हाइलाइट्स
- वोटर अधिकार यात्रा के आठवें दिन पूर्णिया से दोबारा हुई शुरुआत
- राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने दिखाई विपक्षी एकता की झलक
- राहुल गांधी ने बुलेट मोटरसाइकिल चलाकर कार्यकर्ताओं में जोश भरा
- रोड शो के दौरान फैन की हरकत से सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
- 1 सितंबर को पटना में होगा यात्रा का भव्य समापन
बिहार की राजनीति इन दिनों गर्म है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की अगुवाई में चल रही वोटर अधिकार यात्रा अब एक साधारण राजनीतिक रैली से कहीं अधिक बन चुकी है। पूर्णिया से शुरू होकर यह यात्रा विपक्षी ताकतों के लिए एकजुटता का नया मंच तैयार कर रही है। रविवार को इसके आठवें दिन पूर्णिया में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव का भव्य स्वागत हुआ, जहां हजारों की संख्या में लोग सड़क पर उतर आए।
पूर्णिया से नई शुरुआत
राहुल गांधी की बुलेट यात्रा
राहुल गांधी ने इस बार अपनी यात्रा की शुरुआत एक अलग अंदाज में की। वे बुलेट मोटरसाइकिल चलाते हुए दिखाई दिए। उनके पीछे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम बैठे थे, जबकि दूसरी मोटरसाइकिल पर तेजस्वी यादव अपने सुरक्षा कर्मी के साथ सवार नजर आए। यह दृश्य कार्यकर्ताओं के लिए किसी उत्सव से कम नहीं था और वोटर अधिकार यात्रा के संदेश को और प्रभावशाली बना गया।
स्थानीय स्तर पर जोश
पूर्णिया से अररिया जाते समय राहुल गांधी ने एक ढाबे पर रुककर चाय पी और करीब 20 मिनट तक स्थानीय लोगों से बातचीत की। इस दौरान कार्यकर्ताओं और आम जनता में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला।
रोड शो में अप्रत्याशित घटना
यात्रा के दौरान एक बड़ा वाकया भी हुआ। रोड शो में भीड़ को चीरते हुए एक युवक अचानक राहुल गांधी के बेहद करीब पहुंच गया और उन्हें किस कर लिया। इस पर तुरंत SPG हरकत में आई और युवक को पकड़ लिया। इसे वोटर अधिकार यात्रा के दौरान राहुल गांधी की सुरक्षा में गंभीर चूक माना जा रहा है।
विपक्षी नेताओं की बड़ी भागीदारी
राष्ट्रीय स्तर पर महत्व
वोटर अधिकार यात्रा अब केवल बिहार तक सीमित नहीं रह गई है। इसने राष्ट्रीय राजनीति में भी हलचल मचा दी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी और माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य पहले ही इस यात्रा से जुड़ चुके हैं।
आगे जुड़ने वाले बड़े नेता
आने वाले दिनों में इस यात्रा में प्रियंका गांधी वाड्रा, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और इंडिया गठबंधन के अन्य बड़े नेता भी शामिल होंगे। द्रमुक प्रमुख और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन 27 अगस्त को और अखिलेश यादव 30 अगस्त को इस यात्रा का हिस्सा बनेंगे।
पटना में भव्य समापन की तैयारी
यह 16-दिवसीय वोटर अधिकार यात्रा 1 सितंबर को पटना में एक विशाल रैली के साथ संपन्न होगी। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस रैली में विपक्षी एकता की तस्वीर और स्पष्ट होगी। पटना के गांधी मैदान में लाखों की भीड़ जुटने की संभावना जताई जा रही है।
क्यों अहम है वोटर अधिकार यात्रा?
लोकतांत्रिक अधिकारों का सवाल
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव लगातार यह संदेश दे रहे हैं कि वोटर अधिकार यात्रा सिर्फ एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि जनता के अधिकारों की लड़ाई है। बेरोजगारी, महंगाई और किसानों के मुद्दे को लेकर यह यात्रा लोगों को एकजुट करने का प्रयास कर रही है।
विपक्षी एकता की मिसाल
इस यात्रा ने विपक्षी दलों को एक साझा मंच पर ला दिया है। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की जोड़ी न केवल बिहार में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी राजनीति के लिए नई ऊर्जा का स्रोत बन रही है।
जनता का उत्साह
पूर्णिया से लेकर अररिया तक, जहां-जहां वोटर अधिकार यात्रा पहुंची, वहां आम लोगों का उत्साह देखते ही बनता है। महिलाएं, युवा और किसान बड़ी संख्या में इसमें शामिल हो रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में भी इस यात्रा का जबरदस्त असर दिख रहा है।
राहुल गांधी बिहार में वोटर अधिकार यात्रा में बाइक चला रहे थे। एक व्यक्ति उनके करीब पहुँच गया। वैसे भीड़ में यह सब सामान्य है
pic.twitter.com/1xtbnhYuvy— Narendra Nath Mishra (@iamnarendranath) August 24, 2025
राजनीतिक संदेश और भविष्य की रणनीति
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि वोटर अधिकार यात्रा 2024 और 2025 के चुनावी परिदृश्य को गहराई से प्रभावित कर सकती है। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की संयुक्त पहल जनता के बीच विपक्षी ताकतों की गंभीरता और प्रतिबद्धता का संकेत देती है।
बिहार से शुरू हुई यह वोटर अधिकार यात्रा अब राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता का प्रतीक बन गई है। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की इस यात्रा ने न केवल राजनीतिक विमर्श को नया आयाम दिया है, बल्कि आने वाले चुनावों की दिशा और दशा तय करने की क्षमता भी दिखा दी है।