विदेश दौरे पर भी टॉयलेट-पॉटी अपने साथ ले जाते हैं व्लादिमीर पुतिन, आखिर क्या है इसके पीछे का रहस्य?

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हाइलाइट्स

  • व्लादिमीर पुतिन का ‘पू सूटकेस’ हमेशा उनके विदेशी दौरों पर साथ चलता है, जिसमें उनका मल और मूत्र एकत्र किया जाता है।
  • सुरक्षा कारणों से पुतिन अपने स्वास्थ्य संबंधी किसी भी जानकारी को लीक नहीं होने देना चाहते।
  • पुतिन की सिक्योरिटी टीम के पास हमेशा एक बुलेटप्रूफ सूटकेस रहता है जिसमें यह नमूने सुरक्षित रखे जाते हैं।
  • अफवाहें हैं कि पुतिन गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं, हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।
  • 2019 के पेरिस समिट में उनके बॉडीगार्ड को पोर्टेबल टॉयलेट के साथ जाते हुए देखा गया था।

रूस-अमेरिका मुलाकात और पुतिन का नया राज

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से अलास्का में मिले। इस बैठक में करीब तीन घंटे तक यूक्रेन जंग को लेकर चर्चा हुई। यह मुलाकात खास थी क्योंकि 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद यह उनका अमेरिका का पहला दौरा था। लेकिन इस मुलाकात से ज्यादा सुर्खियां बटोरीं व्लादिमीर पुतिन के ‘पू सूटकेस’ ने।

व्लादिमीर पुतिन का ‘पू सूटकेस’ क्या है?

जब भी व्लादिमीर पुतिन विदेश यात्रा पर जाते हैं, उनकी सिक्योरिटी टीम के पास हमेशा एक खास सूटकेस होता है। इस सूटकेस को आम भाषा में ‘पू सूटकेस’ कहा जाता है। यह कोई साधारण बैग नहीं बल्कि बुलेटप्रूफ और हाई सिक्योरिटी वाला बैग है। इसमें पुतिन का मल और मूत्र एकत्र किया जाता है और फिर सील करके सुरक्षित तरीके से रूस वापस भेजा जाता है।

पुतिन ऐसा क्यों करते हैं?

स्वास्थ्य रहस्य सुरक्षित रखने की कवायद

व्लादिमीर पुतिन के इस अजीबोगरीब कदम के पीछे एक गंभीर कारण है। मेडिकल एक्सपर्ट्स मानते हैं कि किसी भी व्यक्ति के मल और मूत्र की जांच से उसकी सेहत, खान-पान, जीवनशैली और संभावित बीमारियों के बारे में गहरी जानकारी मिल सकती है। यही वजह है कि पुतिन नहीं चाहते कि उनके राजनीतिक दुश्मन या विदेशी खुफिया एजेंसियां उनकी शारीरिक स्थिति के बारे में कोई राज़ हासिल करें।

व्लादिमीर पुतिन और सेहत को लेकर उड़ती अफवाहें

पिछले कुछ सालों में व्लादिमीर पुतिन की सेहत को लेकर कई तरह की चर्चाएं हुईं। कहीं कहा गया कि उन्हें कैंसर है, तो कहीं दावा किया गया कि वे डिमेंशिया या पार्किंसंस से जूझ रहे हैं। हालांकि, क्रेमलिन ने इन अफवाहों का कभी आधिकारिक तौर पर खंडन या समर्थन नहीं किया। लेकिन इन खबरों ने यह साफ कर दिया कि पुतिन अपनी सेहत से जुड़ी किसी भी जानकारी को पूरी तरह गोपनीय रखना चाहते हैं।

पुतिन और उनका पोर्टेबल टॉयलेट

2019 में पेरिस में आयोजित यूक्रेन शांति सम्मेलन के दौरान व्लादिमीर पुतिन को बाथरूम जाते समय छह बॉडीगार्ड्स के साथ देखा गया। इनमें से एक गार्ड का काम केवल यह था कि पुतिन के मल और मूत्र को इकट्ठा कर विशेष पैकेट में सील करे और उसे सूटकेस में रखे। बताया जाता है कि उनके साथ हमेशा एक पोर्टेबल टॉयलेट भी चलता है ताकि उन्हें कहीं और बाथरूम का इस्तेमाल न करना पड़े।

जासूसी की आशंका और सुरक्षा की रणनीति

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई खुफिया एजेंसियां हमेशा नेताओं की सेहत की जानकारी हासिल करने की कोशिश करती हैं। यदि किसी नेता की कमजोरी उजागर हो जाए, तो यह राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर बड़ा हथियार बन सकती है। इसी खतरे को भांपते हुए व्लादिमीर पुतिन ने यह अनोखी सुरक्षा नीति अपनाई है।

इतिहास में अन्य नेताओं की सुरक्षा पद्धतियां

हालांकि व्लादिमीर पुतिन का ‘पू सूटकेस’ एक अनोखी खबर है, लेकिन यह पहली बार नहीं है जब किसी विश्व नेता ने अपनी सेहत की जानकारी छिपाने के लिए ऐसे कदम उठाए हों। शीत युद्ध के दौरान भी कई बार अमेरिकी और सोवियत खुफिया एजेंसियां नेताओं के निजी डेटा जुटाने में जुटी थीं। मगर पुतिन ने इसे नई ऊंचाई तक पहुंचा दिया।

क्या सचमुच बीमार हैं पुतिन?

यह सवाल बार-बार उठता है कि आखिर पुतिन इतना परहेज़ क्यों करते हैं। क्या वास्तव में उन्हें गंभीर बीमारी है? या फिर यह सब सिर्फ एहतियातन है? विशेषज्ञों का मानना है कि व्लादिमीर पुतिन की उम्र 70 पार होने के बाद भी वे फिट दिखते हैं, लेकिन उनका इतना सतर्क रहना इस बात का संकेत भी हो सकता है कि वे किसी भी जोखिम से बचना चाहते हैं।

व्लादिमीर पुतिन का ‘पू सूटकेस’ केवल एक अजीबोगरीब चीज नहीं, बल्कि उनकी सुरक्षा रणनीति का अहम हिस्सा है। यह सूटकेस बताता है कि पुतिन अपनी निजी जानकारी को लेकर कितने सतर्क और संवेदनशील हैं। चाहे अफवाहें हों या हकीकत, एक बात साफ है—दुनिया का सबसे शक्तिशाली नेता भी अपनी सेहत और सुरक्षा को लेकर किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करना चाहता।

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