हाइलाइट्स
- Viral Video इस Viral Video में TMC नेता को CPM नेता पर हमला करते हुए देखा गया
- वीडियो पश्चिम बंगाल के खड़गपुर का बताया जा रहा है, जहां सरेआम मारपीट और बदसलूकी हुई
- पीड़ित नेता अनिल दास, CPM के वरिष्ठ नेता हैं, जिन पर हमला और स्याही फेंकी गई
- TMC नेता की पहचान बेबी कोली के रूप में हुई है, जो पहले भी विवादों में रही हैं
- घटना के दौरान लोग मूकदर्शक बने रहे, पुलिस की मौजूदगी का कोई संकेत नहीं मिला
घटना की पृष्ठभूमि
पश्चिम बंगाल का खड़गपुर शहर एक बार फिर राजनीतिक उथल-पुथल के केंद्र में आ गया है। एक viral video ने पूरे राज्य की राजनीति में सनसनी फैला दी है। इस वीडियो में तृणमूल कांग्रेस (TMC) की स्थानीय नेता बेबी कोली को, सीपीएम (CPM) के वरिष्ठ नेता अनिल दास पर सरेआम हमला करते हुए देखा गया। वीडियो में साफ़ तौर पर दिखता है कि कैसे अनिल दास की पिटाई की जाती है, उनके कपड़े फाड़े जाते हैं और अंत में उन पर स्याही फेंकी जाती है।
वीडियो की सत्यता और सोशल मीडिया पर हलचल
इस viral video ने सोशल मीडिया पर आग की तरह फैलते हुए राजनीतिक बहस को जन्म दे दिया है। वीडियो की लंबाई लगभग 1 मिनट 12 सेकंड की है, जिसमें घटना का पूरा दृश्य सामने आता है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो हाल ही में हुए नगरपालिका चुनाव से संबंधित विवाद का परिणाम है।
फेसबुक, एक्स (पूर्व ट्विटर), और इंस्टाग्राम पर वीडियो को लाखों बार देखा जा चुका है। हैशटैग #KhargpurViralVideo, #TMCvsCPM और #BabyKoley ट्रेंड कर रहे हैं। यह viral video न केवल राजनीति से जुड़े लोगों के बीच, बल्कि आम जनता में भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
TMC नेता बेबी कोली कौन हैं?
बेबी कोली, TMC की स्थानीय इकाई की प्रभावशाली नेता मानी जाती हैं। वह पहले भी कई बार विवादों में घिरी रही हैं, जिनमें सार्वजनिक जगहों पर बहस, प्रशासन से टकराव और आक्रामक भाषण शामिल हैं। यह viral video उनकी छवि पर गहरा असर डाल सकता है।
पीड़ित अनिल दास की प्रतिक्रिया
सीपीएम नेता अनिल दास, जो इस घटना के केंद्र में हैं, ने मीडिया से बात करते हुए कहा,
“यह सिर्फ एक राजनीतिक हमला नहीं था, यह लोकतंत्र पर हमला था। मुझे सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया। मेरे कपड़े फाड़े गए और मुझ पर स्याही फेंकी गई। मैं इसका कानूनी रास्ता लूंगा।”
उन्होंने viral video को सबूत के तौर पर पुलिस को सौंपने की बात भी कही है।
प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल
इस viral video में कहीं भी पुलिस या प्रशासन का कोई हस्तक्षेप नहीं दिखता। इससे कई सवाल उठते हैं — क्या पुलिस पहले से सूचना होते हुए भी मौके पर नहीं पहुंची? या फिर यह जानबूझकर नजरअंदाज किया गया मामला था?
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही हैं, लेकिन प्रशासन सत्ताधारी पार्टी के दबाव में चुप बैठा है।
चौंकाने यह वायरल वीडियो पश्चिम बंगाल के खड़गपुर का बताया जा रहा है !!#TMC नेता बेबी कोली को कथित तौर पर वरिष्ठ CPM नेता अनिल दास पर हमला करते हुए देखा गया !!
दास की पिटाई की गई, कपड़े फाड़े गए और उन पर स्याही फेंकी गई, जबकि दर्शक देखते रहे !! #ViralVideo #Soshalmidia pic.twitter.com/PdID2K6brP
— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) June 30, 2025
राजनीतिक विश्लेषण: क्या है इस हमले के पीछे का मकसद?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह viral video पश्चिम बंगाल की राजनीतिक संस्कृति में बढ़ती असहिष्णुता का प्रतीक है। TMC और CPM के बीच राजनीतिक कटुता कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस तरह का सार्वजनिक हमला लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खतरा बनता जा रहा है।
विपक्ष का हमला और टीएमसी की सफाई
बीजेपी और वामपंथी दलों ने इस viral video को लेकर तृणमूल कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा,
“यह पश्चिम बंगाल में अराजकता की पराकाष्ठा है। यह एक गुंडाराज है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जवाब देना होगा।”
वहीं, टीएमसी प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा,
“घटना की जांच की जा रही है। पार्टी किसी भी प्रकार की हिंसा को समर्थन नहीं देती। यदि बेबी कोली दोषी पाई जाती हैं तो कार्रवाई की जाएगी।”
वायरल वीडियो के कानूनी और सामाजिक पहलू
भारत में viral video अब केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि राजनीतिक सबूत और सामाजिक बहस का केंद्र बन चुके हैं। इस वीडियो ने यह भी दिखाया कि कैसे जनता मूकदर्शक बनी रहती है, जब लोकतांत्रिक मर्यादाएं तार-तार की जा रही होती हैं।
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं में आईपीसी की कई धाराएं लग सकती हैं —
- धारा 323 (मारपीट)
- धारा 354 (शारीरिक अपमान)
- धारा 504 (शांति भंग करने की नीयत से अपमान)
साथ ही स्याही फेंकना भी कानूनन अपमानजनक आचरण में आता है।
क्या यही है नए भारत की राजनीति?
इस viral video ने भारतीय राजनीति के गिरते स्तर को उजागर किया है। सार्वजनिक रूप से अपमान, मारपीट और सत्ता के नशे में लोकतंत्र को कुचलने की मानसिकता अब रिकॉर्ड पर आ चुकी है। यह जनता, प्रशासन और लोकतंत्र तीनों के लिए चिंताजनक है।
अब देखना होगा कि क्या इस viral video के बाद भी राजनीति में नैतिकता की कोई जगह बची है या यह सिर्फ एक और भूला दिया जाने वाला वीडियो बनकर रह जाएगा।