हाइलाइट्स
- Virginity Test को लेकर तुर्कमेनिस्तान की शादी परंपरा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
- नवविवाहित जोड़ा चादर के नीचे ससुराल वालों के सामने सुहागरात मनाता नजर आया
- चादर पर खून के धब्बे को बताया जा रहा है ‘Virginity Test’ का प्रमाण
- कई विशेषज्ञ और यूजर्स इस परंपरा को मानवीय गरिमा के खिलाफ और असत्य करार दे रहे हैं
- अब तक किसी विश्वसनीय स्रोत से Virginity Test जैसी किसी परंपरा की पुष्टि नहीं हुई है
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है विचित्र वीडियो
मध्य एशियाई देश तुर्कमेनिस्तान से जुड़ा एक चौंकाने वाला वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो देश की एक पारंपरिक शादी की रस्म को दर्शाता है, जिसमें नवविवाहित जोड़ा परिवारजनों के सामने चादर के नीचे सुहागरात मनाता है और चादर पर खून के धब्बे देखकर दुल्हन की Virginity Test की पुष्टि की जाती है।
वीडियो में दिखाया गया है कि सास-ससुर और अन्य परिवारजन कमरे में मौजूद हैं, जबकि दूल्हा-दुल्हन एक सफेद चादर में लिपटे हैं। कुछ ही क्षणों बाद चादर पर खून के धब्बे नजर आते हैं और परिवार वाले खुशी जताते हैं। इसे दुल्हन की पवित्रता का प्रमाण कहा जा रहा है।
क्या वाकई है तुर्कमेनिस्तान की परंपरा?
Virginity Test जैसी परंपरा की पुष्टि नहीं
हालांकि सोशल मीडिया पर इस वीडियो को Virginity Test की परंपरा से जोड़कर वायरल किया जा रहा है, लेकिन तुर्कमेनिस्तान की किसी आधिकारिक संस्था या सांस्कृतिक दस्तावेज में इस तरह की परंपरा की पुष्टि नहीं हुई है। कई सांस्कृतिक विशेषज्ञ और मानवाधिकार कार्यकर्ता इसे गलत और भ्रामक बताते हैं।
तुर्कमेनिस्तान में अधिकतर शादियां पारंपरिक तरीके से होती हैं, जहां दुल्हन के कुंवारी होने की सामाजिक अपेक्षा जरूर होती है, लेकिन किसी प्रकार का सार्वजनिक Virginity Test या ऐसी शर्मनाक रस्म का कोई प्रमाण ऐतिहासिक रूप से नहीं मिला है।
‘चादर पर खून के निशान’ परंपरा: सिर्फ मिथक?
भारत, मिडिल ईस्ट और बाल्कन क्षेत्रों में रही हैं ऐसी परंपराएं
यह पहली बार नहीं है जब किसी संस्कृति में Virginity Test को लेकर विवाद खड़ा हुआ है। भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और कुछ बाल्कन देशों में “चादर की जांच” की परंपराएं रही हैं। इसमें शादी की पहली रात के बाद चादर पर खून के निशान को पवित्रता का प्रमाण माना जाता है।
हालांकि समय के साथ ऐसी परंपराओं का विरोध बढ़ा है। विशेषज्ञों का कहना है कि Virginity Test वैज्ञानिक दृष्टिकोण से पूरी तरह अवैज्ञानिक और अपमानजनक है। पहली रात खून आना हर स्त्री के साथ नहीं होता और इसे किसी की चरित्र परीक्षा बनाना घोर मानसिक उत्पीड़न है।
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क्या है वायरल वीडियो की सच्चाई?
विशेषज्ञों की राय: वीडियो हो सकता है स्क्रिप्टेड या सांस्कृतिक विकृति
अनेक विशेषज्ञों ने यह आशंका जताई है कि वायरल वीडियो फेक या किसी स्थानीय या सीमित प्रथा का दृश्य हो सकता है, जिसे पूरी संस्कृति पर लागू करना सही नहीं है। किसी भी तरह के Virginity Test को सार्वजनिक रूप से करना मानव गरिमा का उल्लंघन माना जाता है।
तुर्कमेनिस्तान जैसे रूढ़िवादी समाज में खुलेआम कैमरे पर इस तरह की घटना का होना बेहद असंभव लगता है। कई यूजर्स ने भी कमेंट में इसे स्क्रिप्टेड वीडियो बताया है, जिसका मकसद केवल सनसनी फैलाना हो सकता है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
“औरत कोई टेस्ट नहीं है”: लोगों का गुस्सा
वीडियो के वायरल होते ही हजारों यूजर्स ने इसकी निंदा की है। एक यूजर ने लिखा, “औरत कोई Virginity Test पास करने वाला उपकरण नहीं है। यह परंपरा नहीं, विकृति है।” वहीं एक अन्य ने टिप्पणी की, “अगर ये सच है तो ये संस्कृति नहीं, शर्म है।”
महिलाओं के अधिकारों के लिए काम कर रहे संगठनों ने भी ऐसी किसी भी परंपरा के खिलाफ कड़ी आपत्ति जताई है और इसे “मानवाधिकार का उल्लंघन” बताया है।
कानूनी और सामाजिक दृष्टिकोण
WHO (World Health Organization) ने 2018 में ही Virginity Test को “मानव अधिकारों का हनन” बताया था। भारत में भी सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों ने कई बार कहा है कि कौमार्य परीक्षण गैरकानूनी है और यह महिला की निजता के खिलाफ है।
इस तरह की कुप्रथाओं को सम्मान की परंपरा कहना समाज को पीछे ले जाता है, न कि आगेपरंपरा या अफवाह?
वायरल हो रहा यह वीडियो जितना सनसनीखेज है, उतना ही संदेहास्पद भी। तुर्कमेनिस्तान की संस्कृति को बदनाम करने या भ्रामक परंपरा को सनसनी बनाकर परोसे जाने की पूरी आशंका है। बगैर विश्वसनीय स्रोत और पुष्टि के किसी भी वीडियो को सांस्कृतिक सत्य मान लेना गंभीर गलती है।
Virginity Test जैसी कुप्रथाएं आज भी समाज में किसी न किसी रूप में मौजूद हैं, लेकिन इन्हें रोकना और जागरूकता फैलाना ही सही दिशा होगी।