है कि ये सभी लोग एक ही नेटवर्क के अंतर्गत काम कर रहे थे जो भारत की सैन्य गतिविधियों, सीमाई क्षेत्रों की जानकारी और रणनीतिक लोकेशनों पर फोकस करता था।

 ‘Travel With Jo’ चैनल बना शक की जड़

YouTuber Jyoti Malhotra के यूट्यूब चैनल “Travel With Jo” पर 3.77 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं। वह अक्सर ट्रैवल व्लॉग्स और जमीनी रिपोर्टिंग के वीडियो बनाती थीं, लेकिन हाल के वीडियो में पाकिस्तानी संस्कृति की बढ़-चढ़कर तारीफ और भारतीय व्यवस्था की आलोचना देखने को मिली।

विशेष रूप से पहलगाम आतंकी हमले के बाद उनके एक वीडियो ने सुरक्षा एजेंसियों का ध्यान आकर्षित किया, जिसमें उन्होंने हमले के लिए भारतीय सुरक्षा व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि “टूरिस्ट को सतर्क रहना चाहिए, गलती हमारी ही है।”

 अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता या सुरक्षा को खतरा?

पुलिस रिमांड के दौरान जब YouTuber Jyoti Malhotra से पूछताछ की गई तो उन्होंने कहा कि यह उनके “एक्सप्रेशन ऑफ स्पीच” का अधिकार है। उनका कहना है कि उन्होंने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया और केवल घटनाओं पर अपने विचार रखे। लेकिन जांच एजेंसियों का मानना है कि यह “सॉफ्ट कंटेंट डिप्लोमेसी” के ज़रिए पाकिस्तान के एजेंडे को बढ़ावा देने का तरीका था।

 कैसे हुआ पाकिस्तान से संपर्क?

सूत्रों के अनुसार, YouTuber Jyoti Malhotra 2023 में पाकिस्तान उच्चायोग गई थीं, जहां वह वीजा आवेदन के दौरान दानिश नामक व्यक्ति के संपर्क में आईं। यहीं से संपर्क की शुरुआत हुई और धीरे-धीरे यह एक नियमित संवाद में बदल गया। दानिश को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है।

पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, “ऑपरेशन सिंदूर” के समय भी मल्होत्रा पाकिस्तान से लगातार संपर्क में थीं, जब भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों का सैन्य तनाव चल रहा था।

 जासूसी के तरीके: डिजिटल माध्यम बन रहे हथियार

इस पूरे केस में यह बात सामने आई है कि आज के दौर में सोशल मीडिया एक शक्तिशाली लेकिन संवेदनशील माध्यम बन गया है। YouTuber Jyoti Malhotra का केस यह दर्शाता है कि कैसे सामान्य यात्रा व्लॉग्स और सांस्कृतिक कंटेंट के पीछे खुफिया एजेंसियां अपनी गतिविधियाँ चला सकती हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मल्होत्रा अपने वीडियोज़ में जगह-जगह की डिटेल लोकेशन, सैन्य चेकपोस्ट्स, और सुरक्षा बलों की गतिविधियों को दिखाती थीं, जो बाद में पाकिस्तान भेजी जाती थीं।

 क्या हैं कानूनी धाराएं?

हरियाणा पुलिस ने उनके खिलाफ गोपनीयता अधिनियम (Official Secrets Act) और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। यदि उन पर लगे आरोप सिद्ध हो जाते हैं, तो उन्हें 10 से 14 साल तक की कठोर सजा हो सकती है।

 साइकोलॉजिकल टैक्टिक्स: ISI की नई रणनीति

विशेषज्ञों का मानना है कि ISI अब सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को निशाना बना रही है, जो किसी भी सरकार विरोधी या विवादास्पद बयान के जरिए लोगों को प्रभावित कर सकते हैं। YouTuber Jyoti Malhotra का चयन इसी सोच के तहत हुआ बताया जा रहा है।

 सरकारी प्रतिक्रिया और सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका

गृह मंत्रालय ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए अन्य राज्यों में भी डिजिटल निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। NIA और IB को भी इस केस में शामिल कर लिया गया है। आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं क्योंकि पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले नाम सामने आ रहे हैं।

 सोशल मीडिया पर उठ रहे सवाल

जहाँ एक ओर कुछ लोग YouTuber Jyoti Malhotra के पक्ष में “फ्रीडम ऑफ स्पीच” की दुहाई दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बहुसंख्यक लोग मानते हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

YouTuber Jyoti Malhotra का केस यह दिखाता है कि सोशल मीडिया की ताकत कितनी व्यापक और खतरनाक हो सकती है, यदि इसका इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी तत्वों के लिए किया जाए। यह घटना देश की साइबर सुरक्षा और डिजिटल नैतिकता को नए सिरे से परिभाषित करने की माँग कर रही है।

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