हाइलाइट्स
- गाजियाबाद का यह viral video सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसने समाज की संवेदनाओं को झकझोर दिया है।
- 12 सेकंड के इस वीडियो में एक युवक खुलेआम नाबालिग लड़की पर डंडों से हमला करता दिख रहा है।
- वीडियो में मौजूद लोग सिर्फ देख रहे हैं, कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया।
- पीड़िता की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें आरोपी लड़की की सहेली का पति बताया गया है।
- यह मामला न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल उठाता है, बल्कि समाज की चुप्पी पर भी गंभीर प्रश्न खड़े करता है।
गाजियाबाद में वायरल हुआ 12 सेकंड का वीडियो: इंसानियत हुई शर्मसार
गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) — सोशल मीडिया पर एक viral video ने लोगों के दिलों को दहला दिया है। यह वीडियो महज 12 सेकंड का है, लेकिन इसका प्रभाव समाज की संवेदनशीलता और सुरक्षा व्यवस्था पर गहरा असर छोड़ गया है। वीडियो में एक युवक एक नाबालिग लड़की को बेरहमी से डंडों से पीटता हुआ नजर आ रहा है। आसपास लोग खड़े हैं, कुछ बाइक पर बैठे हैं, लेकिन कोई भी उस लड़की की मदद करने के लिए आगे नहीं आता।
घटना का विवरण: वीडियो में क्या है?
इस viral video में जो नजर आता है वह अत्यंत क्रूर और अमानवीय है। वीडियो में दिख रहा युवक अचानक लड़की के पास आता है और जोर-जोर से डंडे बरसाने लगता है। लड़की चीखती है, खुद को बचाने की कोशिश करती है, लेकिन मदद के लिए कोई हाथ आगे नहीं बढ़ता। कुछ लोग घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहे हैं, जबकि अन्य मूकदर्शक बने रहते हैं।
इस viral video के वायरल होते ही गाजियाबाद पुलिस हरकत में आई और वीडियो की जांच शुरू की। पीड़िता की ओर से थाना क्षेत्र में एफआईआर दर्ज कराई गई है। एफआईआर में लड़की ने बताया कि उसका अपनी सहेली से झगड़ा हुआ था और उसकी सहेली के पति ने उसे पीटा।
यूपी के गाजियाबाद में 12 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है, बेशक यह वीडियो 12 सेकंड का है लेकिन समाज पर, इंसानियत पर और सच्चाई पर सवाल खड़े कर रहा है !!
वीडियो में दिख रहा है कि एक युवक गुस्से में एक नाबालिग पर डंडे बरसा रहा है, किसी ने वीडियो भी बनाया, कुछ लोग खड़े भी थे, कुछ… pic.twitter.com/NQm0pYuPL8
— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) June 29, 2025
कानूनी पहलू: क्या बोले अधिकारी?
गाजियाबाद पुलिस ने इस viral video के सामने आने के बाद त्वरित कार्रवाई की है। पुलिस अधीक्षक (नगर) निपुण अग्रवाल ने मीडिया को बताया:
“हमने वीडियो का संज्ञान लिया है और पीड़िता की शिकायत पर आरोपी युवक के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच जारी है और जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा।”
पुलिस के अनुसार, IPC की धारा 323 (मारपीट), 506 (धमकी), और पॉक्सो एक्ट की धाराएं भी लगाई जा सकती हैं, क्योंकि पीड़िता नाबालिग है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं: समाज की चुप्पी पर उठे सवाल
इस viral video ने न सिर्फ हिंसा को उजागर किया है, बल्कि समाज की चुप्पी और संवेदनहीनता को भी सामने रखा है। सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब इतने लोग मौजूद थे, तो किसी ने हस्तक्षेप क्यों नहीं किया?
एक ट्विटर यूजर ने लिखा:
“क्या हम इतने निर्जीव हो चुके हैं कि एक बच्ची पर होते अत्याचार को चुपचाप देखते रहें? यह वीडियो हमारी सामाजिक मृत्यु का प्रमाण है।”
एक अन्य ने कहा:
“यह सिर्फ एक viral video नहीं, यह हमारे मौन की वीडियो है — डरावनी, शर्मनाक और संवेदनहीन।”
Viral Video के सामाजिक प्रभाव: क्या हम संवेदनहीन हो गए हैं?
हर बार जब कोई ऐसा viral video सामने आता है, तो कुछ दिन के लिए हम दुखी होते हैं, कुछ पोस्ट लिखते हैं, लेकिन फिर भूल जाते हैं। सवाल यह है कि क्या हम सच में संवेदनहीन हो चुके हैं? क्या हमारे लिए किसी की पीड़ा सिर्फ एक मोबाइल स्क्रीन तक सीमित है?
विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार ऐसे मामलों में लोगों की निष्क्रियता एक खतरनाक सामाजिक प्रवृत्ति को जन्म दे रही है। दिल्ली विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग की प्रोफेसर मीना चौधरी कहती हैं:
“इस तरह के viral video सिर्फ अपराध नहीं दिखाते, बल्कि सामूहिक चेतना के पतन को भी उजागर करते हैं। अगर हम अभी नहीं जागे, तो अगली बार पीड़ित कोई और नहीं, हम या हमारे अपने भी हो सकते हैं।”
नाबालिगों की सुरक्षा: क्या कानून पर्याप्त हैं?
भारत में बच्चों की सुरक्षा के लिए कई कानून मौजूद हैं, जैसे कि पॉक्सो एक्ट (POCSO Act)। लेकिन जब तक समाज का सहयोग न हो, तब तक कोई भी कानून प्रभावी नहीं हो सकता। इस viral video ने यह स्पष्ट किया है कि कड़े कानून भी तब बेकार हैं, जब समाज खुद आँख मूँद ले।
समाप्ति विचार: सिर्फ वायरल वीडियो देखना काफी नहीं, कुछ करना होगा
गाजियाबाद का यह 12 सेकंड का viral video कोई मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी है। यह हमें याद दिलाता है कि जब हम किसी पीड़ित की मदद नहीं करते, तब हम भी अपराधी की तरह ही दोषी बन जाते हैं।
अब समय है कि हम केवल viral video देखने और शेयर करने तक सीमित न रहें, बल्कि हर अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाएं। सोशल मीडिया की ताकत तभी सार्थक होगी जब वह एक बदलाव का माध्यम बने — न कि केवल तमाशा दिखाने वाला मंच।