Women Safety

फोन पर चीख… फिर सन्नाटा! बरेली की महिला लेखपाल से जुड़ा रहस्य खोल देगा रोंगटे, प्रेमी पर साजिश का शक

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हाइलाइट्स

  • Women Safety को लेकर एक बार फिर खड़े हुए गंभीर सवाल, बरेली में महिला लेखपाल से जुड़ी रहस्यमयी घटना ने किया झकझोर
  • फोन कॉल पर बात करते हुए अचानक महिला लेखपाल की चीख, फिर मोबाइल बंद — साथी लेखपालों ने दी पुलिस को सूचना
  • नवाबगंज के निजी अस्पताल में मिली बेहोशी की हालत में, प्रेमी पर मारपीट और आत्महत्या के लिए उकसाने का शक
  • पुलिस जांच में सामने आया पुराना प्रेम संबंध, झगड़े के बाद आत्महत्या की कोशिश या हत्या की साजिश?
  • महिला लेखपाल के होश में आने का इंतजार, Women Safety के लिहाज से मामला बन सकता है नजीर

 उत्तर प्रदेश के बरेली में उभरा Women Safety का चिंताजनक मामला

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में गुरुवार को जो कुछ भी हुआ, वह ना केवल एक महिला सरकारी कर्मचारी की जान को लेकर चिंता पैदा करता है, बल्कि Women Safety के हालात पर भी गहरी चोट करता है। एक महिला लेखपाल जो सुबह अपने घर से ड्यूटी के लिए निकली थी, दोपहर तक तहसील नहीं पहुंची। उसके बाद जो घटनाक्रम सामने आया, वह किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं।

 फोन कॉल में दर्ज हुई आखिरी चीख

महिला लेखपाल के एक सहकर्मी ने जब दोपहर 12 बजे के बाद उसका हालचाल जानने के लिए कॉल किया, तो करीब 15 मिनट तक बातचीत होती रही। बातचीत जमीन से जुड़े एक केस को लेकर थी। अचानक कॉल के दौरान महिला लेखपाल की तेज चीख सुनाई दी और फिर कॉल कट हो गया। साथी ने दोबारा कॉल किया, लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला।

 तत्काल पुलिस को दी गई सूचना

घबराए लेखपालों ने तहसीलदार सुरभि राय को सूचना दी। सुरभि राय ने कोई देर नहीं की और तुरंत फरीदपुर थाने जाकर पुलिस इंस्पेक्टर राधेश्याम को पूरे मामले की जानकारी दी। महिला लेखपाल का फोन ट्रेस किया गया और लोकेशन नवाबगंज के एक इलाके में मिली।

 अस्पताल में मिली बेहोशी की हालत में

जब पुलिस नवाबगंज इलाके में पहुंची तो पता चला कि महिला लेखपाल वहां के एक निजी अस्पताल में भर्ती है। वह बेहोशी की हालत में थी। तहसीलदार और पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर पड़ताल की। जानकारी मिली कि महिला लेखपाल के संबंध पीलीभीत के एक युवक से थे और वह उससे मिलने नवाबगंज आई थी।

 प्रेम संबंध बना जानलेवा

सूत्रों के अनुसार, दोनों के बीच किसी बात को लेकर गंभीर विवाद हो गया। झगड़ा इतना बढ़ गया कि महिला लेखपाल ने फांसी लगाकर आत्महत्या की कोशिश की। हालांकि, शक है कि युवक ने ही उस पर हमला किया और फिर गला दबाया। यह अब पुलिस जांच का विषय बन चुका है।

 युवक फरार, पुलिस ने शुरू की जांच

घटना के बाद युवक महिला लेखपाल को अस्पताल में छोड़कर फरार हो गया। पुलिस ने युवक को हिरासत में ले लिया है और पूछताछ कर रही है। अस्पताल से मेडिकल रिपोर्ट भी मंगवाई गई है ताकि यह पता चल सके कि मामला आत्महत्या का है या हत्या की कोशिश का।

 परिवार सदमे में, कोई शिकायत नहीं दर्ज

महिला लेखपाल के परिवारजन गहरे सदमे में हैं। पुलिस के अनुसार, अब तक परिजनों ने कोई लिखित शिकायत नहीं दी है। हालांकि, पुलिस सभी एंगल से जांच कर रही है। जैसे ही महिला होश में आएगी, उसका बयान दर्ज किया जाएगा।

पृष्ठभूमि: लेखपाल और युवक की कहानी

पुलिस सूत्रों के अनुसार, महिला लेखपाल की तैनाती पहले पीलीभीत में थी। वहीं उसकी दोस्ती एक युवक से हुई और धीरे-धीरे यह रिश्ता प्रेम संबंध में बदल गया। कई बार महिला लेखपाल युवक से मिलने नवाबगंज आती थी। इस बार भी यही सिलसिला दोहराया गया, लेकिन नतीजा बेहद खौफनाक निकला।

Women Safety की फिर से जांच जरूरी

यह पूरा मामला Women Safety की उस परछाई को उजागर करता है, जो समाज के हर हिस्से में मौजूद है — चाहे वह सरकारी कर्मचारी हो या कोई आम महिला। सवाल यह भी उठता है कि जब एक लेखपाल तक सुरक्षित नहीं है, तो बाकी महिलाओं की स्थिति क्या होगी?

 पुलिस का आधिकारिक बयान

नवाबगंज इंस्पेक्टर अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया, “महिला लेखपाल अभी होश में नहीं है। जैसे ही वह होश में आएगी, उसका बयान लिया जाएगा। युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है और अस्पताल की रिपोर्ट भी मंगवाई गई है। हम हर एंगल से जांच कर रहे हैं।”

 सवाल जो उठते हैं

  1. क्या महिला लेखपाल की सुरक्षा में लापरवाही बरती गई?
  2. क्यों नहीं पूर्व में प्रेमी से संबंधों की जानकारी प्रशासन को दी गई?
  3. अगर महिला लेखपाल खतरे में थी तो उसके कॉल में दर्ज चीख को पहले क्यों नजरअंदाज किया गया?
  4. क्या Women Safety को लेकर कोई मजबूत प्रणाली मौजूद है?
  5. पुलिस को कब और कैसे दोषी को सजा दिलाने में सफलता मिलेगी?

इस घटना ने न केवल एक महिला कर्मचारी की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं, बल्कि समाज के उस हिस्से की परतें भी उधेड़ी हैं जहां प्रेम संबंध असुरक्षा में बदल जाते हैं। यह एक चेतावनी है कि Women Safety अब केवल नारे की बात नहीं रही, यह एक प्रशासनिक और सामाजिक जिम्मेदारी बन चुकी है।

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