लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश—फरधान थाना क्षेत्र में तैनात दरोगा राणा प्रताप सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे कथित रूप से रिश्वत लेते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस घटना ने पुलिस विभाग की छवि पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और स्थानीय समुदाय में आक्रोश का माहौल है।
घटना का विवरण
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक युवक थाने के भीतर एक कमरे में दरोगा राणा प्रताप सिंह को कुछ रुपये दे रहा है। बातचीत से स्पष्ट होता है कि यह लेन-देन किसी कागजी सत्यापन के लिए हो रहा है। यह वीडियो लगभग 15 दिन पुराना बताया जा रहा है, लेकिन इसके वायरल होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।
पुलिस विभाग की प्रतिक्रिया
वीडियो के वायरल होने के तुरंत बाद, पुलिस अधीक्षक (एसपी) संकल्प शर्मा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दरोगा राणा प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया है। एसपी ने इस मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) को सौंपी है ताकि घटना की सच्चाई सामने आ सके।
आरोपी दरोगा का पक्ष
निलंबन के बाद, दरोगा राणा प्रताप सिंह ने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया है। उनका कहना है कि वीडियो में दिखाया गया लेन-देन उधार दिए गए 200 रुपये की वापसी का है, न कि किसी जमानत कागज के सत्यापन के लिए रिश्वत लेने का। फिर भी, पुलिस विभाग ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए उन्हें निलंबित कर दिया है।
लखीमपुर में तैनात दरोगा राणा प्रताप का रिश्वत लेते वीडियो हुआ वायरल !!
लखीमपुर खीरी में काम के बदले दाम लेते हुए एक दरोगा का वीडियो फिर हुआ वायरल !!
पुलिस वेरिफिकेशन के नाम पर पीड़ित से मांगी गई थी रिश्वत, थाना फरधान में तैनात है दरोगा राणा प्रताप !!#viralvideo @Uppolice pic.twitter.com/vySbUaGbck
— जनाब खान क्राइम रिपोर्टर (@janabkhan08) February 14, 2025
स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया
इस घटना के प्रकाश में आने के बाद, स्थानीय समुदाय में पुलिस विभाग के प्रति नाराजगी और अविश्वास की भावना बढ़ गई है। लोगों का कहना है कि ऐसे मामलों से पुलिस की साख पर बुरा असर पड़ता है और आम जनता का विश्वास कम होता है। स्थानीय निवासियों ने उच्च अधिकारियों से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि दोषियों को उचित सजा मिल सके।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम की आवश्यकता
यह घटना एक बार फिर से पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है। ऐसे मामलों से न केवल विभाग की छवि धूमिल होती है, बल्कि कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठते हैं। इसलिए, आवश्यक है कि पुलिस विभाग अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के आचरण पर सख्त निगरानी रखे और भ्रष्टाचार के मामलों में त्वरित और कठोर कार्रवाई करे।
फरधान थाना क्षेत्र में दरोगा राणा प्रताप सिंह का रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल होने की घटना ने पुलिस विभाग की साख पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। इस मामले में एसपी द्वारा त्वरित निलंबन और जांच के आदेश देना एक सकारात्मक कदम है, लेकिन यह भी आवश्यक है कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी हो ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों को उचित सजा मिल सके। साथ ही, पुलिस विभाग को अपने अधिकारियों के आचरण पर सख्त निगरानी रखते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी चाहिए ताकि जनता का विश्वास बहाल हो सके।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि कानून के रक्षक ही जब कानून का उल्लंघन करते हैं, तो समाज में अव्यवस्था और अविश्वास का माहौल बनता है। इसलिए, पुलिस विभाग और सरकार को मिलकर ऐसे कदम उठाने चाहिए जिससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे और जनता का विश्वास कानून व्यवस्था में बना रहे।