हाइलाइट्स
- चीन से वीडियो वायरल: एससीओ समिट में मलेशियाई प्रधानमंत्री की पत्नी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हाथ मिलाने से इनकार किया।
- तियानजिन में आयोजित एससीओ बैठक के दौरान यह वाकया कैमरे में कैद हुआ।
- जिनपिंग ने हाथ बढ़ाया, लेकिन वान अजीजा ने हाथ जोड़कर अभिवादन किया।
- वीडियो सोशल मीडिया पर धार्मिक कट्टरवाद और पाखंड से जोड़ा जा रहा है।
- भारत में भी इस घटना पर राजनीतिक और कूटनीतिक चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
चीन से वीडियो वायरल इन दिनों वैश्विक कूटनीति और धार्मिक परंपराओं पर बहस का बड़ा मुद्दा बन गया है। तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के दौरान सामने आया यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम की पत्नी वान अजीजा ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया।
चीन से वीडियो वायरल: क्या था पूरा मामला?
तियानजिन में आयोजित चीन से वीडियो वायरल घटना एससीओ समिट के स्वागत समारोह से जुड़ी है। परंपरा के मुताबिक राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनकी पत्नी अतिथियों का एक-एक कर स्वागत कर रहे थे।
- सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और व्लादिमीर पुतिन का स्वागत हुआ।
- इसके बाद मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने जिनपिंग से हाथ मिलाया।
- जिनपिंग ने उनकी पत्नी वान अजीजा की ओर भी हाथ बढ़ाया।
- लेकिन वान अजीजा ने हाथ जोड़कर सिर झुका लिया और पारंपरिक अभिवादन किया।
यह क्षण कैमरों में कैद हो गया और अब यही चीन से वीडियो वायरल चर्चा का विषय बना हुआ है।
चीन से वीडियो वायरल: सोशल मीडिया पर बहस
इस चीन से वीडियो वायरल क्लिप को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।
धार्मिक दृष्टिकोण
कई यूजर्स का मानना है कि वान अजीजा ने अपने धार्मिक विश्वासों का पालन किया। इस्लामिक परंपरा के मुताबिक महिलाएं गैर-महरम पुरुषों से हाथ नहीं मिलातीं।
कट्टरवाद का आरोप
दूसरी ओर, कुछ लोग इसे कट्टरवाद और धार्मिक कट्टरपंथ से जोड़ रहे हैं। उनका तर्क है कि वैश्विक मंच पर ऐसी घटनाएं कूटनीतिक असहजता को जन्म देती हैं।
पाखंड का तर्क
कुछ लोगों ने इसे पाखंड भी बताया। उनका कहना है कि वही मलेशिया, जिसने भगोड़े जाकिर नाइक को शरण दी, अब वैश्विक स्तर पर धार्मिक परंपरा का दिखावा कर रहा है।
चीन से वीडियो वायरल: भारत की प्रतिक्रिया
भारत भी इस चीन से वीडियो वायरल घटना को लेकर चर्चा में है।
- भारत के कई राजनीतिक विशेषज्ञों ने इसे कूटनीतिक संकेतों से जोड़कर देखा।
- उनका मानना है कि मलेशिया पहले से ही भारत विरोधी रवैया अपनाता रहा है।
- जाकिर नाइक को शरण देने और हिंदू मंदिरों को तोड़ने जैसी घटनाओं का हवाला दिया गया।
- अब इस घटना ने भारत-मलेशिया संबंधों पर और सवाल खड़े कर दिए हैं।
Malaysia’s First Lady skips handshake with Xi Jinping over Sharia rules on men-women contact, but PM Anwar Ibrahim shakes hands with China’s First Lady Peng Liyuan. 👀
pic.twitter.com/pe8xKOXzZF— Siddharth (@Siddharth_00001) September 2, 2025
चीन से वीडियो वायरल: मलेशिया का विवादित अतीत
मलेशिया अक्सर भारत के लिए विवाद का विषय रहा है।
- हाल ही में 130 साल पुराने मंदिर को हटाकर मस्जिद बनाने का मामला सामने आया।
- मलेशिया ने कई बार भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी की है।
- जाकिर नाइक को खुलेआम मलेशिया में रहने और प्रचार करने की अनुमति दी गई।
इस पृष्ठभूमि में चीन से वीडियो वायरल घटना को केवल धार्मिक परंपरा के नजरिए से देखना मुश्किल है।
चीन से वीडियो वायरल: अंतरराष्ट्रीय मंच पर असर
यह चीन से वीडियो वायरल घटना केवल सोशल मीडिया तक सीमित नहीं है।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीति में यह मुद्दा चर्चा का विषय बन सकता है।
- एससीओ जैसे मंच पर ऐसे व्यवहार से देशों के बीच असहजता बढ़ सकती है।
- यह सवाल उठ रहा है कि क्या व्यक्तिगत धार्मिक विश्वास वैश्विक कूटनीति से ऊपर रखे जाने चाहिए।
चीन से वीडियो वायरल: क्या कहता है प्रोटोकॉल?
कूटनीति में हर छोटी-बड़ी चीज मायने रखती है। अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के अनुसार, मेहमानों और मेजबानों के बीच शिष्टाचार के तौर-तरीके महत्वपूर्ण होते हैं।
- हाथ मिलाना एक वैश्विक प्रोटोकॉल माना जाता है।
- हालांकि, कुछ देशों में सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराएं अलग होती हैं।
- ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वान अजीजा को पहले से अपने प्रोटोकॉल की जानकारी देनी चाहिए थी।
चीन से वीडियो वायरल: भविष्य पर असर
यह घटना केवल एक वीडियो तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके कूटनीतिक मायने भी हो सकते हैं।
- भारत और मलेशिया के संबंधों में और खटास आ सकती है।
- चीन भी इस घटना को हल्के में नहीं लेगा, क्योंकि यह सीधे राष्ट्रपति शी जिनपिंग से जुड़ा मामला है।
- अंतरराष्ट्रीय मीडिया में मलेशिया की छवि पर भी असर पड़ सकता है।
चीन से वीडियो वायरल घटना केवल एक साधारण अभिवादन का मामला नहीं है, बल्कि यह वैश्विक कूटनीति, धार्मिक परंपरा और व्यक्तिगत आस्था से जुड़ा जटिल मुद्दा बन गया है। मलेशियाई प्रधानमंत्री की पत्नी के इस कदम ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में यह घटना भारत-मलेशिया-चीन संबंधों को किस दिशा में ले जाती है।